Edited By Niyati Bhandari,Updated: 27 Mar, 2025 06:37 AM

Vastu for crockery: वास्तु शास्त्र में क्रॉकरी (रसोई में उपयोग होने वाले बर्तन जैसे प्लेट्स, कप, गिलास, चम्मच आदि) रखने की दिशा को लेकर कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं, जो आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखते हैं और नकारात्मकता से बचाते हैं। यहां कुछ विशेष...
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Vastu for crockery: वास्तु शास्त्र में क्रॉकरी (रसोई में उपयोग होने वाले बर्तन जैसे प्लेट्स, कप, गिलास, चम्मच आदि) रखने की दिशा को लेकर कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं, जो आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखते हैं और नकारात्मकता से बचाते हैं। यहां कुछ विशेष वास्तु उपाय बताए जा रहे हैं, जो विशेष रूप से क्रॉकरी और बर्तन रखने के लिए प्रभावी हैं।

क्रॉकरी रखने की सही दिशा:
उत्तर-पूर्व दिशा: यह दिशा उर्जा और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। इस दिशा में क्रॉकरी रखने से घर में समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति आती है। यह दिशा चन्द्रमा और गुरु का स्थान है और जब बर्तन या क्रॉकरी यहां रखी जाती है, तो यह घर में अच्छा स्वास्थ्य और धन की वृद्धि करती है।
दक्षिण-पश्चिम दिशा: यह दिशा बर्तन रखने के लिए एक खास दिशा है क्योंकि यहां रखे गए बर्तन आपके जीवन में स्थिरता और शांति लाते हैं। यह दिशा स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक मानी जाती है, जिससे घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती। इस दिशा में क्रॉकरी रखने से परिवार के सदस्य मानसिक शांति महसूस करते हैं।

बर्तनों को एक ही जगह पर रखना:
क्रॉकरी को संयम से रखें: वास्तु के अनुसार, आपको अपनी क्रॉकरी को एक जगह पर और व्यवस्थित रूप से रखना चाहिए। बर्तन इधर-उधर बिखरे नहीं होने चाहिए। इससे घर में अशांति और कन्फ्यूजन की स्थिति उत्पन्न होती है।
बर्तन की सफाई और देखभाल: क्रॉकरी को हमेशा साफ और टूटे-फूटे बर्तनों से मुक्त रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, टूटे हुए बर्तन नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माने जाते हैं। ऐसे बर्तन घर में नहीं रखने चाहिए क्योंकि ये घर में समृद्धि और शांति को प्रभावित कर सकते हैं।

क्रॉकरी का सही दिशा में संग्रहण:
पश्चिम दिशा: अगर आपको क्रॉकरी रखने के लिए किसी अलग स्थान की तलाश है, तो पश्चिम दिशा एक अच्छे विकल्प के रूप में काम कर सकती है। यह दिशा बर्तन रखने के लिए उचित मानी जाती है, क्योंकि यहां से सकारात्मक ऊर्जा निकलती है और घर में खुशहाली आती है।
उत्तर-पश्चिम दिशा: यह दिशा बर्तन रखने के लिए खासतौर पर तब उपयुक्त है, जब बर्तन या क्रॉकरी का प्रयोग परिवार के बाहर के सदस्य अधिक करते हों जैसे मेहमान या अतिथि। उत्तर-पश्चिम दिशा में क्रॉकरी रखने से आपके घर में मेहमानों के लिए सुखद वातावरण रहता है और ऊर्जा का सही संचार होता है।

बर्तन रखने की अलमारी और स्थान: धातु की अलमारी या रैक: क्रॉकरी को हमेशा धातु की अलमारी या रैक में रखें। लकड़ी के रैक या अलमारी में रखने से नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है। धातु की अलमारी न केवल बर्तनों को अच्छे से सुरक्षित रखती है, बल्कि यह ऊर्जा का सही तरीके से प्रवाह भी सुनिश्चित करती है।
क्रॉकरी का रंग: वास्तु के अनुसार, क्रॉकरी का रंग भी महत्वपूर्ण होता है। काले रंग की क्रॉकरी से बचें। हल्के रंग (जैसे सफेद, क्रीम, हल्का नीला, हरा) या सोने-सिल्वर रंग की क्रॉकरी का उपयोग करना शुभ रहता है। ये रंग सकारात्मकता और सौम्यता का प्रतीक होते हैं।
बर्तन रखने के बाद ध्यान रखने योग्य बातें: क्रॉकरी का उचित उपयोग: जब आप क्रॉकरी का इस्तेमाल करें, तो ध्यान रखें कि बर्तन कभी भी किसी भी अन्य चीज़ से दबकर न रह जाएं। अगर आपको बर्तन रखना है, तो सुनिश्चित करें कि वह आराम से रखे गए हों और उनका इस्तेमाल नियमित रूप से होता रहे। यह नियम घर में ताजगी और अच्छे वातावरण को बढ़ावा देता है।
कृष्ण और लक्ष्मी के चित्र: क्रॉकरी रखने वाले स्थान पर भगवान लक्ष्मी और भगवान कृष्ण के चित्र रखना भी शुभ होता है। ये चित्र सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद करते हैं और घर में समृद्धि और सुख-शांति बनाए रखते हैं।
निष्कर्ष: वास्तु शास्त्र के अनुसार, क्रॉकरी को उत्तर-पूर्व दिशा, दक्षिण-पश्चिम दिशा या पश्चिम दिशा में व्यवस्थित रखना अच्छा होता है। इन दिशाओं में बर्तन रखने से घर में समृद्धि, शांति और स्वास्थ्य बना रहता है। अपनी क्रॉकरी को सही दिशा में रखना और टूटे-फूटे बर्तनों से छुटकारा पाना आपके घर की ऊर्जा को सकारात्मक बनाए रखेगा।
