Edited By Prachi Sharma,Updated: 03 Dec, 2024 11:24 AM
शुक्र और गुरु ही दो ग्रह हैं जो शुभ है। बुध कंडीशनल शुभ हो हैं अच्छे ग्रह के साथ अच्छा फल करते हैं, खराब ग्रह के साथ खराब हो जाते हैं
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Venus Transit in Capricorn 2024: शुक्र और गुरु ही दो ग्रह हैं जो शुभ है। बुध कंडीशनल शुभ हो हैं अच्छे ग्रह के साथ अच्छा फल करते हैं, खराब ग्रह के साथ खराब हो जाते हैं। इसके अलावा शनि, राहु, केतु, मंगल ये पाप ग्रह है। चंद्रमा कंडीशनल शुभ होते हैं अगेन वो डार्क हाफ में अच्छा फल नहीं करते। शुक्र और गुरु इकलौते दो ग्रह हैं जो शुभ फल करते हैं। किसी भी कंडीशन में लेकिन शुक्र यदि कुंडली में खराब हो जाते हैं तो उसके आपको अच्छे फल नहीं मिलते। ये नहीं है कि नेगेटिव फल मिलेंगे ये होगा कि उसमें स्ट्रगल बहुत ज्यादा हो जाती है। शुक्र की दशा 20 साल चलती है यह सबसे ज्यादा चलने वाली ग्रह है। कलयुग में शुक्र ही देने वाले हैं क्योंकि यह दैत्य गुरु शुक्र है और तमाम तरह की लग्जरी, पैसा धन, धान्य, समृद्धि सारा कुछ शुक्र से आता है। यदि आपकी कुंडली में शुक्र की पोजीशन शुभ हो जाती है तो आपको बहुत फायदा होता है। जब शुक्र अच्छे हो जाते हैं कुंडली में तो शुक्र का गोचर 2 दिसंबर को मकर राशि में हो गया है। शुक्र एकलौते ग्रह हैं जिनका गोचर नौ राशियों के लिए शुभ होता है। तीन राशियों के लिए गोचर में शुभ शुक्र अच्छा फल नहीं करते।
वृषभ राशि: वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर काफी शुभ होगा। शुक्र यहां पर राशि के स्वामी हो जाते हैं। राशि के स्वामी होकर शुक्र भाग्य स्थान में गोचर करेंगे। भाग्य स्थान का गोचर यानी कि कुछ ऐसा इस गोचर के दौरान 28 दिसंबर तक यह गोचर रहेगा। मकर और शुक्र और शनि मित्र भाव रखते हैं। मित्र भाव में आकर आपके लिए भाग्य स्थान के दरवाजे खोलेगा तो निश्चित तौर पर यहां पर आपको कहीं न कहीं भाग्य का साथ आपको मिलता हुआ नजर आएगा। यहां से शुक्र की दृष्टि पराक्रम भाव के ऊपर रहेगी, कॉन्फिडेंस आपका बढ़ा हुआ नजर आएगा। इन 26 दिनों के दौरान आप निश्चित तौर पर कॉन्फिडेंट फील करेंगे। पैसे के लिहाज से तो निश्चित तौर पर यह अच्छा हो ही जाएगा क्योंकि यह पैसे का ही कार्य ग्रह है और आय का ही कारक ग्रह है।
मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातकों के लिए यह गोचर होगा अष्टम भाव में। किसी भी ग्रह का अष्टम का गोचर अच्छा नहीं होता। सिर्फ शुक्र को छोड़कर शुक्र यहां पर अष्टम भाव में आ जाएंगे। मिथुन राशि उसके लिए शुक्र पंचम भाव के स्वामी हो जाते हैं। मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पांचवें भाव यानी कि यहां पर तुला राशि आ गई उसके स्वामी हो जाते हैं तो पंचम के अच्छे फल करेंगे। निश्चित तौर पर 12वें भाव के भी स्वामी या 12वें के भी अच्छे फल कर जाएंगे। यदि आप मैरिड है आपकी संतान है तो संतान पक्ष से आपको अच्छी खबर आ सकती है। यदि आप सिंगल है तो कोई न कोई लाइफ में आ सकता है। विदेश यात्रा की यदि प्लानिंग कर रहे हैं तो विदेश यात्रा का मौका मिल सकता है। यदि आपकी किसी के साथ अंडरस्टैंडिंग है तो इन 26 दिनों में आपको उसके साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिल सकता है।
