Edited By Prachi Sharma,Updated: 31 Jan, 2025 07:51 AM
शुक्र राक्षस गुरु है लेकिन शुक्र कलयुग में देने वाले ग्रह कह गए हैं। जब हम जन्म कुंडली का विश्लेषण करते हैं तो सबसे लंबी महादशा शुक्र की आती है। 20 साल की शुक्र की महादशा आती है।
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Venus Transit 2025: शुक्र राक्षस गुरु है लेकिन शुक्र कलयुग में देने वाले ग्रह कह गए हैं। जब हम जन्म कुंडली का विश्लेषण करते हैं तो सबसे लंबी महादशा शुक्र की आती है। 20 साल की शुक्र की महादशा आती है। शुक्र लगजरी, एंटरटेनमेंट, धन के कारक है। विपुल धन शुक्र से आता है लेकिन जब यही शुक्र पीड़ित हो जाए गोचर में पीड़ित हो जाए तो यह बहुत अच्छा फल नहीं करते। शुक्र 28 जनवरी को मीन राशि में आ गए हैं। मीन राशि शुक्र की उच्च राशि है लेकिन शुक्र यहां पर आकर पीड़ित हो जाएंगे और पीड़ित भी कम समय के लिए नहीं आ रहे पीड़ित भी होंगे 124 दिन के लिए। शुक्र का गोचर होता है 27 दिन का होता है लेकिन कई बार ग्रह मार्गी वक्री होता है। शुक्र जब 28 जनवरी को राशि परिवर्तन करेंगे और मीन राशि में आ जाएंगे । शुक्र राहु-केतु एक्सेस में है, 12 में राहु का गोचर हो रहा है। कन्या राशि में केतु का गोचर हो रहा है मंगल वक्री होकर मिथुन राशि में आ चुके हैं। गुरु इस समय दो राशि में गोचर कर रहे हैं तो दृष्टि नहीं बन पाएगी। शुक्र यहां पर पीड़ित हो जाएंगे, राहु-केतु का गोचर यहां पर रहेगा 29 मई तक। यह राहु-केतु के बीच तो रहेंगे ही रहेंगे। तब तक लेकिन इसी बीच 2 मार्च को शुक्र वक्री हो जाएंगे। 19 मार्च के आसपास शुक्र अस्त भी हो जाएंगे और 25 मार्च को शुक्र उदय होंगे, वक्री अवस्था में रहते हुए उदय होंगे और अस्त होंगे इसके साथ ही 13 अप्रैल को शुक्र मार्गी हो जाएंगे। 12 राशि में शुक्र गोचर कर रहे हैं इसी बीच शुक्र के साथ-साथ जो गोचर है सूर्य का भी शुरू हो जाएगा। राहु के साथ-साथ सूर्य का गोचर भी शुरू हो जाएगा यहां पर क्योंकि 15 मार्च से लेकर 13 अप्रैल 14 अप्रैल के आस-पास सूर्य मीन राशि में रहते हैं। शुक्र सूर्य के एक्सेस, राहु के एक्सेस में रहेंगे और आपके साथ केतु के एक्सेस में रहेंगे। 29 मार्च को शनि राशि बदलेंगे। शनि इस समय कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। 29 मार्च को सूर्य भी आकर ज्वाइन कर जाएंगे।13 अप्रैल को लेकिन शनि फिर यहीं पर रहेंगे और यह पीड़ा शुक्र कीवह 31 मई को जाकर खत्म होगी। जब शुक्र आगे निकल जाएंगे तो 124 दिन के लिए शुक्र पीड़ित अवस्था में रहेंगे। कुछ राशियों को इसकी समस्या जरूर होगी। शुक्र दो राशियों के स्वामी है पहली है वृषभ और दूसरी तुला राशि। तीन ऐसी राशियां है जिनके ऊपर इस समय शुक्र की महादशा चल रही है। पहली राशि है कर्क राशि में पुष्य नक्षत्र में और अश्लेषा नक्षत्र में जितने भी जातक पैदा हुए हैं वो इस समय शुक्र की महादशा से गुजर रहे हैं।
