Edited By Jyoti,Updated: 23 Sep, 2020 04:29 PM
कहा जाता है जो व्यक्ति वास्तु शास्त्र के अनुसार अपने घर का तैयार करवाता है, उसको अपने जीवन में तरक्की तो मिलती ही है। साथ ही साथ सफलता मिलती है और खुशियां हासिल होती हैं। मगर बहुत से लोग आज भी ऐसे हैं,
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कहा जाता है जो व्यक्ति वास्तु शास्त्र के अनुसार अपने घर का तैयार करवाता है, उसको अपने जीवन में तरक्की तो मिलती ही है। साथ ही साथ सफलता मिलती है और खुशियां हासिल होती हैं। मगर बहुत से लोग आज भी ऐसे हैं, जिन्हें न तो वास्तु शास्त्र का पता है न ही इसमें बताए गए नियम आदि। तो अगर आप भी इन लोगों में शामिल हैं जो इन बातों से अवगत नहीं हैं। तो आइए आपको बताते हैं वास्तु शास्त्र में बताए गए सबसे आसान उपाय। जिसे अपनाने वाले व्यक्ति को अपने जीवन में सकारात्मक प्रभाव दिखने लगते हैं।
बता दें वास्तु शास्त्र में सबसे अधिक महत्व दिशाओं को तथा एनर्जी को दिया गया है। कहा जाता है इसमें सबसे ज्यादा महत्व ईशाण कोण का बताया जाता है। इतना ही नहीं इसके साथ-साथ ज्योतिष शास्त्र में भी इस दिशा को भगवान की दिशा माना जाता है। तो वहीं बताया ये भी जाता है कि इस दिशा का संबंध जल तत्व से होता है। इसलिए वास्तु शास्त्री कहते हैं कि इस दिशा को हमेशा हल्का और पावन रखना चाहिए। क्योंकि अगर इस दिशा में किसी तरह का दोष पैदा हो जाए तो घर में रह रहे लोगों को शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रोगों से भी जूझना पड़ता है।
कई लोगों को कहते सुना जाता है कि कईं बार घर में अचानक से कई तरह की समस्याएं आन लगती हैं। अगर वास्तु शास्त्र की मानें तो कई बार इसका कारण कोई और नहीं बल्कि वास्तु होता है।जी हां, कई बार घर में किसी न किसी कारण वश दोष पैदा हो जाते हैं जिसकी वजह से तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बताया जाता है कि, किसी भी तरह के वास्तु दोष से छुटकारा पाने के लिए घर में भगवान गणेश जी की प्रतिमा को घर में रख लेना चाहिए। ध्यान रहे इनकी प्रतिमा का मुख हमेशा दक्षिणा या नैऋत्य में होना चाहिए।
घर का मुख्य द्वार कहते हैं, घर में आने वाली हर तरह की ऊर्जा का जिम्मेवार होता है। हालांकि हर कोई यही चाहता होगा कि उसके घर में हमेशा पॉजिटिव एनर्जी ही आए मगर कई बार कुछ गलतियों के कारण घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होने लगता है, तो इसे रोकने के लिए जातक को घर के मुख्य द्वार शुभ प्रतीक चिह्न जैसे स्वास्तिक, ॐ, कलश, पवनघंटी, शंख, मछलियों का जोड़ा या आशीर्वाद मुद्रा में बैठे गणेश जी का चित्र लगाना चाहिए।
इन सबके अलावा हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को अधिक पावन व शुभ माना जाता है। इसलिए वास्तु शास्त्र में इसकी पूजा अत्यंत शुभ माना जाता है। तो वहीं इसमें ये भी बताया गया है जो व्यक्ति अपने घर-आंगन में या घर की पूर्व दिशा या पूर्व-उत्तर दिशा में इसका पौधा लगाता है, उसके जीवन में न तो कभी धन की कमी होती है न ही सुख-समृद्धि की।