कन्या राशि: कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर पांचवें भाव में होगा। पांचवें भाव का शुक्र का गोचर बहुत अच्छा होता है। पांचवें भाव में यहां पर शुक्र की कन्या राशि शनि की मकर राशि आ गई है। मकर राशि में बैठकर शुक्र 11वें भाव को एक्टिव करेंगे। यह आपका आय का भाव है. यहां पर आपको प्रमोशन मिलती है। 11थ हाउस इच्छाओं का भाव होता है, आय का भाव होता है।इस पर शुक्र की शुभ दृष्टि इन 26 दिनों के दौरान आपको आय के बेटर मौके दे सकती है। सामाजिक प्रतिष्ठा आपकी बढ़ती हुई नजर आ सकती है। यदि आप सिंगल है तो लाइफ में कोई आ सकता है। यहां पर शुक्र आपके लिए बहुत अच्छा फल करेंगे, धन स्थान के भी फल करेंगे। शुक्र धन स्थान के भी स्वामी है, आपके लिए शुक्र भाग्य स्थान के भी स्वामी है। भाग्य स्थान भी एक्टिव हो जाएगा। कन्या राशि के जातकों के लिए आय धन स्थान भी एक्टिव होगा।
तुला राशि: तुला राशि के जातकों के लिए यह गोचर कारोबार के लिहाज से बहुत अच्छा रहने वाला है। जो लोग प्लानिंग बना रहे हैं कुछ खरीदने की उनके लिए समय बहुत अच्छा हो जाएगा क्योंकि शुक्र चौथे भाव से गोचर करेंगे। इसको सुख स्थान कहा जाता है। तमाम तरह की प्रॉपर्टी, लग्जरी इसी भाव से आती है। यहां पर शुक्र आकर बैठेंगे आपकी राशि के स्वामी भी शुक्र हैं। कारोबार वाले भाव को दृष्टि देंगे यहां से कारोबार वाले भाव को दृष्टि देने का मतलब है कि कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी पर आपका प्रभाव बढ़ेगा। सूर्य आपके लिए अष्टम के भी स्वामी हो जाते हैं तो कहीं न कहीं से कोई न कोई अचानक धन लाभ की स्थिति भी बनती है। अष्टम छिपे धन का भाव भाव होता है अचानक धन लाभ का भाव होता है तो निश्चित तौर पर यह आपके लिए काफी अच्छा होने जा रहा है।
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गोचर हो रहा है तीसरे भाव में। तीसरा भाव आपका पराक्रम भाव है। पराक्रम भाव में अच्छे ग्रह का गोचर आपके कॉन्फिडेंस को बढ़ाएगा। यहां से शुक्र की दृष्टि जाएगी भाग्य स्थान के ऊपर। इसका मतलब यह है कि लक आपका साथ देता हुआ नजर आएगा। इस गोचर के दौरान आपको उसका सपोर्ट मिलेगा। यहां पर शुक्र आपके लिए दो स्थानों के स्वामी बनते हैं। एक है सप्तम जो लोग कारोबार करना चाहते हैं। सप्तम से पार्टनरशिप का कारोबार देखा जाता है। सप्तम से शादी देखी जाती है यानी कि शादी के लिए के लिहाज से अच्छा है। पार्टनरशिप के बिजनेस के लिहाज से अच्छा है। 12वें भाव के स्वामी शुक्र हैं, विदेश के साथ यदि कोई संबंध है। एक्सपोर्ट-इंपोर्ट का काम करते हैं तो वहां पर चीजें आपको बेटर होती हुई नजर आएंगी। 12वें भाव के स्वामी का गोचर वो अच्छा है। सप्तम भाव का स्वामी खुद भाग्यस्थान को दृष्टि दे रहा है। पार्टनर से आपको लाभ मिलता हुआ नजर आ सकता है। धनु राशि के जातकों के लिए यह गोचर काफी अच्छा रहने जा रहा है। धनु राशि के जातकों के लिए यह गोचर होगा दूसरे भाव का। दूसरा भाव आपका धन भाव होता है। यह भाव आपके लिए बहुत अच्छा फल करता है। धनु राशि के लिए शुक्र 11वें भाव के स्वामी हो जाते हैं। यहां पर शुक्र की मूल त्रिकोण राशि आय वाले स्थान में है। यह आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला भाव है। आय स्थान के स्वामी का धन स्थान में गोचर करना निश्चित तौर पर धन के लिहाज से अच्छा है।सामाजिक प्रतिष्ठा के लिहाज से अच्छा है। यह आपको निश्चित तौर पर बहुत अच्छे फल करेगा क्योंकि यहां पर शुक्र छठे भाव के भी स्वामी हो जाते हैं। छठे भाव के स्वामी का शुभ गोचर में जाना निश्चित तौर पर कर्ज के मामलों में राहत दे सकता है। यदि आपको कोई फिजिकल दिक्कत है तो वहां पर आपको राहत मिलती हुई नजर आ सकती है।
