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Venus Transit 2025: 124 दिन के लिए शुक्र की बिगड़ी चाल, मेष राशि वाले रहें सावधान

Edited By Sarita Thapa,Updated: 03 Feb, 2025 09:39 AM

Venus Transit 2025: जल्द ही शुक्र 124 दिन के लिए नई चाल चलने वाले हैं और मेष राशि को सताएंगे जब हम जन्म कुंडली का विश्लेषण करते हैं तो सबसे लंबी महादशा जो है, वो शुक्र की आती है। 20 साल की शुक्र की महादशा आती है।

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Venus Transit 2025: जल्द ही शुक्र 124 दिन के लिए नई चाल चलने वाले हैं और मेष राशि को सताएंगे जब हम जन्म कुंडली का विश्लेषण करते हैं तो सबसे लंबी महादशा जो है, वो शुक्र की आती है। 20 साल की शुक्र की महादशा आती है। शुक्र लग्जरी और एंटरटेनमेंट के कारक है। शुक्र तमाम तरह के धन के कारक है। विपुल धन शुक्र से आता है लेकिन जब यही शुक्र पीड़ित गोचर में पीड़ित हो जाए, तो यह बहुत अच्छा फल नहीं करते। यानी कि वह फल उन्न मोर्चों पर खराब करते हैं। जिन- जिन चीजों के शुक्र कारक है तो शुक्र 28 जनवरी को मीन राशि में आ जाएंगे। मीन राशि जो है, वह शुक्र की उच्च राशि है। लेकिन शुक्र यहां पर आकर पीड़ित हो जाएंगे और पीड़ित भी कम समय के लिए नहीं बल्कि 124 दिन के लिए पीड़ित होंगे। नॉर्मली शुक्र का जो गोचर होता है वह एवरेज 27 दिन का होता है लेकिन कई बार ग्रह मार्गी वक्री होता है। उदय अस्त होता है। सूर्य से दूर जाता है करीब आता है, तो कई बार ऐसे ग्रह भी काफी लंबा समय गोचर में लगा लेते हैं। शुक्र 28 जनवरी को राशि परिवर्तन करेंगे और मीन राशि में आ जाएंगे। यहां पर शुक्र राहु केतु एक्सेस में है 12 में राहु का गोचर हो रहा है। छह राशि में यानी कि कन्या राशि में केतु का गोचर हो रहा है। मंगल वक्री होकर मिथुन राशि में आ चुके हैं। यह बैकवर्ड मूवमेंट में है। मंगल और मिथुन राशि में है। अब जब हम केंद्र निकालते हैं तो शुक्र का केंद्रीय प्रभाव जो है, वो नेगेटिव हो गया। यह चार्ट आपको बता रहा है गुरु इस समय दो राशि में गोचर कर रहे हैं, तो दृष्टि नहीं बन पाएगी। यहां पर शुक्र का सपोर्ट नहीं मिल पाएगा और यहां पर यह पीड़ित हो जाएंगे। राहु केतु का गोचर यहां पर रहेगा।

यह 29 मई तक तो राहु केतु के बीच रहेंगे ही रहेंगे। लेकिन इसी बीच 2 मार्च को शुक्र जो है, वक्री हो जाएंगे। वक्री होंगे और लगभग इसी मार्च में 19 मार्च के आसपास शुक्र जो है, वो अस्त भी हो जाएंगे और 25 मार्च को शुक्र उदय होंगे। वक्री अवस्था में रहते हुए उदय और अस्त होंगे। इसके साथ ही 13 अप्रैल को शुक्र जो है, वह मार्गी हो जाएंगे। जब मार्गी हो जाएंगे तो इसी बीच शुक्र के साथ-साथ सूर्य का भी गोचर शुरू 
हो जाएगा। राहु के साथ-साथ सूर्य का गोचर शुरू हो जाएगा क्योंकि 15 मार्च से लेकर 13,14 अप्रैल के आसपास सूर्य मीन राशि में रहते हैं, तो सूर्य भी जवाइन करेंगे। अप्रैल महीने में जब शुक्र सूर्य के एक्सेस में रहेंगे। राहु के एक्सेस में रहेंगे और आपके साथ केतु के एक्सेस में रहेंगे। यहां पर पीड़ित हो जाएंगे। इसके बाद 29 मार्च को शनि राशि बदलेंगे। शनि इस समय कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। 29 मार्च को सूर्य भी आकर जॉइन कर जाएंगे। सूर्य आगे निकल जाएंगे 13 अप्रैल को लेकिन शनि फिर यहीं पर रहेंगे और यह पीड़ा जो शुक्र की है। वह 31 मई को जाकर खत्म होगी। जब शुक्र आगे निकल जाएंगे तो 124 दिन के लिए शुक्र पीड़ित अवस्था में रहेंगे। जब इतना अच्छा ग्रह, विलासिता का ग्रह, अपार धन का ग्रह, मींस रोमांस का ग्रह पीड़ित अवस्था में चला जाएगा, तो निश्चित तौर पर कुछ राशियों को इसकी समस्या जरूर होगी।

