Edited By Jyoti,Updated: 07 Dec, 2019 11:35 AM
हिंदू धर्म के ग्रंथों में सभी समस्त देवी-देवताओं में से भोलेनाथ के अलावा केवल हनुमान जी को कलयुग काद देव कहा गया है।
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हिंदू धर्म के ग्रंथों में सभी समस्त देवी-देवताओं में से भोलेनाथ के अलावा केवल हनुमान जी को कलयुग काद देव कहा गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चूंकि बजंरगबली भगवान शंकर के अवतार हैं इसलिए ज़ाहिर सी बात बात है ये भी उनकी तरह अमर हैं। धार्मिक पुराणों में इन्हें संकटमोचन कहा जाता है। कहते हैं पवनपुत्र हनुमान अपने भक्तों के सभी तरह के संकटों का स्वयं दूर करते हैं। अब तो हुई हिंदू धर्म के ग्रंथों में आदि किए इनके उल्लेख की बात। लेकिन क्या आप जानते हैं वास्तु शास्त्र में भी इस बात का वर्णन मिलतै है कि हनुमान जी के शुभ प्रभाव से घर के समस्त वास्तु दोष दूर होते हैं। इसके अनुसार जितना फल इनकी पूजा आदि से मिलता है उतना ही वास्तु की दृष्टि से घर में हनुमान जी के होने से लाभ की प्राप्ति होती तथा तमाम नकारात्मक ऊर्जा का खात्मा होता है। इतना ही नहीं बल्कि इसके प्रभाव भूत-प्रेत, पिशाच और बुरी आत्माएं कभी नहीं टिक पाती। साथ ही मंगल, शनि एवं पितृ दोषों से भी मुक्ति मिलती है। तो आइए जानते हैं पवनपुत्र हनुमान आपको कैसे लाभ दे सकते हैं।
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार ड्राइंग रूम में राम दरबार की राम जी के चरणों में बैठे हनुमान जी वाली तस्वीर लगानी चाहिए। इससे परिवार के सदस्यों में आपसी प्रेम, विश्वास, स्नेह और एकता आदि बढ़ती है।
घर-परिवार के सदस्यों की धार्मिक भावना बनाए रखने कि लिए श्री राम का कीर्तन करते हुए हनुमान जी का चित्र लगाना चाहिए। मान्यता है इससे परिवार के सदस्यों का आपसी विश्वास भी मज़बूत होता है।
घर की किसी भी हिस्से के दक्षिण दिशा में हनुमान जी का लाल रंग की बैठी हुई मुद्रा में चित्र लगाएं। इससे नकारात्मक ऊर्जा एवं बुरी ताकतें दूर होती हैं तथा धीरे-धीरे घर में सुख-शांति आने लगती है।
मुख्यद्वार पर पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा लगाने से घर में किसी भी तरह की कोई बुरी शक्ति प्रवेश नहीं कर पाती।
जैसे कि सब जानते हैं राम भक्त हनुमान जी बालब्रह्मचारी हैं। इसलिए इनकी उपासना में पवित्रता का खासा ध्यान रखना चाहिए। अतः भूलकर भी इनकी प्रतिमा या चित्र शयन कक्ष में न लगाएं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार सीढ़ियों के नीचे, रसोई घर या अन्य किसी अपवित्र स्थान पर भी इनका चित्र कभी नहीं लगाना चाहिए, अशुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।
जिस घर में किसी भी तरह का वास्तुदोष हो उन्हें घर में हनुमान चालीसा, सुंदरकांड एवं हनुमानाष्टक का पाठ करना चाहिए।