Edited By Prachi Sharma,Updated: 17 Oct, 2024 09:45 AM
आज बात करेंगे शुक्र देव की। शुक्र वैसे तो दैत्य गुरु कहे गए हैं दैत्य गुरु शुक्राचार्य है लेकिन कलयुग में इनका बहुत महत्व है। सबसे लंबी महादशा शुक्र की होती है।
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Venus Transit 2024: आज बात करेंगे शुक्र देव की। शुक्र वैसे तो दैत्य गुरु कहे गए हैं दैत्य गुरु शुक्राचार्य है लेकिन कलयुग में इनका बहुत महत्व है। सबसे लंबी महादशा शुक्र की होती है। शुक्र 20 साल तक रहते हैं महादशा में और शुक्र विलासिता, लग्जरी, एंटरटेनमेंट के कारक हैं। जितनी भी मैटेरियलिस्टिक वर्ल्ड में सुख-सुविधाएं मिलती हैं। जितनी लग्जरी आपको मिलती है सारी शुक्र से आती है। तो यदि शुक्र आपकी कुंडली में अच्छे हो जाते हैं तो आपको निश्चित तौर पर इसके अच्छे रिजल्ट्स मिलते हैं। लिहाजा बहुत सारी ऐसी कुंडलियां होती हैं जिनमें शुक्र अस्त हो जाते हैं। शुक्र वृश्चिक राशि में आ गए हैं यहां शुक्र 6 नवंबर तक रहेंगे। इसके बाद यह धनु राशि में चले जाएंगे लेकिन वृश्चिक राशि में रहने के दौरान शुक्र इन राशियों के लिए अच्छा फल करेंगे।
मेष राशि: मेष जिसके लिए शुक्र अच्छा फल करेंगे। इसका कारण यह है कि शुक्र मेष राशि के जातकों के लिए दूसरे भाव के स्वामी हो जाते हैं। वहां पर शुक्र की वृषभ राशि है आती है। दूसरा भाव आपका धन भाव होता है। यहां पर शुक्र अष्टम भाव में गोचर करेंगे। कुंडली में अष्टम में जब शुक्र गोचर करेंगे हालांकि बहुत सारे ग्रह ऐसे हैं जिनका अष्टम में गोचर अच्छा नहीं होता। लेकिन शुक्र इकलौते ग्रह हैं जिनका अष्टम और 12वां भाव जो दोनों का गोचर अच्छा होता है। तो जब यहां पर शुक्र अष्टम में रहेंगे तो मेष राशि के जातकों के लिए दूसरे भाव को प्रोटेक्ट करेंगे। यहां पर धन की वृद्धि करवा सकते हैं। मेष राशि के जातक जो है वो मंगल की राशि है। फायरी साइन है थोड़े से अग्रेसिव होते हैं लेकिन जब सौम्य ग्रह शुक्र आपके वाणी वाले स्थान को देखते हैं तो निश्चित तौर पर उसके आपको अच्छे रिजल्ट मिलते हैं। मेष राशि के जातकों के लिए धन में वृद्धि हो सकती है। 6 नवंबर से पहले-पहले इसके अलावा आपकी वाणी पे इसका इफेक्ट नजर आ सकता है। यहां पर आपके लिए शुक्र सप्तम भाव के भी स्वामी हैं। जो आपके पार्टनर का भाव है वहां पर भी आपको थोड़ा सा इंप्रूवमेंट होता हुआ नजर आएगा। यदि आपका पार्टनर हेल्थ हेल्थ से स्ट्रगल कर रहा है तो वहां पर आपके लिए समय शुभ है।
कर्क राशि: कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में शुक्र पंचम भाव में आ जाएंगे। कर्क राशि से जो पंचम भाव में शुक्र है। वह सीधी दृष्टि से आपके 11थ हाउस को देखेंगे। 11थ हाउस आपकी एलिवेशन का भाव होता है। शुक्र इच्छाओं के कारक है, तरक्की यहीं से आती है। कर्क राशि के जातकों के लिए आय के साधन बढ़ सकते हैं। इच्छाओं की पूर्ति हो सकती है चूंकि शुक्र यहां पर पंचम में है तो कर्क राशि के जो जातक सिंगल हैं उनकी लाइफ में कोई न कोई आ सकता है। यदि सिंगल नहीं है किसी के साथ कमिटमेंट है तो आपको शुक्र के इस गोचर के साथ के दौरान अपने पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिल सकता है। यह शुक्र का गोचर कर्क राशि के जातकों के लिए इस लिहाज से काफी अच्छा रहने वाला है। यहां पर शुक्र आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी बनते हैं और 11थ हाउस के स्वामी बनते हैं। चौथा भाव आपका सुख स्थान होता है। कर्क राशि के जातकों के लिए यह गोचर अच्छा है।
