Edited By Prachi Sharma,Updated: 27 Apr, 2025 02:40 PM
घर वह स्थान होता है जहां हम दिनभर की थकान के बाद शांति और सुकून की उम्मीद करते हैं लेकिन अगर घर में प्रवेश करते ही आपको नकारात्मकता का अनुभव होता है, मन व्यथित हो उठता है या बेवजह तनाव महसूस होता है
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Vastu Tips: घर वह स्थान होता है जहां हम दिनभर की थकान के बाद शांति और सुकून की उम्मीद करते हैं लेकिन अगर घर में प्रवेश करते ही आपको नकारात्मकता का अनुभव होता है, मन व्यथित हो उठता है या बेवजह तनाव महसूस होता है, तो यह संकेत है कि घर में किसी प्रकार का वास्तु दोष मौजूद हो सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का निर्माण, उसकी दिशा, वस्तुओं का स्थान और ऊर्जा प्रवाह सीधा हमारे जीवन पर प्रभाव डालता है। अगर इन बातों का सही ध्यान न रखा जाए तो घर की सकारात्मक ऊर्जा बाधित हो सकती है और नकारात्मकता का वास हो सकता है। ऐसे में कुछ सरल वास्तु उपायों को अपनाकर घर का वातावरण सुधारा जा सकता है।
मुख्य द्वार का ध्यान रखें
घर का मुख्य द्वार ऊर्जा का प्रवेश द्वार माना जाता है। अगर दरवाजा टूटा-फूटा हो, गंदा हो या उस पर जाले लगे हों तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। मुख्य द्वार को हमेशा साफ-सुथरा और सुगंधित रखें। द्वार पर शुभ प्रतीक जैसे स्वस्तिक, ओम या शुभ-लाभ का चिन्ह लगाएं। मुख्य दरवाजे पर रंगोली या तोरण भी लगाना सकारात्मकता बढ़ाता है। दरवाजे के बाहर हल्का सा दीपक जलाना भी शुभ माना गया है।

घर के भीतर प्राकृतिक रोशनी और वायु का प्रवाह
अगर घर के भीतर रोशनी और ताजगी का अभाव है, तो वहां नकारात्मकता का वास होता है। खिड़कियों और दरवाजों को खोलकर घर में प्राकृतिक हवा और धूप का प्रवेश होने दें। हर दिन कम से कम 15-20 मिनट तक घर के सभी कमरे अच्छी तरह हवादार करें। खिड़कियों पर हल्के रंग के पर्दे लगाएं ताकि प्रकाश बाधित न हो।
नमक का उपयोग करें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, नमक नकारात्मक ऊर्जा को सोखने में सक्षम होता है। एक कटोरी में थोड़ा सा समुद्री नमक भरकर घर के किसी कोने में रखें। हर 15 दिन में नमक को बदलते रहें। पोछा लगाते समय पानी में थोड़ा नमक मिलाकर पोछा लगाएं।
घर की दीवारों का रंग
दीवारों का रंग भी हमारे मूड और ऊर्जा को प्रभावित करता है। गहरे, भारी रंग वातावरण को बोझिल बना सकते हैं। हल्के, सुखद और सकारात्मक रंगों का चयन करें जैसे सफेद, हल्का पीला, हल्का हरा या गुलाबी। टूटे-फूटे प्लास्टर, दरारें या उखड़ी हुई पेंटिंग को तुरंत ठीक कराएं।
पूजा स्थल का स्थान सही करें
पूजा घर या पूजा स्थल का गलत दिशा में होना भी घर में नकारात्मकता का कारण बन सकता है। पूजा स्थल को हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में बनाएं। पूजा स्थल साफ-सुथरा और शांत होना चाहिए। नियमित रूप से पूजा करें और दीपक जलाएं।
अनचाही चीजें हटाएं
पुरानी, टूटी हुई या अनुपयोगी वस्तुएं नकारात्मक ऊर्जा को खींचती हैं। समय-समय पर घर की सफाई करें और टूटे हुए सामान जैसे घड़ी, शीशा, फर्नीचर आदि को हटा दें। कबाड़ और अव्यवस्था से घर को मुक्त रखें। टूटी हुई तस्वीरें या उदास चेहरों वाली पेंटिंग्स को दीवारों से हटा दें।
क्रिस्टल और वास्तु उपाय अपनाएं
क्रिस्टल और वास्तु उत्पाद ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करते हैं। घर के उत्तर-पूर्व दिशा में क्रिस्टल बॉल या ऊर्जा पिरामिड रखें। घर में सप्तमुखी रुद्राक्ष या वास्तु यंत्र स्थापित करें। फेंगशुई के अनुसार लॉफिंग बुद्धा की मूर्ति भी सकारात्मकता बढ़ाती है।