Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Dec, 2024 11:22 AM
वास्तु में रसोई घर के कुछ निर्धारित स्थान दिए गए हैं इसलिए हमें रसोई घर वहीं पर बनाना चाहिए ? वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई घर, चिमनी, भट्ठी, धुएं की चिमनी आदि मकान के विशेष भाग में
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Vastu Tips For Kitchen: वास्तु में रसोई घर के कुछ निर्धारित स्थान दिए गए हैं इसलिए हमें रसोई घर वहीं पर बनाना चाहिए ? वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई घर, चिमनी, भट्ठी, धुएं की चिमनी आदि मकान के विशेष भाग में निर्धारित की जाती है, ताकि हवा का वेग धुएं तथा खाने की गंध को अन्य कमरों में न फैलाए तथा इससे घर में रहने व काम करने वालों का स्वास्थ्य न बिगड़े।
Wrong direction of kitchen रसोई घर की गलत दिशा
यदि रसोई नैऋत्य कोण में हो तो यहां रहने वाले हमेशा बीमार रहते हैं।
यदि घर में अग्नि वायव्य कोण में हो तो यहां रहने वालों का अक्सर झगड़ा होता रहता है। मन में शांति की कमी आती है और कई प्रकार की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।
यदि अग्नि उत्तर दिशा में हो तो यहां रहने वालों को धन हानि होती है।
यदि अग्नि ईशान कोण में हो तो बीमारी और झगड़े अधिक होते हैं। साथ ही धन हानि और वंश वृद्धि में भी कमी होती है।
यदि घर में अग्नि मध्य भाग में हो तो यहां रहने वालों को हर प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
Where is the kitchen रसोई कहां हो
रसोई घर हमेशा आग्नेय कोण में ही होना चाहिए।
रसोई घर के लिए दक्षिण-पूर्व क्षेत्र सर्वोत्तम रहता है। वैसे यह उत्तर-पश्चिम में भी बनाया जा सकता है।
यदि घर में अग्नि आग्नेय कोण में हो तो यहां रहने वाले कभी भी बीमार नहीं होते। ये लोग हमेशा सुखी जीवन व्यतीत करते हैं।
यदि भवन में अग्नि पूर्व दिशा में हो तो यहां रहने वालों का ज्यादा नुक्सान नहीं होता।
रसोई घर हमेशा आग्नेय कोण पूर्व दिशा में होना चाहिए या फिर इन दोनों के मध्य में। वैसे तो रसोईघर के लिए उत्तम दिशा आग्नेय ही है।
What to do what not to do क्या करें क्या न करें
उत्तर-पश्चिम की ओर रसोई का स्टोर रूम, फ्रिज और बर्तन आदि रखने की जगह बनाएं।
दक्षिण-पश्चिम भाग में गेहूं, आटा, चावल आदि अनाज रखें।
रसोई के बीचों बीच कभी भी गैस, चूल्हा आदि न जलाएं और न ही रखें।
कभी भी उत्तर दिशा की तरफ मुख करके खाना नहीं पकाना चाहिए।
Smart tips स्मार्ट टिप्स
रसोई में तीन चकले न रखें, इससे घर में क्लेश हो सकता है।
रसोई में हमेशा गुड़ रखना सुख-शांति का संकेत माना जाता है।
टूटे-फूटे बर्तन भूलकर भी उपयोग में न लाएं, ऐसा करने से घर में अशांति का माहौल बनता है।
अंधेरे में चूल्हा न जलाएं, इससे संतान पक्ष से कष्ट मिल सकता है।
नमक के साथ या पास में हल्दी न रखें, ऐसा करने से मतिभ्रम की संभावना हो सकती है।
रसोई घर में कभी न रोएं, ऐसा करने से अस्वस्थता बढ़ती है।
रसोई घर पूर्व-मुखी अर्थात खाना बनाने वाले का मुंह पूर्व दिशा में ही होना चाहिए। उत्तर-मुखी रसोई ज्यादा खर्च करवाती है।
यदि आपकी किचन आग्नेय या वायव्य कोण को छोड़कर किसी अन्य क्षेत्र में हो तो कम से कम वहां पर बर्नर की स्थिति आग्नेय अथवा वायव्य कोण की तरफ ही हो।
रसोई घर की पवित्रता व स्वच्छता किसी मंदिर से कम नहीं होनी चाहिए। ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा की कृपा बनी रहती है।
रसोई घर के लिए दक्षिण-पूर्व क्षेत्र का प्रयोग उत्तम है, किन्तु जहां सुविधा न हो, वहां विकल्प के रूप में उत्तर-पश्चिम क्षेत्र का प्रयोग किया जा सकता है, किन्तु उत्तर-पूर्व मध्य व दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र का त्याग करना चाहिए।