Edited By Prachi Sharma,Updated: 03 Nov, 2024 04:00 AM
घर खरीदते समय व्यक्ति के मन में बहुत से सवाल पैदा होते हैं। घर कैसा होना चाहिए, किस दिशा में होना चाहिए, किस जगह पर होना चाहिए।
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Vastu Tips for home: घर खरीदते समय व्यक्ति के मन में बहुत से सवाल पैदा होते हैं। घर कैसा होना चाहिए, किस दिशा में होना चाहिए, किस जगह पर होना चाहिए। आज बात करेंगे घर खरीदते समय कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए और किस दिशा के घर कैसे फायदे देते हैं।
कई लोग प्रॉपर्टी की तरफ मुंह करके दिशा दिखते हैं लेकिन जो असल में होता है प्रॉपर्टी के अंदर खड़े होकर बाहर की तरफ जाते हुए जो दिशा दिखती है सामने आपको वो दिशा होती है। दिशा को समझने के लिए सबसे पहले तो अपने बर्थ चार्ट पर जाना होगा। वास्तु के कभी फ्लैट रूल नहीं होते। फ्लैट रूल हो ना तो सभी को साउथ फेसिंग दिशा सूट न करें। फ्लैट रूल हो तो सभी को ईस्ट या नॉर्थ फेसिंग दिशा सूट कर जाए लेकिन ऐसा नहीं होता है। जहां पर मुख्य द्वार होगा वहीं से लक्ष्मी कृपा अंदर आएगी और लक्ष्मी अर्निंग के थ्रू आती है इसलिए घर के एक या एक से ज्यादा अर्निंग मेंबर है तो उन दोनों के चार्ट्स के अनुसार समझना चाहिए। अगर किसी के भी लग्न में राहु होंगे या किसी के भी फर्स्ट हाउस में लग्न में शनि होंगे, उन लोगों को कभी भी ईस्ट फेसिंग प्रॉपर्टी नहीं लेनी चाहिए। यूं तो ईस्ट फेसिंग सभी को सूट कर जाती है लेकिन जिनके भी लग्न में शनि या राहु होंगे जो सूर्य के कट्टर दुश्मन हैं वो अगर ई फेसिंग प्रॉपर्टी लेंगे तो उनको इस प्रॉपर्टी को लेने के बाद अलग-अलग तरह से तकलीफें आनी शुरू हो जाएंगी। ये तकलीफें जो हैं सरकारी पेनल्टी से या शिकायतों से शुरू होंगी और फिर इनके धन-समृद्धि में कमी की तरफ इशारा करेंगी। जीवन में अन्य भी कई दिक्कतों को लेके आएंगी। जिन लोगों के सातवें घर में सूर्य होंगे उनको पश्चिम फेसिंग यानी वेस्ट फेसिंग प्रॉपर्टी नहीं लेनी चाहिए। अगर वो लेंगे तो सबसे पहले इसका हिट उनके करियर पर जाएगा और दूसरा उनकी गृहस्थ के बैलेंस की तरफ जाएगा। यह प्रॉपर्टी इन दोनों चीजों के लिए उनको कभी भी सूट नहीं करेगी।
जिनके बुध छठे घर में होंगे उनको नॉर्थ फेसिंग प्रॉपर्टी सूट नहीं करेगी। इस प्रॉपर्टी को लेने के बाद उनके जीवन में बुद्ध की दिक्कतें यानी कन्या संतान बहन इनसे संबंधित दिक्कतें वह जीवन में काफी ज्यादा आनी शुरू हो जाएंगी। उनकी डिसीजन मेकिंग खराब हो जाएगी। कई बार उनके ओवर कॉन्फिडेंट होने की वजह से जीवन में कई सारी दिक्कतें आनी शुरू हो जाएंगी। इस प्रॉपर्टी में आने के बाद जिनके भी बुद्ध छठे भाव में है उनको नॉर्थ फेसिंग प्रॉपर्टी नहीं लेनी चाहिए। फिर आती है साउथ फेसिंग प्रॉपर्टी जिसके बारे में ज्यादातर लोग डरते हैं। किसी के मंगल चौथे भाव में हो मंगल अष्टम भाव में हो राहु पंचम भाव में हो या राहु नौवें भाव में ऐसे लोगों को साउथ फेसिंग प्रॉपर्टी नहीं लेनी चाहिए। किसी के मंगल दसवें भाव में होंगे राहु भी थर्ड हाउस में होंगे। अब इनको साउथ फेसिंग प्रॉपर्टी इतनी सूट कर जाएगी कि इस प्रॉपर्टी को लेते ही उनके जीवन में चार चांद लग जाएंगे। हर चीज में उनके जीवन में खुशहाली आनी शुरू हो जाएगी। इस प्रॉपर्टी की ऊर्जा इतनी रहेगी उनके लिए कि जीवन के बुरे से बुरा दौर भी तलवार की सुई बन जाएगी।
