Edited By Niyati Bhandari,Updated: 18 Mar, 2023 11:38 AM
घर में पूजा का स्थान सही दिशा में होना चाहिए। इसके साथ ही जहां पूजा का स्थान बनाना है,
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Vastu for Puja Room- घर में पूजा का स्थान सही दिशा में होना चाहिए। इसके साथ ही जहां पूजा का स्थान बनाना है, वहां वास्तु के कुछ खास नियमों का ध्यान रखना चाहिए। आइए बताते हैं कि पूजा घर बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए :
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पूजा कक्ष बनाने के लिए उत्तर-पूर्व, पूर्व या उत्तर दिशा को प्राथमिकता दें। इन दिशाओं को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। पूजा कक्ष कभी सीढिय़ों के नीचे या शौचालय के बगल में न रखें। साथ ही पूजा का स्थान घर के भूतल पर बनाना चाहिए। यह कक्ष बेसमैंट में या ऊंचे स्थान पर नहीं होना चाहिए।
प्रार्थना कक्ष में मूर्तियों को रखने से बचना चाहिए, लेकिन आप चाहें तो इस बात का ध्यान रखें कि मूर्तियों की ऊंचाई 9 इंच से ज्यादा या 2 इंच से कम न हो। हवा का उचित प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए मूर्तियों को एक-दूसरे से थोड़ा दूर रखें। पूजा करते समय मूर्तियों के पैर छाती के स्तर पर होने चाहिएं। मूर्तियों की स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि प्रार्थना करते समय व्यक्ति का मुख पूर्व या उत्तर की ओर हो।
पूजा कक्ष हमेशा धूप की महक से सुगंधित रहे, इस बात का ध्यान रखें। इसके अलावा प्रार्थना की किताबें, बत्ती, दीपक आदि को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें।