Venus Transit 2024: शुक्र अपनी Favorite राशि तुला में आते ही करेंगे धमाल, 9 राशियों की लगेगी लॉटरी

Edited By Prachi Sharma,Updated: 20 Sep, 2024 07:41 AM

Venus Transit 2024: आज बात करेंगे शुक्र की। शुक्र दैत्य गुरु कहे गए हैं लेकिन कलयुग में शुक्र की ही अहमियत है। शुक्र इच्छाओं के कारक ग्रह है। शुक्र जब कुंडली में अच्छे गोचर में आते हैं

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Venus Transit 2024: आज बात करेंगे शुक्र की। शुक्र दैत्य गुरु कहे गए हैं लेकिन कलयुग में शुक्र की ही अहमियत है। शुक्र इच्छाओं के कारक ग्रह है। शुक्र जब कुंडली में अच्छे गोचर में आते हैं तो आपको बहुत फायदा होता है क्योंकि शुक्र लग्जरी के कारक है। लाइफ में जितनी भी सुख-सुविधाएं आती हैं वो सारी शुक्र से ही आती है। शुक्र जब पीड़ित हो जाते हैं तो वो बहुत अच्छे नहीं होते। आज की डेट में शुक्र का गोचर कन्या राशि में हो रहा है। यह कन्या राशि में नीच के हो जाते हैं और राहु-केतु एक्सेस में भी है यानी कि शुक्र पीड़ित भी है और नीच राशि में भी है। शुक्र आपकी कुंडली में फीमेल के कारक होते हैं। शुक्र फीमेल कारक ग्रह है तो जब शुक्र पीड़ित होते हैं तो ऐसी घटनाओं में जो है वो वृद्धि हो जाती है। शुक्र अब 18 सितंबर को अपनी मूल त्रिकोण राशि तुला में आ जाएंगे। शुक्र की दो राशियां हैं एक वृषभ राशि है और एक तुला राशि। तुला राशि शुक्र की मूल त्रिकोण राशि है। शुक्र इकलौते ग्रह है जो नौ घरों में शुभ गोचर में होते हैं और कुंडली में सिर्फ तीन घर ऐसे होते हैं जहां पर शुक्र शुभ गोचर में नहीं होते। शुक्र का गोचर अष्टम में और 12वें में अच्छा होता है। बाकी ग्रहों का गोचर आठवें, 12वें में अच्छा नहीं होता। शुक्र को 12वें का दोष नहीं लगता। शुक्र कुंडली में छठे, सातवें और दसवें भाव में हो तो अच्छे गोचर में नहीं माने जाते।  

मिथुन राशि:  शुक्र का गोचर पंचम भाव में होगा। यहां पर शुक्र पंचम में गोचर करेंगे। अब राशि का स्वामी पंचम भाव में और मिथुन राशि शुक्र की मित्र राशि है। यानी कि यह बुध की राशि है और शुक्र और बुध आपस में मित्र भाव रखते हैं। बुध की राशि मिथुन उसकी कुंडली में शुक्र पंचम स्थान के स्वामी हो जाते हैं। पंचम स्थान कुंडली का शुभ भाव होता है तो यहां पर शुक्र पंचम में गोचर करेंगे। यहां पर पंचम में शुक्र का गोचर बहुत अच्छा है।18 सितंबर को शुक्र के ऊपर किसी पाप ग्रह का प्रभाव नहीं है। शुक्र इकलौते अकेले अपने घर में बैठकर अपनी मूल त्रिकोण राशि में बैठकर बहुत पावरफुल तरीके से काम करेंगे। पंचम के फल तो करेंगे ही करेंगे क्योंकि पंचम में बैठे हैं। शुक्र जब किसी कुंडली में धन योग बनाते हैं और उसमें शुक्र योग इवॉल्व हो जाते हैं तो वह विपुल धन योग हो जाता है यानी कि धन का विचार शुक्र से किया जाता है। विपुल धन का विचार शुक्र से किया जाता है। वैसे धन के लिए गुरु और चंद्रमा की स्थिति देखी जाती है। यहां पर शुक्र की दृष्टि 11वें भाव के ऊपर आ रही है और यह आपके धन में वृद्धि करने करेगा। ये आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि करेंगे। आपका प्रभाव बढ़ाएंगे। आपकी कुंडली में यानी कि 12वें भाव में शुक्र की वृषभ राशि है तो विदेश यात्रा का योग बनता है। शुक्र एक्टिव होकर पंचम भाव में गोचर कर रहे हैं। ये स्थिति आपके लिए काफी अच्छी है। जो कपल्स हैं उनको अच्छा समय बिताने का मौका मिल सकता है। जिनके पास कोई पार्टनर नहीं है उनको पार्टनर मिल सकता है, यह स्थिति रहेगी।