वृश्चिक राशि अनुराधा नक्षत्र शनि का है, जेष्ठा नक्षत्र बुध का है। इन दोनों नक्षत्रों में पैदा होने वाले जातकों के ऊपर इस समय शुक्र की महादशा चल रही है तो यह चौथी राशि है जो प्रभाव में आ जाएगी। पांचवी राशि है आपकी मीन राशि। मीन राशि के ऊपर भी इस समय शुक्र की महादशा चल रही है। मीन राशि के उत्तर भाद्रपद और रेवती नक्षत्र इन नक्षत्रों में पैदा होने वाले सारे जातकों के ऊपर इस समय शुक्र चल रहे हैं।
वृषभ राशि जो शुक्र की राशि है हालांकि यहां पर गोचर 11 भाव में होगा। शुक्र का गोचर 11 भाव का अच्छा होता है। राहु का गोचर भी 11 भाव का अच्छा होता है। शुक्र के साथ सूर्य भी आ जाएंगे, शनि भी आ जाएंगे। ये शनि सूर्य, राहु, शुक्र ये चारों ही 11वें भाव में अच्छे गोचर में होते हैं। वृषभ राशि के जातक अपनी सेहत का जरूर ध्यान रखिए क्योंकि यहां पर आपकी सेहत के साथ चीजें थोड़ी सी गड़बड़ हो सकती है। दूसरा कोई भी फैसला करना है आपने तो एक ओपिनियन जरूर लीजिए। आपका पांचवा भाव जो बुद्धि-विवेक का भाव होता है, जिससे हम डिसीजन में मेकिंग करते हैं। उसके ऊपर इतने सारे ग्राहों की दृष्टि आ रही है। शुक्र पीड़ित हो गए हैं लेकिन आपका पांचवां भाव भी बहुत बुरे तरीके से पीड़ित होगा। कोई रिलेशनशिप को लेकर फैसला करना है, कोई प्रॉपर्टी खरीदनी है तो एक बार जरूर राय जरूर करिएगा। शुक्र आपके लिए छठे भाव के भी स्वामी हो जाते हैं। ये रोग, ऋण, शत्रु का भाव होता है। किसी की फाइनेंशियल गारंटी मत लीजिए क्योंकि आपकी राशि का स्वामी पहले तो पीड़ित है दूसरा आपके छठे भाव से छठे में है। शुक्र की मूल त्रिकोण राशि आपके छठे भाव में आ रही है तो यहां पर फाइनेंशियल गारंटी नहीं लेनी है। किसी भी अनावश्यक विवाद में नहीं पड़ना। पैसा किसी को उधार मत दीजिएगा, वह पैसा फस जाएगा। वृषभ राशि के जातकों को अपने खाने-पीने का ध्यान रखना पड़ेगा, अपनी सेहत का ध्यान रखना पड़ेगा। सेहत को लेकर थोड़ा सा सजग रहना पड़ेगा।
तुला राशि: तुला राशि के लिए शुक्र का गोचर वैसे ही छठे भाव में आ जाएगा। अब छठे भाव का शुक्र का गोचर वैसे ही अच्छा नहीं होता। ये अशुभ गोचर में रहेंगे। शुक्र आपके लिए अष्टम के भी स्वामी बनते हैं। अष्टम के स्वामी का छठे आ जाना अच्छा नहीं है। अष्टम आपका छुपा हुआ धन होता है। अष्टम आपकी रिसर्च का भाव होता है। अष्टम लंबी बीमारी का भाव होता है, अष्टम आयु स्थान होता है। अष्टम से दुर्घटना देखी जाती है तो इसका मतलब है कि गाड़ी धीरे चलाएं।
फाइनेंशियल गारंटी मत लें और सेहत का जरूर ध्यान रखें। ये चीजें आपके साथ हो सकती हैं क्योंकि शुक्र राशि के स्वामी हैं तो राशि के स्वामी का छठे जाना वैसे भी अच्छा नहीं है। छठा भाव अच्छा भाव नहीं होता शुक्र वैसे भी काल पुरुष की पत्रिका में छठे भाव में नीच के फल करते हैं तो तुला राशि के लिए शुक्र वैसे भी छठे जाएंगे तो अच्छा फल नहीं करेंगे। शुक्र का छठे जाना तुला राशि के लिए वैसे भी अच्छा नहीं है तो यहां पर यह थोड़ा सा जरूर ध्यान रखना पड़ेगा। शुक्र आपके पार्टनर का कारक होता है। यदि आप विदेश जाने का प्लान कर रहे हैं तो कोशिश करें कि अपने सारे डॉक्यूमेंट ध्यान से रखें। शुक्र 12वें को देख रहे हैं और छठे भाव में जब इतने सारे ग्राह का जमावड़ा लगेगा तो 12वां भाव आपका डिस्टर्ब हो जाएगा। जो विदेश का भाव होता है वो सारी यहीं से देखते हैं। तो यह चीज थोड़ी सी ध्यान में रखनी पड़ेगी।
