Edited By Lata,Updated: 03 Jun, 2019 02:52 PM
आज का समय ऐसा चल रहा है कि हर कोई अपने-अपने क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहता है। माता-पिता भी अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर हर संभव प्रयास करते हैं।
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आज का समय ऐसा चल रहा है कि हर कोई अपने-अपने क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहता है। माता-पिता भी अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर हर संभव प्रयास करते हैं। ताकि उनके बच्चे को किसी चीज़ की कभी कोई कमी न रहे और वह अपने पढ़ाई में आगे बढ़ता रहे व अपने जीवन में हर मुकाम को हासिल कर से। परंतु अक्सर ऐसा देखा जाता है कि कई कोशिशों के बावजूद बच्चे परीक्षा में अच्छे अंक नहीं ला पाते हैं। जिसकी वजह से वह काफी निराश हो जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं इसके पीछे का कारण आपके घर में मौजूद वास्तु दोष हो सकता है। इन्हीं बाधाओं के चलते आज हम आपको वास्तु में बताए गए उन उपायों के बारे में बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आप अपने बच्चों की सफलता में बन रही रुकावट को दूर कर सकते हैं।
सफलता पाने के लिए छात्रों की पढ़ाई का कमरा पूर्व या उत्तर दिशा या फिर ईशान कोण में होने से सूर्य, बुध एवं गुरू ग्रह की कृपा प्राप्त होती है और साथ ही उनका मन पढ़ाई में लगता है।
कहते हैं कि अगर सुबह सूर्य की किरणें स्टडी रूम में आती हों तो खिड़की दरवाजे सुबह के वक्त खोलकर रखने चाहिए, ताकि सुबह के सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा का लाभ उठा सके।
वास्तु के अनुसार बच्चों के स्टडी रूम में मां सरस्वती का चित्र लगाएं और उनके सामने पढ़ाई करने से पहले हाथ जोड़कर बुद्धि एवं बल के लिए प्रार्थना करें। साथ ही प्रात:काल ॐ ऐं हीं सरस्वत्यै नमः का जाप करें। इससे बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है।
ऐसा बहुत से बच्चों में देखा जाता है कि पढ़ने के दौरान आलस्य आता है और साथ ही उनका पढ़ाई में ध्यान नहीं लगता है। ऐसे में बच्चों के कमरे में हरे रंग का पेंट बेहतर रहता है।
किसी बीम के नीचे बैठकर पढ़ना या सोना नहीं चाहिए, अन्यथा मानसिक तनाव उत्पन्न होता है और पढ़ाई में मन नहीं लगेगा।
घर की पश्चिम दिशा में पढ़ाई का कमरा होने पर बच्चों को पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पढ़ना चाहिए। ऐसा करने से बच्चा परीक्षा के दिनों में कम समय में ज्यादा चीजें याद कर परीक्षा में अच्छे नंबर प्राप्त कर सकता है।
स्टडी रूम में कम्प्यूटर रखने के लिए आग्नेय से दक्षिण व पश्चिम के बीच कहीं भी रख सकते है। ईशान कोण में रखे कम्पयूटर शैक्षिक सफलता के लिए उपयोगी साबित नहीं होंगे।
पढ़ाने वाले बच्चों को हमेशा दक्षिण या पश्चिम की ओर सिर करके सोना चाहिए। दक्षिण में सिर करके सोने से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है और पश्चिम में सिर करके सोने से पढ़ने की इच्छा दिन-प्रतिदिन बढ़ेगी।