Edited By Prachi Sharma,Updated: 04 Sep, 2024 06:00 AM
यदि आपके घर के वास्तु पूरी तरह से बैलेंस रहेगा तो आपके जीवन की आधी से ज्यादा समस्याएं अपने आप दूर होनी शुरू हो जाएंगी। वास्तु को बैलेंस करने के लिए कई तरीके
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Vastu Tips for kitchen: यदि आपके घर के वास्तु पूरी तरह से बैलेंस रहेगा तो आपके जीवन की आधी से ज्यादा समस्याएं अपने आप दूर होनी शुरू हो जाएंगी। वास्तु को बैलेंस करने के लिए कई तरीके होते हैं। वास्तु को ठीक रखने के लिए तीन चीजों का ध्यान रखने की बहुत जरूरत है। पहली चीज घर की एंट्रेंस, दूसरे नंबर पर आपके घर के टॉयलेट्स और तीसरी चीज घर की रसोई आती है। तो आइए जानते हैं कि रसोई के वास्तु को किस तरह से अपने बर्थ चार्ट के हिसाब बनाएं और किस तरह से अपने घर के वास्तु को बैलेंस कर सकते हैं।
रसोई घर का पावर सेंटर होता है। एक रसोई आपके जीवन के बहुत सारे पलों को कंट्रोल करती है। जीवन में अगर पैसों का फ्लो नहीं बन पा रहा है, तो उसकी वजह भी रसोई में छिपी होती है। चार मेन ग्रह आपके बर्थ चार्ट के रसोई द्वारा ही कंट्रोल होते हैं। सबसे पहले होते हैं मंगल क्योंकि रसोई की आग को मंगल बोला गया है। उसके बाद शुक्र आते हैं क्योंकि जीवन संगिनी शुक्र होती हैं। घर की मेन लेडीज शुक्र होती हैं। इनकी सेहत रसोई की ऊर्जा के द्वारा ही कंट्रोल होती है। आपकी धन-संपत्ति और बृहस्पति भी रसोई की ऊर्जा के द्वारा ही कंट्रोल होती है। इसके अलावा आपके राहु अच्छे हैं या बुरे हैं यह भी रसोई द्वारा पता लगता है।
रसोई में इस्तेमाल किए जाने वाला बर्नर जितना ब्लॉक होगा। उतना ही आपके बर्थ चार्ट में मंगल कमजोर होता चला जाएगा। अगर मंगल कमजोर होंगे तो जीवन में कोई भी काम सफल नहीं होगा। मंगल को सही रखने करने के लिए रसोई घर के बर्नर का सही होना बहुत जरूरी है। वास्तु के अनुसार साउथ-ईस्ट घर का अग्रि कोण होता है। इस दिशा में भी रसोई है और वहां पर भी कोई न कोई खराबी हैं, तो साउथ-ईस्ट में रसोई होने का कोई फायदा नहीं है। चाहें किसी भी दिशा में रसोई बनी हो लेकिन उसका बर्नर खराब हो तो जीवन में नेगेटिव प्रभाव बने रहते हैं। रसोई के साफ होने और बर्नर के साफ होने से आपके जीवन में धन का प्रवाह बहुत रेगुलर होने लगते हैं। इन सबके अलावा जीवन में रुके हुए मंगल कार्य पूरे होने शुरू हो जाते हैं।
घर की गृहणी को शुक्र कहा जाता है। रसोई घर बर्थ चार्ट में 12वें घर को शो करता है। 12वां घर खर्चों का घर माना जाता है लेकिन इस घर में शुक्र बहुत ही उच्च के काउंटेबल हो जाते हैं। रसोई घर की ऊर्जा सही है तो आपके शुक्र अच्छे रहेंगे और घर की महिलाएं भी सेहतमंद रहेंगी। उनकी वजह से घर में धन-समृद्धि भी आएगी। यहां पर राहु को डिवेलप होने से रोकना है क्योंकि 12वां घर राहु को भी इंडिकेट करता है। रसोई घर में खराब बिजली का सामान पड़ा होने के कारण राहु पर बहुत बुरा असर पड़ता है। जितना राहु खराब होंगे उतना असर शुक्र पर भी देखने को मिलेगा। शुक्र के खराब होने से गृहणी की सेहत पर असर होगा और घर की बरकत में कमी हो जाएगी।
राहु के खराब होने से बृहस्पति भी खराब होंगे। रसोई में जितना ज्यादा धुंआ इकट्ठा होगा। उतना ही ज्यादा जुपिटर खराब होंगे। मंगल, शुक्र, गुरु और राहु यह चार ग्रह रसोई के द्वारा खराब होते हैं। रसोई घर की शेल्फ कभी भी काली नहीं होनी चाहिए। ब्लैक मार्बल की शेल्फ शनि का सिंबल होती है। शनि और मंगल एक साथ होंगे तो मंगल कमजोर हो जाएंगे। रसोई घर की शेल्फ को क्रीम कलर करवाएं और काला पत्थर रसोई में कभी भी न रखें। इसके अलावा रसोई घर के कूड़ेदान को फ्री करके सोएं। रसोई घर में रात को जूठे बर्तन रखे हुए हैं तो यह आपके वास्तु एनर्जी को बहुत प्रभावित करते हैं। साथ ही चारों ग्रहों को भी खराब करते हैं।
इन बेसिक चीजों का ध्यान रखने से रसोई की ऊर्जा आपके बर्थ चार्ट में मंगल को सही रखेगी, धन-समृद्धि को आकर्षित करेगी और आपके घर के अंदर हेल्थ का वास होगा। साथ ही लंबे समय से रुके हुए काम रसोई की ऊर्जा से बनने शुरू हो जाएंगे।