Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Jan, 2025 11:56 AM
Signs of Negative Energy in House: वास्तुदोष घर या भवन की संरचना में उन असंतुलनों या त्रुटियों को कहते हैं जो वास्तु शास्त्र के नियमों के विपरीत होती हैं। ये दोष ऊर्जा प्रवाह को बाधित करते हैं और घर में नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। वास्तु शास्त्र...
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Signs of Negative Energy in House: वास्तुदोष घर या भवन की संरचना में उन असंतुलनों या त्रुटियों को कहते हैं जो वास्तु शास्त्र के नियमों के विपरीत होती हैं। ये दोष ऊर्जा प्रवाह को बाधित करते हैं और घर में नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश – इन पांच तत्वों का संतुलन किसी भी भवन में सुख-शांति और सकारात्मकता लाता है।
Vastu Dosh Signs: वास्तुदोष तब उत्पन्न होता है जब दिशाओं का सही उपयोग नहीं किया जाता जैसे मुख्य द्वार गलत दिशा में होना, शौचालय या रसोई का स्थान अनुचित होना, या उत्तर-पूर्व कोने में भारी वस्तुएं रखना। इसका असर परिवार के स्वास्थ्य, धन, और संबंधों पर पड़ सकता है। इसे ठीक करने के लिए दिशाओं और तत्वों का सही संतुलन स्थापित करना आवश्यक है। सरल उपायों और सकारात्मक ऊर्जा से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
What is Vastu Dosh: कुछ पारंपरिक व अनुभवजन्य तरीकों, भारतीय वास्तु शास्त्र और प्राचीन ज्ञान से जानें, घर में वास्तुदोष का पता कैसे लगाया जा सकता है:
परिवार के स्वास्थ्य और मनोदशा का आकलन
अगर घर में अक्सर लोग बीमार रहते हैं या उनका मानसिक स्वास्थ्य खराब रहता है, तो यह वास्तुदोष का संकेत हो सकता है। विशेष रूप से यदि घर के मुख्य द्वार के पास या दक्षिण-पश्चिम दिशा में भारी वस्तुएं हैं, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकता है।
पानी का ठहराव और धारा
घर में पानी का ठहराव वास्तुदोष का संकेत देता है। यदि पानी उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं बहता या वहां गंदगी है, तो यह समस्याएं पैदा कर सकता है।
पौधों की वृद्धि का निरीक्षण
घर में तुलसी, मनी प्लांट, या अन्य शुभ पौधे अच्छे से नहीं बढ़ते, तो यह वास्तु दोष का संकेत हो सकता है। यह विशेष रूप से उत्तर-पूर्व दिशा में प्रभावी होता है।
सपनों और अनुभूतियों पर ध्यान देना
अगर घर में रहकर परिवार के सदस्य अक्सर बुरे सपने देखते हैं या डर महसूस करते हैं, तो यह ऊर्जा असंतुलन का संकेत हो सकता है। विशेषकर जब दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा का कोई हिस्सा भारी और अव्यवस्थित हो।
मकान के पशु-पक्षियों का व्यवहार
यदि पक्षी या अन्य जीव घर में प्रवेश करने से बचते हैं, तो यह नकारात्मक ऊर्जा का संकेत हो सकता है। चिड़ियों का घर के अंदर सहजता से आना वास्तु की दृष्टि से शुभ माना जाता है।
दीवारों और छतों की स्थिति
दीवारों पर बार-बार दरारें आना या सीलन होना, खासकर उत्तर-पूर्व दिशा में, यह वास्तु दोष का संकेत हो सकता है।
ध्वनि और वायुमंडलीय परिवर्तन
यदि घर के किसी कोने में आवाजें गूंजती हैं या वहां हवा का प्रवाह असामान्य है, तो यह संकेत हो सकता है कि उस क्षेत्र में ऊर्जा अवरोध है।
समाधान के लिए:
इन समस्याओं को हल करने के लिए दैनिक रूप से घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
हर कमरे में एक दीपक जलाएं, खासकर उत्तर-पूर्व दिशा में।
नियमित रूप से घर को साफ रखें और अवांछित वस्तुओं को हटा दें।