शुक्र दो राशियों के कारक दो राशियों के स्वामी हैं पहली है वृषभ राशि दूसरी है आपकी तुला राशि तो इन दोनों राशियों के जातकों को परेशानी होगी। लेकिन तीन ऐसी राशियां है जिनके ऊपर इस समय शुक्र की महादशा चल रही है। पहली राशि  कर्क राशि है। कर्क राशि में उष नक्षत्र में और अश्लेषा नक्षत्र में जितने भी जातक पैदा हुए हैं, वो इस समय शुक्र की महादशा से गुजर रहे हैं। आपके ऊपर शुक्र की महादशा चल रही होगी। दूसरी राशि जिसके ऊपर शुक्र की महादशा चल रही है। वह  वृश्चिक राशि है। अनुराधा नक्षत्र शनि का है। जेष्ठा नक्षत्र बुध का है। इन दोनों नक्षत्रों में पैदा होने वाले जातकों के ऊपर इस समय शुक्र की महादशा चल रही है, तो यह चौथी राशि है, जो प्रभाव में आ जाएगी। पांचवी राशि मीन राशि है। मीन राशि के ऊपर भी इस समय शुक्र की महादशा चल रही है। मीन राशि के उत्तर भाद्रपद और रेवती नक्षत्र इन नक्षत्रों में पैदा होने वाले सारे जातकों के ऊपर इस समय शुक्र चल रहे हैं, तो जितने जातक हैं 30 से 50 साल की उम्र के उनके ऊपर नहीं शुक्र की महादशा चल रही है। 30 से 50 साल के लोगों जिनका जन्म नक्षत्र ये है। उनके ऊपर इस समय महादशा जो है, वो शुक्र की ही चल रही है। जो रूलिंग प्लानेट है, शुक्र वो पीड़ित हो जाए मीन इतने ट्रांजिट में इतने जबरदस्त तरीके से पीड़ित हो जाए तो वो आपको फल क्या ही कर पाएगा। मीन भी आपको अच्छे फल क्योंकि शुक्र ने अच्छे फल करने होते हैं तो वो अच्छे फल नहीं कर पाएगा बल्कि नेगेटिव फलों का जो है वह अंबार लग जाएगा। तो यहां पर समझने की बात यह है कि तीन राशियों के लिए रूलिंग प्लेनेट जो है  पीड़ित हो रहा है और दो राशियां जो शुक्र की अपनी राशियां है उनके लिए राशि स्वामी ही पीड़ित हो रहा है।

 सबसे पहली राशि जिसको इसका प्रभाव पड़ेगा वह है अपनी वृषभ राशि जो शुक्र की राशि है हालांकि यहां पर गोचर 11वें भाव में होगा शुक्र का गोचर 11वें भाव का अच्छा होता है। राहु का गोचर भी 11वें भाव का अच्छा होता है, तो यदि इसको रूल के  नियमों के मुताबिक देखेंगे तो यह दोनों 11 भाव में अच्छे गोचर में रहेंगे। लेकिन चूंकि शुक्र पीड़ित हो गए हैं शुक्र के साथ सूर्य और शनि भी आ जाएंगे। वह ज्यादा पीड़ित कर देंगे। शनि और सूर्य दोनों का गोचर भी 11वें भाव का अच्छा होता है। ये शनि, सूर्य राहुत शुक्र ये चारों ही 11वें भाव में अच्छे गोचर में होते हैं। लेकिन चूंकि शुक्र की अपनी एसिस्टेंसिया नीच का ग्रह वक्री हो जाए, तो वो अच्छे फल करता है।  यहां पर वक्री होना, अस्थ होना, इतने ज्यादा ग्रहण के प्रभाव में आ जाना इस समय 29 मार्च को ग्रहण भी लगेगा ये मीन राशि में ही लग रहा है, तो यहां पर 11वें भाव में जब ग्रहण लगता है, तो निश्चित तौर पर बहुत सारी चीजों को डिस्टर्ब कर देता है, तो वृषभ राशि के जातकों को क्या ध्यान रखना है।

