Edited By Jyoti,Updated: 25 Oct, 2022 10:53 AM
25 अक्टूबर को दिवाली के ठीक एक दिन बाद विश्ववकर्मा पूजा का विधान माना जाता है। हालांकि इस वर्ष की बात करें तो सूर्य ग्रहण के चलते ये पूजा 26 अक्टूबर को की जाएगी, ऐसा कहा जा रहा है।
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25 अक्टूबर को दिवाली के ठीक एक दिन बाद विश्ववकर्मा पूजा का विधान माना जाता है। हालांकि इस वर्ष की बात करें तो सूर्य ग्रहण के चलते ये पूजा 26 अक्टूबर को की जाएगी, ऐसा कहा जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन प्राचीन समय में के कहे जाने वाले इंजीनियर भगवान विश्वकर्मा की दुकान, कार्यालय, कारखाने, उद्योग आदि में विधिपूर्वक पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है मान्यता है कि विश्वकर्मा जी के आशीर्वाद से लोगों को बिजनेस और नौकरी में तरक्की मिलती है, परिवार की उन्नति होती है। आज इसी के उपलक्ष्य में हम आपको भगवान विश्वकर्मा पूजा के मंत्र का तथा आरती के बारे में बताना चाहते हैं। बता दें सनातन धर्म के मुताबिक किसी भी देवी-देवता की पूजा तब तक संपूर्ण नहीं होती जब तक उनकी आरती का गुणगान नहीं किया जाता। तो आइए जानते हैं भगवान विश्वकर्मा के खास मंत्र व आरती-
विश्वकर्मा पूजा 2021 मंत्र:
ॐ आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:।
प्रात: स्नान आदि से निवृत होकर स्फच्छ कपड़े पहनने चाहिए।
इसके उपरांत रुद्राक्ष की माला से नीचे दिए गए मंत्र का जाप एक माला यानि 108 बार करें।
इस बात का ध्यान रखें मंत्र का उच्चारण सही करें अन्यथा आपको इस मंत्र जाप का लाभ नहीं मिलेगा।
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भगवान विश्वकर्मा की आरती-
हम सब उतारे आरती तुम्हारी हे विश्वकर्मा, हे विश्वकर्मा।
युग–युग से हम हैं तेरे पुजारी, हे विश्वकर्मा...।।
मूढ़ अज्ञानी नादान हम हैं, पूजा विधि से अनजान हम हैं।
भक्ति का चाहते वरदान हम हैं, हे विश्वकर्मा...।।
निर्बल हैं तुझसे बल मांगते, करुणा का प्यास से जल मांगते हैं।
श्रद्धा का प्रभु जी फल मांगते हैं, हे विश्वकर्मा...।।
चरणों से हमको लगाए ही रखना, छाया में अपने छुपाए ही रखना।
धर्म का योगी बनाए ही रखना, हे विश्वकर्मा...।।
सृष्टि में तेरा है राज बाबा, भक्तों की रखना तुम लाज बाबा।
धरना किसी का न मोहताज बाबा, हे विश्वकर्मा...।।
धन, वैभव, सुख–शान्ति देना, भय, जन–जंजाल से मुक्ति देना।
संकट से लड़ने की शक्ति देना, हे विश्वकर्मा...।।
तुम विश्वपालक, तुम विश्वकर्ता, तुम विश्वव्यापक, तुम कष्टहर्ता।
तुम ज्ञानदानी भण्डार भर्ता, हे विश्वकर्मा...।।
भगवान विश्वकर्मा की जय। भगवान विश्वकर्मा की जय।