Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 Dec, 2024 02:07 PM
Vastu For Shermukhi Plot: भृृगु जी व माता पोलमा के पुत्र विश्वकर्मा जी ने वास्तु विज्ञान को लेकर विभिन्न सिद्धांतों का उल्लेख किया है। जिसमें कि शेरमुखी भवन व प्लॉट का उल्लेख पर विशेष जोर दिया गया है। जिन भवनों, प्लॉट, फ्लैट या संस्थान इत्यादि का...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Vastu For Shermukhi Plot: भृृगु जी व माता पोलमा के पुत्र विश्वकर्मा जी ने वास्तु विज्ञान को लेकर विभिन्न सिद्धांतों का उल्लेख किया है। जिसमें कि शेरमुखी भवन व प्लॉट का उल्लेख पर विशेष जोर दिया गया है। जिन भवनों, प्लॉट, फ्लैट या संस्थान इत्यादि का मुख्य फ्रंट चौड़ाई में ज्यादा व पीछे से चौड़ाई कम होती है तो इसे शेरमुखी या फिर इसे नागफनी भी कहा जाता है। वास्तु शास्त्र के सिद्धांत के अनुसार जो भी शेरमुखी रिहायशी भवन होते हैं, उन्हें ज्यादा अच्छा नहीं माना जाता है। उसके पीछे के कई कारण हैं परन्तु उसके पीछे का आधुनिक विज्ञान क्या है आईये इसे समझने की कौशिश करते हैं -
इसके पीछे का एक वैज्ञानिका सिद्धांत यह है कि हमारी पृथ्वी अपनी ऐक्सिज पर पश्चिम से पूर्व दिशा की तरफ घूमती है और उदाहरण के तौर पर आपका घर पूर्व दिशा का सिंहमुखी मकान है तो आपके घर पर पूर्व दिशा की तरफ होने के कारण पूर्व दिशा की उर्जा व एक हवा का प्रैशर हमेशा ही रहेगा क्योंकि जो वस्तु आगे की और भागती है तो हवा के प्रैशर से टकराव होता है व उस पर उस टकराव का प्रभाव अवश्य पड़ता है। जिस प्रकार आप साईकिल चला रहे हैं तो हवा का प्रैशर आपके आगे के भाग पर अर्थात सिर पर या आगे की बॉडी पर पड़ेगा तो आप स्वयं को उस प्रैशर के अनुकूल बनाने के लिये शरीर व सिर को हवा के प्रैशर के अनुरूप ढ़ाल लेते हैं ताकि उस प्रैशर का प्रभाव आप पर कम से कम पड़े। इसी ही सिद्धांत के अनुसार ही हाई स्पीड बुलेट ट्रेन या हवाई जहाज के आगे की शेप नुकीली बनायी जाती है ताकि हवा के प्रैशर को काटकर आगे की तरफ बढ़ने में अनुकूलता हो सके।
इसी प्रकार जो व्यक्ति सिंहमुखी घर में रहेगा उसके शरीर, मन व विचारों पर इस दिशाओं के टकराव के कारण उनके स्वभाव व शरीर पर भी सूक्ष्म रूप से दिशाओं की उर्जाओं के प्रभाव पड़ते हैं। उसके परिणाम भयंकर भी हो सकते हैं। जैसे कि सिंहमुखी भवन में रहने वाले का स्वभाव सिंह के ही समान गुस्से वाला हो जाता है। जो घर का स्वामी होगा उसके स्वभाव में हर समय क्रोध भरा रहेगा, हर किसी पर अपना दबदबा बनाने में प्रयासरत रहेगा। अगर शेरमुखी भवन चाहे किसी भी दिशा का हो उस घर में रहने वाले व्यक्तियों पर व घर के स्वामी को ब्लड प्रैशर व हार्ट प्रॉब्लमस होना आरम्भ हो सकती हैं तथा बाद में शूगर हो जाने की भी संभावना बनी रहती हैं व स्त्रियों को वायु से होने वाले रोग व ज्वाइंटस से संबंधित बिमारियां होने के योग भी बन जाते हैं। कोर्ट केस, धन हानि व बार बार बिमार होते रहना या घर के छोटे बच्चे की विवाह संबंधित परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। धन हानि तो जैसे एक साधारण सी बात बनकर रह जाती है। किसी को धन देना और वह धन फिर वापिस न आ पाना व आपसी रिलेशंस में भी मतभेद बनना। घर में बिना किसी बात के ही कलह कलेश हो जाना या फिर अचानक किसी दुर्घटना पर धन खर्च हो जाना।
वैसे अगर व्यावसायिक कार्यों के लिये शेरमुखी पलॉट का प्रयोग किया जाये तो यह बेहतर परिणाम भी देता है। शेरमुखी दुकान, फैक्टरी, कार्यालय, बैंक इत्यादि सभी रोजगार के कार्यों के लिये शुभ ही माने गये हैं। ऐसा माना जाता है कि जैसे जैसे दोनों और दुकान अथवा फैक्टरी की दीवारों में वृद्धि होती है उसी प्रकार दुकान के व्यवसाय और फैक्टरी में निरंतर वृद्धि के संकेत होते हैं। क्योंकि शेरमुखी भवनों के स्वामी की प्रसनैलिटी में एक प्रभाव विकसित हो जाता है जिसका उपयोग अगर वह अपने कलाइंटस/ग्राहकों पर अनुकूलता से करता है तो वह स्वयं को उन पर हैवी महसूस करता है तथा अपने मनअनुरूप उनसे अपना कार्य भी ले लेता है तथा अपने राजगार में इजाफा महसूस करता है जिस कारण से सिंहमुखी व्यवसायिक संस्थान रोजगार के लिय उपयुक्त माने जाते हैं।
इसी के साथ-साथ अलग-अलग दिशाओं के सिंहमुखी भवनों चाहे व आवासीय हों या व्यावसायिक उनका जातको के ग्रहों की अनुकूलता के हिसाब से ही प्रभाव पड़ता है। जो किसी प्रबुद्ध ज्योतिष वैज्ञानिक से ही सलाह लें क्योंकि बिना ग्रहों की पूर्ण जानकारी के वास्तु कम्पलीट नहीं हो सकता क्योंकि वास्तु विज्ञान जो कि ज्योतिष विज्ञान की भवनों के निर्माण संबंधित एक छोटी सी शाखा ही है।
Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientists
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)