वास्तु के सूत्रों की बात करें तो रेक्टेंगल प्लॉट हमेशा अच्छा कहा गया है और रेक्टेंगल प्लॉट में एक बड़ी अच्छी प्रोपोर्शन होती है वो 1:3 की की होती है।वास्तु में जिस में जो प्लॉट की लेंथ होती 1:6 या 1:7 होती है यानी बहुत ही सामने से तंग और आगे से लंबा प्लॉट जो होता है। ये बहुत ही ज्यादा दिक्कतें क्रिएट कर देता है। कई लोगों के जीवन में जो है संतान प्राप्ति इसमें मुश्किल हो जाती है। ऐसे प्लॉट्स में रेक्टेंगल लेना है न तो मैक्सिमम 1:3 जो है प्लॉट आपके लिए बहुत ही सूटेबल रहता है।
स्क्वेयर प्लॉट वास्तु के अनुसार सही नहीं कहे गए हैं वो इसलिए सही नहीं कहे गए हैं क्योंकि स्क्वेयर प्लॉट में हमेशा कंफ्यूजन रहती है कि मुख्य द्वार कहां पे हो स्क्वेयर प्लॉट में मुख्य द्वार सही डायरेक्शन में हो। हेड ऑफ द फैमिली का बेडरूम उनके चार्ट के अनुसार सही दिशा में हो तो फिर स्क्वेयर प्लॉट भी बहुत अच्छे से सूट कर जाता है लेकिन यह दो चीजें गड़बड़ होंगी तो स्क्वेयर प्लॉट इंसान के जीवन में शिथिलता लेकर आएगा। ज्यादातर लोग मकान नहीं बनाते अपार्टमेंट्स की तरफ जाते हैं। अपार्टमेंट्स मॉडर्न आर्किटेक्चर है उसमें न स्क्वेयर, रेक्टेंगल होता है प्लॉट, इरेगुलर कटिंग्स होती हैं किसी में नॉर्थ ईस्ट कटा होता है, किसी में साउथ ईस्ट कटा होता है और किसी में चारों तरफ से ही प्लॉट जो है। वो इरेगुलर शेप का होता है तो ऐसे में इंसान कभी सुखी रह नहीं सकता लेकिन व लोग तो सुखी रहते हैं। जितनी सेलिब्रिटीज है उनके सारे के सारे प्लॉट कटे हुए हैं। अब यहां पर जो मेन बिंदु आता है आज की डेट में मॉडर्न कॉन्टेक्स्ट में सबसे इंपॉर्टेंट बिंदु है वह है राहु। जितने भी इरेगुलर शेप के प्लॉट्स है उन सभी को राहु का घर कहते हैं। आपके अर्थ चार्ट में अगर राहु अच्छी पोजीशन पर है तो यह प्लॉट आपके लिए खुशहाली के सारे रास्ते खोलने जा रहा है। ये जो प्लॉट आपके जीवन में गेम चेंजर साबित होगा तो आप अगर इरेगुलर शेप का भी अपार्टमेंट ले रहे हैं तो बेझिझक लीजिए। बस आपके बर्थ चाट के राहु बैलेंस होने चाहिए। कई लोगों को वहम होता है कि गोमेद पहनने से राहु अच्छे हो जाते हैं या राहु की चीजें डोनेट करने से राहु अच्छे होते हैं। ऐसा नहीं होता है राहु किस राशि में है. वह जल की राशि में है. अग्नि की राशि में है. वो वायु की राशि में है कि पृथ्वी की राशि में है उसके हिसाब से राहु की रेमेडीज होती हैं।
सबसे पहले तो फ्लैट रूल यह है कि आपको जो फेसिंग अपने बर्थ चार्ट के अनुसार लेनी है। अब दूसरा फ्लैट रूल है कि आपको अपार्टमेंट या जो घर आप लेने जा रहे हो आपको पहले देखनी है। पहली दिशा है ईशान कोण, नॉर्थ-ईस्ट या जिसको उत्तर-पूर्व बोला जाता है। यानी उत्तर और पूर्व-नॉर्थ और ईस्ट के बीच वाली जो एरिया है ये करीबन घर में 22 डिग्री तक फैला होगा। इस एरिया में न टॉयलेट, किचन होनी चाहिए। यहां पर टॉयलेट या किचन होगा तो उसका फिर कोई हल नहीं है। दूसरी दिशा है साउथ-वेस्ट दिशा। इसको दक्षिण-पश्चिम कोना बोलते हैं। दक्षिण और पश्चिम के बीच में साउथ और वेस्ट के बीच में इस एरिया में भी टॉयलेट नहीं होना चाहिए। इस एरिया में भी रसोई नहीं होनी चाहिए।