Vikram Samvat 2080: श्री विक्रम संवत 2080 में राजा होंगे बुध, मंत्री बनेंगे शुक्र

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Mar, 2023 10:53 AM

vikram samvat 2080

‘पिंगल’ नामक श्री विक्रम संवत्सर 2080 का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा दिन बुधवार, तदनुसार 22 मार्च, 2023 को हो रहा है। वर्ष का राजा बुध होने से लोगों में धार्मिक प्रवृत्ति बढ़ेगी, परिवार में शुभ मंगल कार्य, उत्सव होंगे,

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Vikram Samvat 2080 prediction: ‘पिंगल’ नामक श्री विक्रम संवत्सर 2080 का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा दिन बुधवार, तदनुसार 22 मार्च, 2023 को हो रहा है। वर्ष का राजा बुध होने से लोगों में धार्मिक प्रवृत्ति बढ़ेगी, परिवार में शुभ मंगल कार्य, उत्सव होंगे, वर्षा अच्छी होगी, लेखक, कर्मकार, गायक, गणितज्ञ, वैद्य, डाक्टर, शिल्पी आदि विशेष लाभान्वित होंगे। व्यापारी वर्ग को विशेष सुविधाएं मिलेंगी, वैज्ञानिक एवं तकनीकी खोज का लाभ आम जनता तक पहुंचेगा।

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

मंत्री ‘शुक्र’ का फल :
मंत्री शुक्र होने के कारण टिड्डी दल, चूहे, जंगली एवं वन्य जीवों, जैसे भैंसे, कीट, सूअर आदि के प्रकोप से फसलों को नुक्सान, वर्षा, भूस्खलन, बाढ़ आदि के प्रकोप से कृषि, जन-धन की हानि, महंगाई बढ़ेगी। इस वर्ष संवत का वाहन गीदड़ है तथा समय (संवत) का वास ‘धोबी’ के घर में है। वर्षा का स्वामी मेघेश गुरु, सेना के स्वामी एवं फलों का स्वामी भी गुरु है, इससे विकास का मार्ग प्रशस्त होगा, शोध एवं उच्च शिक्षा की गुणवत्ता का विस्तार, सीमाओं पर भारत की सैन्य शक्ति दृढ़ होगी, सीमाएं सुरक्षित रहेंगी।

ग्रहण : इस वर्ष तीन सूर्य एवं एक चंद्र ग्रहण होगा। भारत में एकमात्र दिखाई देने वाला ग्रहण ‘खंडग्रास चंद्रग्रहण’ है, जो 28/29 अक्तूबर 2023 की मध्य रात्रि में सारे भारत में दिखाई देगा। इस वर्ष अधिक (मल) मास 18 जुलाई से 16 अगस्त, 2023 तक रहेगा।

मौसम, व्यापार एवं अन्य फल : इस संवत में कहर की गर्मी से जनजीवन बदहाल होगा, सूर्य की तपिश एवं लू आदि से कष्ट, रोग, पीड़ा का भय रहेगा, कहीं-कहीं सूखा, वर्षा की कमी, पूर्वी एवं उत्तरी भारत में भीषण गर्मी, लू का प्रकोप, अग्नि आदि की दुर्घटनाओं से हानि, सूखे की मार फसलें खराब करेगी।

इसी तरह वर्षा ऋतु में भी उत्तर व मध्य भारत के साथ-साथ पूर्वी-पश्चिमी एवं दक्षिणी भारत में वर्षा का भारी कहर रहेगा। कुछ प्रांतों में नदियों का जलस्तर भारी उफान पर रहेगा, भूस्खलन, बादल फटने, बिजली गिरने से नुक्सान, समुद्री तूफान से जन-धन की हानि, भूकंप का प्रकोप बना रहेगा।

शिशिर ऋतु में भी भारी वर्षा, ओलावृष्टि, बर्फीले तूफान, जमीन खिसकने से जीवन अस्त-व्यस्त होगा। बाजार तेज रहेंगे। सोना-चांदी, पीतल, स्टील में एक बार एकदम भारी गिरावट के बाद तूफानी तेजी से भाव उछलेंगे, रूई-कपास, चीनी, तेलों, गेहूं, चना, सरसों, अलसी, बिनौला-जौ, ज्वार, दालों में तेजी रहेगी।

कुछ प्रदेशों की सरकारें मुश्किल में पड़ेंगी। कुछ प्रांतों में तनाव का माहौल रहेगा। प्रजा में धर्मकार्य के प्रति रुचि बढ़ेगी। विश्व में भारत की छवि और निखरेगी। शेष ईश्वर की इच्छा प्रबल !

PunjabKesari kundli

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!