 सबसे पहले तो अपनी सेहत का जरूर ध्यान रखिए क्योंकि यहां पर आपकी सेहत के साथ चीजें थोड़ी सी गड़बड़ हो सकती हैं। दूसरा कोई भी फैसला करना है आपने तो एक ओपिनियन जरूर लीजिए क्योंकि यहां पर स्थिति ऐसी बन रही है कि आपका पांचवा भाव जो बुद्धि विवेक का भाव होता है। जिससे हम डिसीजन मेकिंग करते हैं। उसके ऊपर इतने सारे ग्रहों की दृष्टि आ रही है। शुक्र तो खैर पीड़ित हो ही गए लेकिन आपका पांचवा भाव भी बहुत बुरे तरीके से पीड़ित होगा। कोई भी डिसीजन लेना है आपने 28 जनवरी के बाद 31 मई के बाद कोई मेजर डिसीजन लें। लेकिन जो इंपोर्टेंट डिसीजन है कोई एसेट कशन करनी है कोई रिलेशनशिप को लेकर फैसला करना है कोई प्रॉपर्टी खरीदनी है, तो एक बार किसी से राय जरूर करिएगा। कोई प्रॉपर्टी खरीदने जा रहे हैं क्योंकि शुक्र प्रॉपर्टी का कारक है। एसेट्स का कारक है। तो उस दिशा में भी यदि आप काम करेंगे, तो वहां पर भी आप अपना जो है, वह डिसीजन किसी की राय लेकर ही करिए।

शुक्र आपके लिए छठे भाव के भी स्वामी हो जाते हैं। यह रोग ऋण शत्रु का भाव होता है। लिटिगेशन एलिगेशन कंट्रोवर्सी का भाव होता है, तो यहां पर किसी की फाइनेंशियल या लीगल गारंटी मत लीजिए क्योंकि आपकी राशि का स्वामी पहले तो पीड़ित है दूसरा आपके छठे भाव के छठे में  जब हम काउंट करते हैं, तो छठे से छठा 11वां भाव होता है। वहां से छठे में जाना उसका अच्छा नहीं है और उस भाव के फल ज्यादा खराब हो सकते हैं क्योंकि शुक्र की मूल त्रिकोण राशि ही जो है, वह आपके छठे भाव में आ रही है। यहां पर किसी की फाइनेंशियल गारंटी लीगल गारंटी न लें। किसी भी अनावश्यक विवाद में न पड़े। पैसा किसी को उधार मत दीजिएगा।  आपका तो वृषभ राशि के जातकों को अपने खाने- पीने का ध्यान रखना पड़ेगा। अपनी सेहत का ध्यान रखना पड़ेगा। चूंकि छठा रोग का भी भाव है, तो सेहत को लेकर थोड़ा सा सजग एक्स्ट्रा रहना पड़ेगा। अपना लाइफ स्टाइल मेंटेन करके रखिएगा।

यदि आपकी कुंडली में शुक्र की स्थिति कमजोर है। जैसे यहां पर शुक्र अस्त हो रहे हैं। वक्री हो रहे हैं। राहु-केतु एक्सेस में आ रहे हैं। सूर्य शनि के साथ आ रहे हैं। ऐसी स्थिति यदि आपके चार्ट में है। जो मैरिड लोग है घर में ही आपकी वाइफ शुक्र है अपनी वाइफ को सरप्राइज करते रहिए। कुछ न कुछ गिफ्ट लेकर देते रहिए। ऐसा करने से आपको शुक्र के अच्छे फल मिलेंगे। यदि आप गौशाला जा सकते हैं या आपके घर में गाय हैं, तो शुक्रवार के दिन गाय की सेवा करिए। इस उपाय को करने से शुक्र के आपको निश्चित तौर पर अच्छे फल मिलते हैं। गौ माता को पेड़ा या आटे का गुड या चारा डाला जा सकता है। शुक्रवार सुबह के दिन यह रेमेडी करिए आपको निश्चित तौर पर शुक्र के अच्छे फल देखने को मिलेंगे। 

नरेश कुमार
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