Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Sep, 2024 04:00 AM
हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि के अगले दिन विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन देवों के देव महादेव के पुत्र गणेश जी की पूजा की जाती है। इस बार 2024 में 21 सितंबर को विघ्नराज संकष्टी
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2024: हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि के अगले दिन विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन देवों के देव महादेव के पुत्र गणेश जी की पूजा की जाती है। इस बार 2024 में 21 सितंबर को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत मनाया जाएगा। इस दिन बप्पा की पूरे विधि-विधान से आराधना करने से मन की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन से हर दुख और संकट दूर हो जाते हैं। गणेश विसर्जन के बाद बप्पा का आशीर्वाद पाने के लिए संकष्टी चतुर्थी व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। तो आइए जानते हैं कि विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में-
Vighnaraja Sankashti Chaturthi Shubh Muhurat विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त
आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि शुक्रवार 20 सितंबर को रात 09 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी और 21 सितंबर को संध्याकाल 06 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी। वैदिक पंचांग गणना के अनुसार 21 सितंबर को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी है।
Vighnaraja Sankashti Chaturthi Puja Method विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
इसके बाद पूजा घर की साफ-सफाई करने के बाद गंगा जल का छिड़काव करें।
अब एक पीली चौकी में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें और सिंदूर का तिलक लगाएं।
फिर बप्पा को पीले फूल, दूर्वा घास, अक्षत, चंदन, धूप आदि अर्पित करें।
बप्पा के समक्ष घी का दीपक जलाएं और मोदक का भोग लगाएं।
इसके बाद संकष्टी कथा का पाठ करें और मंत्रों का जाप करें।
अंत में गणेश जी की आरती करें और प्रसाद बांट दें।