Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Jan, 2025 10:57 AM
Vinayaka Chaturthi January 2025: पौष माह की विनायक चतुर्थी खासतौर पर इस बात के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समय ठंड का होता है और इस समय गणेश जी की पूजा से मानसिक शांति, समृद्धि और दीर्घायु की प्राप्ति होती है। साथ ही यह दिन किसी भी तरह के विघ्न और...
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Vinayaka Chaturthi January 2025: पौष माह की विनायक चतुर्थी खासतौर पर इस बात के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समय ठंड का होता है और इस समय गणेश जी की पूजा से मानसिक शांति, समृद्धि और दीर्घायु की प्राप्ति होती है। साथ ही यह दिन किसी भी तरह के विघ्न और समस्याओं के निवारण के लिए बेहद प्रभावी माना जाता है। पौष माह की विनायक चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा करने से घर में सुख-शांति, समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। यह दिन भगवान गणेश के आशीर्वाद से सारे विघ्न समाप्त करने के लिए अत्यंत उपयुक्त है।
पौष विनायक चतुर्थी 2025 तारीख
पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि आज 3 जनवरी शुक्रवार को 1 बजकर 8 मिनट पर शुरू होगी और समापन 3 जनवरी की रात 11 बजकर 39 मिनट पर होगा। उदयातिथि को धियान में रखते हुए पौष विनायक चतुर्थी का व्रत 3 जनवरी शुक्रवार को रखा जाएगा।
Vinayaka Chaturthi: जीवन से सारे विघ्न दूर करने हैं तो इस विधि से करें विनायक चतुर्थी की पूजा
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पौष विनायक चतुर्थी 2025 पर बनेंगे 3 शुभ योग
आज 3 जनवरी को पौष विनायक चतुर्थी पर 3 शुभ योगों का निर्माण होगा। रवि योग, वज्र योग और सिद्धि योग बनेंगे। रवि योग सुबह 07 बजकर 14 मिनट से आरंभ होगा और रात 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। वज्र योग सुबह से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक है। सिद्धि योग रात तक रहेगा। धनिष्ठा नक्षत्र सुबह से लेकर रात 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगी तत्पश्चात शतभिषा नक्षत्र का आरंभ होगा।
पौष विनायक चतुर्थी 2025 पूजा मुहूर्त
2025 की पहली विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 23 मिनट से दोपहर 01 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:25 से लेकर प्रात: 06:20 तक होगा। शुभ मुहूर्त अथवा अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:5 मिनट से दोपहर 12:46 मिनट तक रहेगा। इस दौरान पूजा करना शुभ-लाभ प्रदान करेगा।
पौष विनायक चतुर्थी 2025 भद्रा और पंचक
पौष विनायक चतुर्थी पर भद्रा दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से शुरु होगी और रात 11 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। भद्रा के दौरान शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। पंचक सुबह 10 बजकर 47 मिनट से शुरू होगी और 4 जनवरी की सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी।
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व्रत रखने के दौरान बरतें सावधानियां:
इस दिन व्रत करने से यदि संभव हो तो एक ही स्थान पर ध्यान और पूजा करें। व्रत के दौरान केवल एक समय का आहार लें और सादा भोजन करें।
इस दिन नशे या किसी प्रकार की निंदा से दूर रहकर मानसिक शुद्धता बनाए रखें।