Edited By Prachi Sharma,Updated: 26 Apr, 2025 11:47 AM
भारत में हजारों मंदिर हैं और हर मंदिर की अपनी अलग पहचान, मान्यता और पूजा की विधि होती है। इसी तरह, काशी जो कि भगवान शिव की नगरी कहलाती है यहां हर गली, हर मोड़ पर मंदिरों की भरमार है।
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Brihaspati Temple Kashi: भारत में हजारों मंदिर हैं और हर मंदिर की अपनी अलग पहचान, मान्यता और पूजा की विधि होती है। इसी तरह, काशी जो कि भगवान शिव की नगरी कहलाती है यहां हर गली, हर मोड़ पर मंदिरों की भरमार है। इन्हीं मंदिरों के बीच एक खास और अत्यंत प्राचीन मंदिर है, जो गुरु बृहस्पति देव को समर्पित है।
जब भी कोई भक्त बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने काशी आता है, तो वो इस मंदिर में दर्शन किए बिना वापस नहीं जाता। ये मंदिर मुख्य मार्केट एरिया में स्थित है, इसलिए विश्वनाथ मंदिर से पैदल चलते हुए यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।
क्या है इस मंदिर की खास मान्यता ?
ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से पूजा करने से जीवन में आ रही करियर संबंधी रुकावटें दूर होती हैं। नौकरी, शिक्षा या व्यापार में आने वाली परेशानियों का निवारण इस स्थान पर आकर होता है। लोग यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और गुरु की कृपा पाने की कामना करते हैं।
कैसे बना यह मंदिर और क्यों है इतना खास ?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, स्वयं भगवान शिव ने गुरु बृहस्पति को काशी में स्थान दिया था। इसलिए इस मंदिर को विशेष दर्जा प्राप्त है और यह माना जाता है कि गुरु बृहस्पति का यह स्थान काशी में सबसे ऊंचा है। यहां हर गुरुवार को विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
मंदिर की एक खास बात यह भी है कि यहां पीले रंग का विशेष महत्व है। भक्तजन पीले वस्त्र पहनकर आते हैं और पीली मिठाई, चने की दाल, केले आदि का भोग लगाते हैं। पूरा मंदिर भी पीले फूलों और सजावटी वस्तुओं से सजाया जाता है।