सिंह राशि: सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र गोचर करेंगे फोर्थ हाउस में। फोर्थ हाउस चूंकि सुख स्थान है इसलिए फोर्थ हाउस से संबंधित फल आपको अच्छे मिलेंगे। यहां पर पॉजिटिव प्रभाव होना आपको मानसिक हेल्थ के मामले में भी हेल्प करेगा। यहां पर जब शुक्र बैठेंगे तो सीधा सप्तम दृष्टि से आपके दशम भाव को देखेंगे। दशम भाव आपका कारोबार, नौकरी होती है। यहां पर आपके कारोबार में वृद्धि करवा सकते हैं। शुक्र कार्यस्थल पर आपका प्रभाव बढ़ सकते हैं। इसके अलावा क्योंकि शुक्र की जो तुला राशि है वो आपके तीसरे स्थान पर आती है। यह पराक्रम का भाव होता है तो निश्चित तौर पर आप कोई भी काम करेंगे पूरे कॉन्फिडेंट के साथकरते हुए नजर आएंगे।
कन्या राशि; कन्या राशि के जातकों के लिए यहां पर देखिए शुक्र की एक राशि आ गई दूसरे भाव में। दूसरा भाव धन स्थान होता है और कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र भाग्य स्थान के स्वामी भी बनते हैं। शुक्र की वृषभ राशि है वो आपके नाइंथ हाउस में आती है। चूंकि नाइंथ हाउस का स्वामी शुभ गोचर में है। तीसरे भाव में बैठकर आपके अपने भाग्य स्थान को देख रहा है। तो निश्चित तौर पर आप कोई भी काम करेंगे शुक्र के गोचर के दौरान आपको उसका लाभ मिलता हुआ नजर आएगा। धन स्थान में शुक्र की मूल त्रिकोण राशि तुला पड़ी हुई है लिहाजा धन से संबंधित फल भी आपको अच्छे मिलेंगे। भाग्य आपका साथ देता हुआ नजर आएगा। इसके फल आपको अच्छे मिलेंगे। शुक्र तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं जो डिटरमिनेशन का भाव है।
तुला राशि: तुला राशि के लिए शुक्र दूसरे भाव में चले जाएंगे। यह राशि का स्वामी जब धन भाव में बैठ गया तो निश्चित तौर पर आपके लिए वो धन की वृद्धि करवाएंगे। यहां से शुक्र की दृष्टि रहेगी अष्टम भाव के ऊपर। ऐसे तमाम लोग जिनका काम रिसर्च से जुड़ा हुआ है उनको इस चीज का फायदा हो सकता है। चूंकि राशि का स्वामी शुभ गोचर में है इसलिए भी आप थोड़ा सा अपने आप को उत्साहित फील करेंगे।
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के ऊपर से ही शुक्र का गोचर हो रहा है। जब चंद्रमा के ऊपर से शुक्र का गोचर होता है तो वो बहुत अच्छा होता है। क्योंकि यहां पर शुक्र अपना प्रभाव जरूर छोड़ते हैं। आपके चंद्रमा के ऊपर से एक ऐसे प्लेनेट का गोचर हो रहा हो रहा है जो लग्जरी के कारक है। इसकी दृष्टि आपके सेवंथ हाउस के ऊपर रहेगी तो आप अपने पार्टनर के साथ ज्यादा कनेक्टेड फील कर सकते हैं। पार्टनर के साथ आपका समय अच्छा बीत सकता है। वृश्चिक राशि के जातकों के लिए ये चूंकि सप्तम भाव के भी स्वामी बनते हैं। आपके लिए यहां पर सप्तम भाव में शुक्र की वृषभ राशि है तो सप्तम भाव से संबंधित फल अच्छे नजर आएंगे। वृश्चिक राशि के जातकों के लिए निश्चित तौर पर अच्छा है।
