Valmiki Ramayana: हर रोज करें ये काम, बना रहेगा सुख और पैसा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Aug, 2022 08:49 AM

valmiki ramayana

वाल्मीकि रामायण में बहुत सारी ऐसी शिक्षाएं दी गई हैं जिनका पालन करने से जीवन में कभी किसी चीज का अभाव नहीं रहता। वाल्मीकि रामायण

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Valmiki Ramayana: वाल्मीकि रामायण में बहुत सारी ऐसी शिक्षाएं दी गई हैं जिनका पालन करने से जीवन में कभी किसी चीज का अभाव नहीं रहता। वाल्मीकि रामायण में एक श्लोक के अनुसार अपने गुरु, माता-पिता और बुजुर्गों की सेवा करने से चार चीजों की प्राप्ति अवश्य होती है।

श्लोक- स्वार्गो धनं वा धान्यं वा विद्या पुत्राः सुखानि च। गुरुवृत्तयनुरोधेन न किंचदपि दुर्लभम्।

जिस घर में गुरु, माता-पिता और बुजुर्गों की सेवा सच्चे मन और श्रद्धा भाव से की जाती है वहां कभी अन्न-धन की कमी नहीं रहती। 

PunjabKesari Valmiki Ramayana

हम जब तक स्वयं को जानने का प्रयास नहीं करेंगे, प्रगति नहीं कर सकते। सामर्थ्य हमारे अंदर है। बस उसे पहचानना है। यहीं गुरु का काम प्रारंभ होता है। वह हमें हमारी क्षमताओं से परिचित करवाते हैं। परमहंस रामकृष्ण नहीं मिलते तो नरेंद्रनाथ दत्त विवेकानंद नहीं बन सकते थे। नेत्रहीन स्वामी विरजानंद ने मूलशंकर को स्वामी दयानंद सरस्वती बना दिया। हर व्यक्ति अपना दीपक अथवा गुरु नहीं बन सकता। स्वयं दीपक या प्रकाश बनने के लिए भी उचित मार्गदर्शन अनिवार्य है। यह मार्गदर्शन एक गुरु की संगति के बिना कठिन है। 

PunjabKesari Valmiki Ramayana
समाज में संतान का होना अत्यावश्यक है, बिना संतति के जीवन लोक व परलोकार्थ सफल नहीं होता। जीवन में अच्छी संतान का सुख प्राप्त करने के लिए अच्छे कर्म करें। गुरु, माता-पिता और बुजुर्गों की सेवा करें अन्यथा इतिहास अपने आप को दोहराता है। जैसे बीज आप बोएंगे वैसा फल काटेंगे। संतान भी हो लेकिन कपूत हो, आज्ञा नहीं मानती हो तो ऐसी संतान से निरंतर अपमान सहना पड़ता है, लोगों की शिकायतें सुननी पड़ती हैं, घर का वातावरण भी दूषित हो जाता है। समाज में जो सम्मान अर्जित किया है वह भी बर्बाद हो जाता है। जिन लोगों की ऐसी संतान होती है वे बड़े ही दुर्भाग्यशाली होते हैं। संतान चरित्रहीन, दुष्ट, आवारा हो जाए तो भी माता-पिता के लिए अपमानजनक स्थिति हो जाती है। 

PunjabKesari Valmiki Ramayana
व्यक्ति के द्वारा किए गए कर्म उसका भविष्य तय करते हैं। जो व्यक्ति आदर्शों और संस्कारों के साथ जीवन निर्वाह करता है वह स्वर्ग का भागी बनता है। पुराणों में बहुत सारी कथाओं का वर्णन है जिनसे ज्ञात होता है की सेवा के बल पर किसी भी गलती या पाप का प्रायश्चित किया जा सकता है। गुरू को भगवान से बढ़कर मानने वाले के सभी पापों का नाश हो जाता है।

PunjabKesari kundli

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!