Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 May, 2023 08:23 AM
भारत में विभिन्न संस्कृतियों के लोग रहते हैं। आज हम आपको देश की एक ऐसी जनजाति के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर
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शिलांग (इंट): भारत में विभिन्न संस्कृतियों के लोग रहते हैं। आज हम आपको देश की एक ऐसी जनजाति के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर शादी होने के बाद दुल्हन नहीं बल्कि दूल्हे की विदाई की जाती है। यहां दूल्हे को दुल्हन के घर जाना पड़ता है। दरअसल, यह प्रथा मेघालय की खासी जनजाति में आज भी मान्य है। यह एक मातृसत्तात्मक समाज है। इस जनजाति में वंशीय परंपरा माता के नाम पर चलती है इसीलिए इस समुदाय में माता-पिता की संपत्ति पर पहला अधिकार महिलाओं का होता है। लड़का और लड़की को विवाह हेतु अपना जीवनसाथी चुनने की पूरी आजादी दी जाती है।
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इसके अलावा इस समुदाय की सबसे खास बात यह है कि खासी समुदाय में किसी भी प्रकार के दहेज के लेने-देने की व्यवस्था नहीं है। महिलाएं अपनी इच्छा पर किसी भी वक्त अपनी शादी को तोड़ सकती हैं। परिवार की सबसे छोटी बेटी पर सबसे अधिक जिम्मेदारी होती है और वही घर की संपत्ति की मालिक होती है। देश में खासी लोगों की संख्या तकरीबन 9 लाख के करीब है। इनकी ज्यादातर आबादी मेघालय में रहती है। इनकी आबादी का कुछ हिस्सा असम, मणिपुर और पश्चिम बंगाल में भी रहता है। खासी जनजाति के लोग पहले म्यांमार में रहते थे। इसके बाद इस जनजाति ने वहां से अप्रवास किया और भारत के पूर्वी असम में आकर रहने लगे। इसके बाद धीरे-धीरे इनकी आबादी मेघालय में आकर बसने लगी।