मकर राशि: मकर राशि के जातकों के लिए यह गोचर राशि के ऊपर से होगा। कर्म स्थान में शुक्र की तुला राशि आ जाएगी। शुक्र तुला राशि के स्वामी हैं। शुक्र पंचम स्थान के भी स्वामी हो जाते हैं, यह निश्छल प्रेम का भाव है। जो भी आप काम करेंगे बुद्धि-विवेक के साथ करेंगे। चंद्रमा के ऊपर एक ऐसे ग्रह का प्रभाव होगा जो पॉजिटिव है, रोमांस का कारक है। यहां पर आप आपका मूड अच्छा रहेगा। यदि आप किसी के साथ रिलेशनशिप में है तो वहां पर आपको उसके साथ समय बिताने का मौका मिल सकता है। यदि नहीं है तो लाइफ में कोई न कोई आ सकता है शु.क्र सप्तम को भी देख रहे हैं सिंगल्स के लिए तो शादी के दरवाजे निश्चित तौर पर खुलेंगे ही खुलेंगे। यहां पर आपको पंचम के अच्छे फल मिलेंगे।
कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर 12वें भाव में होगा। शुक्र इकलौते ऐसे ग्रह हैं जिसको 12वें जाने का दोष नहीं लगता। शुक्र के फलों की हानि नहीं होती इसका कारण यह है कि जो काल पुरुष की कुंडली होती है वह मेष लगन की होती है और मेष लगन की कुंडली में 12वें भाव में शुक्र की उच्च राशि आ जाती है। इसके कारण शुक्र को 12वें का दोष नहीं लगता। 12वें में बैठे शुक्र आपके छठे भाव को दृष्टि देंगे। कर्ज के मामलों में राहत दे सकते हैं। कोर्ट के मामलों में राहत दे सकते हैं। आपको हेल्थ संबंधित यदि कोई समस्या है वहां पर राहत दे सकते हैं। कुंभ राशि एक ऐसी राशि है जिसके लिए शुक्र योगा काक ग्रह है क्योंकि कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र चौथे भाव के स्वामी हो जाते हैं। चौथे भाव में शुक्र की वृषभ राशि है और शुक्र हो जाते हैं भाग्य स्थान के स्वामी। भाग्य आपका साथ देता हुआ नजर आएगा चूंकि चौथे भाव का भी स्वामी है। निश्चित तौर पर यह समय अच्छा है। निश्चित तौर पर इसका फायदा होगा विदेश यात्रा करना चाहते हैं तो यह समय अच्छा है। विदेश से संबंधित कोई कारोबार करना चाहते हैं तो यह समय अच्छा है। विदेश से संबंधित जिनका कारोबार है उन सारे लोगों के लिए ये शुक्र का गोचर निश्चित तौर पर अच्छे फल लेकर आएगा।
मीन राशि: मीन राशि शुक्र की उच्च राशि होती है। शुक्र इस राशि के लिए 11वें भाव में गोचर करेंगे तो जब शुक्र का गोचर आपके लिए 11वें भाव में होगा। ये आय स्थान का भाव है, यहां से आय देखी जाती है। निश्चित तौर पर ये शुक्र के गोचर के ये 26 दिन आपके लिए इन चीजों के लिहाज से अच्छे रहने वाले हैं। शुक्र यहां पर बैठे हैं सीधा पंचम को दृष्टि दे रहे हैं। यदि सिंगल हैं तो इस अवधि में कोई मिल सकता है। यदि आप किसी के साथ रिलेशनशिप में है तो इस अवधि में अच्छा समय बिताने का मौका उसके साथ मिल सकता है। संतान पक्ष से आपको अच्छी खबर आ सकती है। यदि संतान होने वाली है तो निश्चित तौर पर बिना किसी बाधा के संतान आ जाएगी। जो मीन राशि के जातक हैं उनके लिए शुक्र पराक्रम भाव के भी स्वामी हैं तो यहां पर आप कोई भी फैसला करेंगे पूरे पराक्रम के साथ करेंगे। शुक्र यहां पर अष्टम के स्वामी बनते हैं।
नरेश कुमार
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