Edited By Sarita Thapa,Updated: 04 Feb, 2025 12:31 PM
Venus Transit 2025: जल्दी ही शुक्र चलने वाले हैं नई चाल 124 दिन के लिए तुला राशि को सताएंगे। सबसे लंबी महादशा जो है, वो शुक्र की आती है। शुक्र की महादशा 20 साल होती है। शुक्र लग्जरी, एंटरटेनमेंट के कारक है।
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Venus Transit 2025: जल्दी ही शुक्र चलने वाले हैं नई चाल 124 दिन के लिए तुला राशि को सताएंगे। सबसे लंबी महादशा जो है, वो शुक्र की आती है। शुक्र की महादशा 20 साल होती है। शुक्र लग्जरी, एंटरटेनमेंट के कारक है। शुक्र तमाम तरह के धन के कारक है। विपुल धन शुक्र से आता है लेकिन जब यही शुक्र गोचर में पीड़ित हो जाए, तो यह बहुत अच्छा फल नहीं करते है। वह फल उन मोर्चों पर खराब करते हैं, जिन चीजों के शुक्र कारक है। शुक्र 28 जनवरी को मीन राशि में आ जाएंगे। मीन राशि जो है, वह शुक्र की उच्च राशि है। लेकिन शुक्र यहां पर आकर पीड़ित हो जाएंगे और पीड़ित भी कम समय के लिए नहीं बल्कि 124 दिन के लिए होंगे। नॉर्मली शुक्र का जो गोचर होता है। वह एवरेज 27 दिन का होता है। लेकिन कई बार ग्रह मार्गी वक्री होता है और उदय अस्त होता है। सूर्य से दूर जाता है करीब आता है, तो कई बार ऐसे ग्रह भी गोचर करने में काफी लंबा समय लगा ले लेते हैं। शुक्र जब 28 जनवरी को राशि परिवर्तन करेंगे और मीन राशि में आ जाएंगे। यहां पर शुक्र राहु केतु एक्सेस में है। 12 में राहु का गोचर हो रहा है। छह राशि में यानी कि कन्या राशि में केतु का गोचर हो रहा है। मंगल वक्री होकर मिथुन राशि में आ चुके हैं। यह बैकवर्ड मूवमेंट में है। मंगल मिथुन राशि में है। अब जब केंद्र निकालते हैं तो शुक्र का केंद्रीय प्रभाव जो है, वो नेगेटिव हो जाता है। गुरु इस समय दो राशि में गोचर कर रहे हैं, तो दृष्टि नहीं बन पाएगी यहां पर सपोर्ट नहीं मिल पाएगा। राहु केतु का गोचर यहां पर रहेगा 29 मई तक तो यह राहु केतु के बीच तो रहेंगे। लेकिन इसी बीच 2 मार्च को शुक्र जो है, वक्री हो जाएंगे।
वक्री होने के बाद 19 मार्च के आसपास शुक्र जो है, वह अस्त जाएंगे और 25 मार्च को शुक्र उदय होंगे। इसके साथ ही 13 अप्रैल को शुक्र जो है, वह मार्गी हो जाएंगे क्योंकि 12 राशि में शुक्र गोचर कर रहे हैं। इसी बीच शुक्र के साथ-साथ जो गोचर है सूर्य का भी शुरू हो जाएगा। राहु के साथ-साथ सूर्य का गोचर भी शुरू हो जाएगा। यहां पर 15 मार्च से लेकर 13, 14 अप्रैल के आसपास सूर्य मीन राशि में रहेंगे। शुक्र सूर्य के एक्सेस में रहेंगे और केतु के साथ एक्सेस में रहेंगे। यहां पर पीड़ित हो जाएंगे। 29 मार्च को शनि राशि बदलेंगे। शनि इस समय कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। हालांकि सूर्य आगे निकल जाएंगे 13 अप्रैल को लेकिन शनि फिर यहीं पर रहेंगे। यह पीड़ा जो शुक्र की है। वह 31 मई को जाकर खत्म होगी। जब शुक्र आगे निकल जाएंगे तो 124 दिन के लिए शुक्र पीड़ित अवस्था में रहेंगे। जब इतना अच्छा ग्रह अपार धन का ग्रह मीस रोमांस का ग्रह वो पीड़ित अवस्था में चला जाएगा तो निश्चित तौर पर कुछ राशियों को इसकी समस्या जरूर होगी। शुक्र दो राशियों के कारक और दो राशियों के स्वामी है। पहली है वृषभ राशि दूसरी है तुला राशि। इन दोनों राशियों के जातकों को परेशानी होगी। लेकिन तीन ऐसी राशियां है, जिनके ऊपर इस समय शुक्र की महादशा चल रही है। पहली राशि है कर्क राशि कर्क राशि में पुष्य नक्षत्र में और अश्लेषा नक्षत्र में जितने भी जातक पैदा हुए हैं, वो इस समय शुक्र की महादशा से गुजर रहे हैं। दूसरी राशि है जिसके ऊपर शुक्र की महादशा चल रही है। वह वृश्चिक राशि अनुराधा नक्षत्र शनि का जेष्ठा नक्षत्र बुध का है। इन दोनों नक्षत्रों में पैदा होने वाले जातकों के ऊपर इस समय शुक्र की महादशा चल रही है, तो यह चौथी राशि है जो प्रभाव में आ जाएगी। पांचवी राशि है, मीन राशि मीन राशि के ऊपर भी इस समय