कर्क राशि: कर्क राशि के ऊपर इस समय शुक्र की ही महादशा चल रही है। कर्क राशि के जितने भी जातक है 30 से 50 साल की उम्र के वह शुक्र की महादशा से गुजर रहे हैं। उनके ऊपर शुक्र चल रहे हैं और कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र इस समय गोचर करेंगे लगभग आपके नाइंथ हाउस में। नाइंथ हाउस का शुक्र गोचर अच्छा होता है क्योंकि यह भाग्य स्थान हो जाता है। कर्क राशि के जातकों के लिए यहां पर राहु का गोचर अच्छा नहीं होता। यहां पर शनि, सूर्य का गोचर अच्छा नहीं होता। इतने सारे ग्रह जब आपके भाग्य स्थान को प्रभावित करेंगे और आपका जो रूलिंग प्लेनेट है। जो कर्क राशि है उसके लिए शुक्र की वृषभ राशि आपके 11वें भाव में आती है। शुक्र की वृषभ राशि आपके 11वें भाव में है। शुक्र इच्छाओं के कारक ग्रह है तो ये सारी चीजें 11वें भाव से आती है तो हो सकता है कि आय में कहीं न कहीं आपको ब्रेक लगता हुआ नजर आए।
28 जनवरी के बाद ऐसा भी हो सकता है कि आपकी यदि कोई प्रमोशन पेंडिंग है तो वहां पर हो सकता है कि आपको थोड़ा सा डिले का सामना करना पड़े। बहुत सारी चीजें 11वां भाव डिस्टर्ब होने के कारण रुक जाती हैं क्योंकि ये इच्छाओं का भाव होता है। कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र की दूसरी राशि आती है। तुला राशि फोर्थ हाउस में आ जाती है। फोर्थ हाउस आपका पीस ऑफ माइंड, मदर का विचार फोर्थ हाउस से किया जाता है। मदर की हेल्थ को लेकर समस्या हो सकती है क्योंकि उस भाव का स्वामी पीड़ित हो गया। अपने भाव से छठे भाव में चला गया है।
यहां पर इस भाव के स्वामी का छठे में जाना अच्छा नहीं है। यदि आप कोई प्रॉपर्टी खरीदने का का प्लान बना रहे हैं, कोई एसेट क्रिएशन का प्लान बना रहे हैं तो उस प्रॉपर्टी के अच्छी तरह से जांच लीजिए। डील करते वक्त थोड़ा सा थोड़ा सा सब्र से काम करना पड़ेगा। यदि आप मेडिटेशन करते हैं तो हो सकता है मेडिटेशन में भी आपका ध्यान थोड़ा सा न लगे क्योंकि यह पीस ऑफ माइंड का भाव होता है। काल पुरुष की कुंडली में चंद्रमा का भाव होता है। मन थोड़ा सा व्यथित रह सकता है। कर्क राशि के जातक वैसे भी बड़े इमोशनल होते हैं, ओवररिएक्ट कर जाते हैं। तो थोड़ा सा आपको ओवर एक्शन से बचना पड़ेगा।
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जो जातक हैं उनके लिए शुक्र पर पंचम भाव में गोचर करेंगे। पंचम भाव संतान का भाव होता है। संतान के अलावा पंचम भाव आपके बुद्धि-विवेक का भाव होता है। यदि आपके घर में प्रेगनेंसी है तो वहां पर कॉम्प्लिकेशन आ सकती है। यह खास तौर पर ध्यान रखना है प्रेगनेंसी वालों को क्योंकि इसी भाव में ग्रहण भी लगेगा 29 मार्च को। इसी भाव में ग्रहण लगेगा तो यहां पर प्रेगनेंसी वालों को विशेष ध्यान रखना पड़ेगा। आपके घर में यदि प्रेगनेंसी है तो इस अवधि में कॉम्प्लिकेशन आ सकती है इसलिए यह सावधानी बहुत जरूरी है।
नरेश कुमार
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