कर्क राशि: कर्क राशि में  शुक्र केंद्र में आ जाएंगे। इसका प्रभाव कर्म स्थान पर भी रहेगा, सप्तम पर भी रहेगा और आपकी राशि के ऊपर भी रहेगा। 18 सितंबर के बाद शुक्र यहां पर चौथे भाव से गोचर करेंगे। यहां पर मदर की हेल्थ के लिए फायदेमंद होंगे और शुक्र की दृष्टि यहां पर जा रही है कर्म भाव के ऊपर। कारोबार में वृद्धि का काम यहां पर करेंगे और शुक्र आपके लिए जितने भी प्रोफेशनल्स हैं वो डोमिनेंस बढ़ाएंगे। आपके वर्कप्लेस के ऊपर यानी कि जहां पर भी आपका कार्यस्थल है वहां पर आप आपका डोमिनेंस बढ़ेगा। शुक्र यहां पर आपको बहुत अच्छा रिजल्ट देंगे।

सिंह राशि: सिंह राशि के लिए शुक्र का गोचर तीसरे भाव में हो रहा है। शुक्र तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। यहां पर दृष्टि जा रही भाग्य स्थान के ऊपर यानी कि शुक्र आपका भाग्य स्थान एक्टिव करेंगे। भाग्य स्थान का एक्टिव होने का होने का मतलब है कि आप कोई भी नया प्रोजेक्ट करेंगे कोई भी काम करने जा रहे हैं वहां पर आपको भाग्य का साथ मिलता हुआ नजर आएगा। यह आपके लिए अच्छी स्थिति है शुक्र सिंह राशि के लिए कर्म स्थान के स्वामी हैं। शुक्र की दूसरी राशि यानी कि वृषभ राशि वह दशम स्थान में है। तो दशम स्थान के स्वामी का शुभ गोचर में जाना कारोबार में वृद्धि का भी काम करेगा। भाइयों से सहयोग आपको मिल सकता है क्योंकि शुक्र तीसरे भाव में है, जो पराक्रम का भाव है।

कन्या राशि:  यहां पर बुध की कन्या राशि में शुक्र दूसरे भाव में गोचर करेंगे, यह धन का भाव है। शुक्र बुध के मित्र हैं यहां पर धन भाव में गोचर शुक्र का बहुत अच्छा है। शुक्र धन में वृद्धि करने का काम करेंगे। शुक्र की वृषभ राशि यहां पर नाइंथ हाउस में आएगी। कन्या राशि के लिए नाइंथ हाउस भाग्य स्थान का स्वामी है और शुक्र की राशि है वो नाइंथ हाउस में पड़ी है। भाग्य स्थान के स्वामी भी कन्या राशि के लिए शुक्र बनते हैं। भाग्य स्थान के स्वामी का शुभ गोचर में जाना बहुत अच्छा है। शुक्र की दृष्टि यहां पर अष्टम भाव में है। यहां पर शुक्र की दृष्टि आपके लिए डेफिनेटली अच्छा काम करेगी। तो कन्या राशि के जातकों के लिए भाग्य साथ देगा। धन में वृद्धि होगी और इसके साथ-साथ कोई न कोई ऐसी एसेट्स आपको मिल सकती है जहां पर शायद अपने कल्पना भी नहीं की है।

तुला राशि: शुक्र अपने घर में होंगे और तुला राशि के लिए यहां पर आपको पॉजिटिविटी बहुत मिलती हुई नजर आएगी। इसके भी केंद्र में कोई पाप ग्रह नहीं है। शुक्र इकलौते यहां पर होंगे और पाप ग्रह न होने के कारण शुक्र का प्रभाव आपके ऊपर डेफिनेटली बहुत ज्यादा बढ़ेगा। इससे आपको बहुत लाभ हो सकता है खास तौर पर जिनकी शादी नहीं हुई है उनको उनके लिए शादी का योग खुल रहा है। शुक्र खुद सप्तम को एक्टिव कर रहे हैं। शुक्र ही शादी के कारक ग्रह हैं और जब शुक्र का जो प्रभाव सप्तम के ऊपर आता है तो सिंगल के लिए शादी का रास्ता खुल जाता है। शुक्र यहां पर अष्टम भाव के भी स्वामी है। आपकी कुंडली में अष्टम भाव सडन प्रॉफिट का भाव होता है। जो लोग रिसर्च के काम में जुड़े हुए हैं उनको रिसर्च में फायदा हो सकता है।

वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के लिए शुक्र का गोचर बारहवें भाव में होगा। 12वें में शुक्र की तुला राशि आएगी और वृश्चिक राशि के लिए शुक्र अच्छे हैं क्योंकि शुक्र इकलौते ग्रह हैं जिसको 12वें जाने का दोष नहीं लगता। यहां पर 12वें भाव से विचार किया जाता है। वृश्चिक राशि के जातकों को विदेश यात्रा का अवसर मिल सकता है। यहां पर वृश्चिक राशि के लिए सप्तम भाव में शुक्र की वृषभ राशि आती है। यह सप्तम के एक्टिव होने का मतलब है कि वृश्चिक राशि के जातकों के लिए भी शादी का रास्ता खुलने वाला है। जिनकी शादी नहीं हुई है तो शादी हो सकती है। यदि पार्टनर के साथ कोई तालमेल में दिक्कत है तो थोड़ी सी आपको राहत मिलती हुई नजर आएगी। यहां पर शुक्र का गोचर 12वें भाव में जाना अच्छा है। 12वां भाव मोक्ष का भाव होता है, खर्चे का भाव होता है। 12वें से विदेश यात्रा भी देखी जाती है और 12वें से  स्लीपिंग डिसऑर्डर भी देखे जाते हैं। जिसका कोई कोर्ट केस चल रहा है उसको उसमें राहत मिल सकती है। जिसको कोई फिजिकल दिक्कत है उसको राहत मिल सकती है। जिस पर कर्जा चढ़ा हुआ है उसको थोड़ा सा कर्ज में राहत मिलती हुई नजर आएगी।

धनु राशि: धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर होगा 11वें भाव में। 11वां भाव आय का भाव होता है, इच्छाओं का भाव होता है। इच्छाओं के कारक ग्रह शुक्र हैं और सामाजिक प्रतिष्ठा भी यहीं से मिलती है। आपकी आय में वृद्धि करेंगे, सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि करेंगे। शुक्र यहां पर बैठेंगे तो सीधी दृष्टि से देखेंगे पंचम भाव के ऊपर। जिनके यहां पर संतान नहीं है उनको संतान हो सकती है। शुक्र पंचम में है तो वो आपको इजी गेंस भी करवाते हैं। आय वाले भाव में बैठे हैं फिफ्थ हाउस इजी गेंस का भाव होता है। जो सिंगल है धनु राशि के जो जातक जिनकी लाइफ में नहीं है उनको इस अवधि के दौरान कोई मिल सकता है।

कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र भाग्य स्थान के स्वामी बनते हैं। यहां पर शुक्र की तुला राशि भाग्य स्थान में आ जाती है और शुक्र की दूसरी राशि यानी कि वृषभ राशि फोर्थ हाउस में आ जाती है। शुक्र कुंभ राशि के लिए योगा काक ग्रह है और योगा कारक ग्रह का भाग्य स्थान से गोचर करना और बहुत अच्छी स्थिति में आ जाना यह अच्छा है। शुक्र भाग्य स्थान को भी एक्टिव करेंगे। कोई प्रॉपर्टी बनाना चाहते हैं तो यह समय 26 दिन का आपके लिए अच्छा है।  कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर डेफिनेटली कोई न कोई एसेट्स लेकर आ सकता है। यदि मां की तबीयत को लेकर कोई इशू है तो वहां पर हल होता हुआ नजर आ सकता है। शुक्र यहां पर बैठेंगे तो तीसरे भाव को देखेंगे। छोटे भाई से आपको सहयोग मिलेगा।

मीन राशि: मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र अष्टम में गोचर करेंगे। अष्टम में जब गोचर करेंगे तो सामने देखेंगे दूसरे भाव को यह धन का भाव होता है। धन भाव के ऊपर शुक्र की दृष्टि का मतलब यह है कि धन में वृद्धि करने का यहां पर काम कर सकते हैं। मीन राशि के लिए शुक्र तीसरे भाव के स्वामी है यानी कि भाई के साथ तालमेल बेटर होगा।  आप पराक्रम के साथ चलेंगे और आपको इसका काफी फायदा होगा। मीन राशि ऐसी ऐसी राशि है जहां पर आकर शुक्र उच्च के हो जाते हैं। तो यहां पर शुक्र का गोचर अच्छा है रिसर्च से जो लोग जुड़े हुए हैं। अष्टम भाव से रिसर्च देखा जाता है। 

नरेश कुमार
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