शुक्र की महादशा चल रही है। मीन राशि के उत्तर भाद्रपद और रे नक्षत्र इन नक्षत्रों में पैदा होने वाले सारे जातकों के ऊपर इस समय शुक्र चल रहे हैं, तो जितने जातक हैं 30 से 50 साल की उम्र के उत्तर भद्रा पद नक्षत्र जिनका जन्म नक्षत्र यह है उनके ऊपर इस समय महादशा जो है, वो शुक्र की ही चल रही है। आपका जो रूलिंग प्लेनेट है, शुक्र वो पीड़ित हो जाएंगे। वो आपको अच्छा नहीं दे पाएंगे। क्योंकि शुक्र ने अच्छे फल करने होते हैं, तो वह अच्छे फल नहीं कर पाएगा। बल्कि नेगेटिव फलों का जो है, वह अंबार लग जाएगा। यहां पर समझने की बात यह है कि तीन राशियों के लिए रूलिंग प्लेनेट जो है, वह पीड़ित हो रहा है। दो राशियां जो शुक्र की अपनी राशियां है। उनके लिए राशि स्वामी ही पीड़ित हो रहा है।
शुक्र की अपनी तुला राशि अब तुला राशि से यदि हम काउंट करते हैं, तो शुक्र का गोचर वैसे ही छठे भाव में आ जाएगा अब छठे भाव का शुक्र का गोचर वैसे ही अच्छा नहीं होता। यह पीड़ित अवस्था में भी रहेंगे और शुक्र आपके लिए अष्टम के भी स्वामी बन रहे हैं। अष्टम के स्वामी का छठे आ जाना अच्छा नहीं है। यह आपकी सीक्रेसी का भाव होता है। अष्टम आपका छुपा हुआ धन का रिसर्च का भाव होता है। साथ ही अष्टम लंबी बीमारी का भाव होता है। अष्टम आयु स्थान होता है। अष्टम से दुर्घटना देखी जाती है, इसलिए गाड़ी चलाते समय थोड़ा सा सावधानी बरतें। इस अवधि के दौरान अपने जितने भी फाइनेंशियल पासवर्ड्स है उनको सिक्योर रखिए।
यहां पर सेंध लग जाएगी शुक्र विपुल धन के कारक होते हैं। अष्टम के स्वामी होकर छठे में चले गए हैं। यह अच्छा नहीं है धन के लिहाज से अच्छा नहीं है चूंकि शुक्र छठे में है। किसी के विवा- विवाद में पड़ सकते हैं। ऐसे विवाद से बचने की कोशिश करें। किसी लीगल फाइनेंशियल गारंटी मत लीजिएगा। सेहत का जरूर ध्यान रखें। चूंकि शुक्र राशि के स्वामी हैं, तो राशि के स्वामी का छठे में जाना वैसे भी अच्छा नहीं है और छठा भाव अच्छा भाव नहीं होता। शुक्र वैसे भी काल पुरुष की पत्रिका में छठे भाव में नीच के फल करते हैं, तो तुला राशि के लिए शुक्र वैसे भी छठे हो जाएंगे। यह अच्छा फल नहीं करेंगे। शुक्र का छठे में जाना तुला राशि के लिए वैसे भी अच्छा नहीं है तो यहां पर यह थोड़ा सा जरूर ध्यान रखना पड़ेगा।
शुक्र आपके पार्टनर का कारक होता है। मेल जातकों के लिए वाइफ शुक्र होती है, तो वाइफ की हेल्थ का भी आपको थोड़ा सा ध्यान जरूर रखना पड़ेगा। इस अधि में उन्हें कोई न कोई समस्या जो है, वो पेश आ सकती है यदि आप विदेश जाने का प्लान कर रहे हैं, तो कोशिश कर कि अपने सारे डॉक्यूमेंट जो है, वह आपके अप टू मार्क्स होने चाहिए। शुक्र 12वें को देख रहे हैं और छठे भाव में जब इतने सारे ग्राह का जमावड़ा लगेगा तो 12 भाव आपका डिस्टर्ब हो जाएगा। जो विदेश का भाव होता है। विदेश यात्रा जो है, वो हम सारी यहीं से देखते हैं तो यह चीज थोड़ी सी ध्यान में रखनी पड़ेगी वृषभ राशि तुला राशि के जातकों को इस अवधि के दौरान 124 दिन का पीरियड है। आपको इन चीजों को लेकर सावधान रहना पड़ेगा।
यदि आपकी कुंडली में शुक्र की स्थिति कमजोर है। जैसे यहां पर शुक्र अस्त हो रहे हैं। वक्री हो रहे हैं। राहु-केतु एक्सेस में आ रहे हैं। सूर्य शनि के साथ आ रहे हैं। ऐसी स्थिति यदि आपके चार्ट में है। जो मैरिड लोग है घर में ही आपकी वाइफ शुक्र है अपनी वाइफ को सरप्राइज करते रहिए। कुछ न कुछ गिफ्ट लेकर देते रहिए। ऐसा करने से आपको शुक्र के अच्छे फल मिलेंगे। यदि आप गौशाला जा सकते हैं या आपके घर में गाय हैं, तो शुक्रवार के दिन गाय की सेवा करिए। इस उपाय को करने से शुक्र के आपको निश्चित तौर पर अच्छे फल मिलते हैं। गौ माता को पेड़ा या आटे का गुड या चारा डाला जा सकता है। शुक्रवार सुबह के दिन यह रेमेडी करिए आपको निश्चित तौर पर शुक्र के अच्छे फल देखने को मिलेंगे।
नरेश कुमार
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