Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Apr, 2023 02:02 PM
शयन कक्ष के कारक ग्रह मंगल एवं शुक्र हैं। मंगल पुरुष का तथा शुक्र ग्रह महिला का कारक है। पति-पत्नी (पुरुष एवं महिला) के प्रयोग के लिए शयन कक्ष ही उचित स्थान है। दम्पति में कलह हो तो देखें कि
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Vashikaran: शयन कक्ष के कारक ग्रह मंगल एवं शुक्र हैं। मंगल पुरुष का तथा शुक्र ग्रह महिला का कारक है। पति-पत्नी (पुरुष एवं महिला) के प्रयोग के लिए शयन कक्ष ही उचित स्थान है। दम्पति में कलह हो तो देखें कि यदि पत्नी की तरफ से शुरूआत हो तो शुक्र की गड़बड़ी होगी और यदि पति की तरफ से कलह प्रारंभ हो तो मंगल की गड़बड़ी होगी क्योंकि शयन कक्ष में मंगल एवं शुक्र की शक्ति बराबर ही रहनी चाहिए तभी दाम्पत्य जीवन का सुखद एवं सही उपयोग हो सकता है।
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शुक्र की गड़बड़ी को दूर करने के लिए दीवारों पर आकर्षक गुलाबी रंग के पेंट की पुताई कराएं तथा सुंदर चित्र एवं अच्छी पेंटिंग टांगें।
पर्दे हल्के गुलाबी रंग के सुगंध से युक्त हों, बेशक इत्र की, सैट की या देशी गुलाब, चंपा, चमेली, बेला आदि की सुगंध हो या रात रानी की सुगंध।
पलंग की चादर सफेद या गुलाबी हो।
गद्दा एवं तकिए मुलायम खुशनुमा रंग के हों तो कठोर बोलने वाली पत्नी के व्यवहार में भी बदलाव आ जाता है।
यदि मंगल (पुरुष) की तरफ से गड़बड़ी हो तो उसे ठीक करने के लिए कमरे में लाल पेंट (रंग) कराएं।
टी.वी. आदि इलैक्ट्रॉनिक वस्तुएं शयन कक्ष में रखें।
गद्दे, तकिए हल्के से कठोर हों तो बेहतर (शुभ) होगा।
दीवारों पर तांबे की धातु के बने सजावट के समान लगाएं।
नक्काशीदार और शोपीस धातु के रखें, गुलाबी या लाल रंग के नाइट लैंप लगाएं तथा गर्म दूध का सेवन करें।
सर्दियों में हीटर का इस्तेमाल करें और सर्दियों के बाद इस्तेमाल न करते हुए भी हीटर शयन कक्ष में रखें। इससे कितने भी उग्र स्वभाव का पति हो, वह भी वश में हो जाता है।
मकान में बाएं हाथ पर पड़ने वाली खिड़कियां पत्नी, मां, बेटियों और बहनों का कारक बनती हैं, इसलिए मकान के बाएं हाथ की खिड़कियां ठीक हालत में होनी चाहिएं।
नवदंपति अथवा पच्चीस साल पहले के शादीशुदा दम्पति अपनी यौन संबंधी समस्याएं इस मंत्र के जाप से दूर कर सकते हैं। इस मंत्र का 11 दिनों तक हर रोज़ आधी रात में पश्चिम दिशा में बैठकर कम से कम एक माला जाप करें। 11वें दिन तक आते-आते आप खुद महसूस करेंगे की पार्टर में गजब का परिवर्तन आया है। ये फर्क दूसरे दिन से भी आरंभ हो सकता है लेकिन 11 दिन अवश्य पूरे करने हैं।
मंत्र - ओम कामदेवाय विद्महे रति प्रियायै धीमहि टैनो अनंग प्रचोदयात एल"
विशेष: यदि सुबह के समय इस मंत्र का जाप करना है तो सूर्योदय के समय स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनने के बाद एकांत में मंत्र जाप आरंभ करें।
इस मंत्र को अपने प्रियतम का नाम लेकर आरंभ करें।
इस मंत्र में रुठे साथी या प्रेमी को अपना दिवाना बनाने की गजब शक्ति है, ये 100% वशीकरण मंत्र है और करने में भी आसान है !
चेतावनी: इस तरह का कोई भी प्रयोग करने से पहले किसी विद्वान से संपर्क अवश्य करें। ध्यान रहे, किसी का प्यार प्राप्त करने से पहले उसे प्रेम देना पड़ता है। तभी वे आपका होगा। गलत तरीके से हासिल किया गया प्रेम कभी आपका नहीं हो सकता।