धनु राशि: धनु राशि के लिए शुक्र 12वें भाव से गोचर करेंगे। हालांकि 12वें भाव में सभी ग्रहों का गोचर अच्छा नहीं होता लेकिन शुक्र एक इकलौते ग्रह हैं जिनको 12वें का दोष नहीं लगता क्योंकि काल पुरुष की कुंडली में शुक्र 12वें भाव में उच्च के हो जाते हैं। यहां पर 12वें भाव में जब शुक्र बैठेंगे तो छठे भाव को देखेंगे छठे भाव में शुक्र की अपनी राशि वृषभ आ रही है। तो जब छठे भाव में शुक्र देखते हैं तो निश्चित तौर पर इस भाव से संबंधित फलों को वो पॉजिटिव कर देते हैं। यदि आपके ऊपर कोई कोर्ट केस चल रहा है तो यहां पर आपको उसका फायदा हो सकता है। यदि आपके ऊपर कोई ऋण की स्थिति है तो हो सकता है कि इस अवधि के दौरान आपको उसमें राहत मिलती नजर आए। यदि आपको फिजिकल कोई प्रॉब्लम सता रही है तो वहां पर चीजें आपको अच्छी होती हुई नजर आएंगी चूंकि धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र की तुला राशि 11वें भाव में आ जाती है लिहाजा आपको 11वें भाव के भी अच्छे फल मिलेंगे। 11वां भाव आपकी कुंडली में एलिवेशन, तरक्की का भाव है। तो निश्चित तौर पर यहां पर आपको तरक्की मिलती हुई नजर आ सकती है, आय में वृद्धि होती हुई नजर आ सकती है।
मकर राशि: मकर शनि की राशि है और शनि की राशि होने के कारण शुक्र यहां पर पंचम स्थान के स्वामी हो जाते हैं। अब पंचम स्थान के स्वामी का अच्छे गोचर में आ जाना आपके लिए बहुत शुभ है क्योंकि यहां पर शुक्र आपके लिए बैठेंगे जाकर 11थ हाउस में। 11थ हाउस में जब बैठे हैं तो आपको उसका बहुत अच्छा फल मिलेगा। 11थ हाउस आपका तरक्की, इच्छाओं का भाव है। शुक्र यहां पर बैठेंगे तो पंचम भाव को देखेंगे जो आपकी संतान का भाव है। जो सिंगल हैं उनको लाइफ में कोई न कोई पार्टनर मिल सकता है। जो ऑलरेडी किसी के साथ है उनको अपने पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिल सकता है क्योंकि शुक्र पंचमेश है। कोई भी आप काम करेंगे बुद्धि-विवेक के साथ करेंगे क्योंकि पंचम भाव बुद्धि-विवेक का भी भाव होता है। तो यहां पर शुक्र का गोचर मकर राशि के जातकों के लिए अच्छा होने जा रहा है।
मीन राशि: मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर काफी अच्छा रहेगा क्योंकि मीन राशि एक ऐसी राशि है जिसके लिए शुक्र जिन जिस राशि में आकर शुक्र उच्च के हो जाते हैं। यहां पर शुक्र आपकी कुंडली में भाग्य स्थान में गोचर करेंगे। भाग्य स्थान में शुक्र का गोचर करना मीन राशि के जातकों के लिए भाग्य जगाने का काम करेगा। यहां पर कोई भी आप काम करेंगे आपका वो भाग्य साथ देता हुआ नजर आएगा। यहां पर देखिए शुक्र की दृष्टि आपके थर्ड हाउस के ऊपर जा रही है। निश्चित तौर पर आपको भाइयों का सहयोग मिलता हुआ नजर आएगा, आप कॉन्फिडेंट फील करते हुए नजर आएंगे। यह गोचर आपके लिए काफी अच्छा होने जा रहा है शुक्र की एक राशि अष्टम भाव में भी आ जाती है। अष्टम भाव के पॉजिटिव जो फल होते हैं वो भी आपको मिलते हुए नजर आएंगे। जितने भी लोग लोग रिसर्च से जुड़े हुए हैं चाहे वो मेडिकल रिसर्च है तो निश्चित तौर पर आपको उसमें फायदा होता हुआ नजर आएगा।
यदि आपकी कुंडली में शुक्र अस्त है। शुक्र राहु-केतु एक्सेस में है मंगल-सूर्य के साथ है। शुक्र के ऊपर दो पाप ग्रहों का प्रभाव है। खास तौर पर यदि शुक्र छठे भाव में है और खराब स्थिति में है और दो पाप ग्रहों के प्रभाव में भी है तो आपको शुक्र की रेमेडीज जरूर करनी चाहिए। यदि आप मैरिड हैं तो आपके लिए आपकी वाइफ शुक्र का कारक है। अपनी वाइफ के साथ रिलेशन को बढ़िया रखिए। कभी-कभी उनको कोई न कोई सरप्राइज देते रहिए।
शुक्रवार के दिन गौशाला में जाकर गौ माता की सेवा करें।
शुक्रवार के दिन सफेद चीजों का दान करें।
नरेश कुमार
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