Edited By Prachi Sharma,Updated: 02 Nov, 2024 06:50 AM
हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा पूजा एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर वर्ष दो बार मनाया जाता है। एक बार सितंबर को और दूसरा दिवाली के बाद।
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Vishwakarma Puja 2024: हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा पूजा एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर वर्ष दो बार मनाया जाता है। एक बार सितंबर को और दूसरा दिवाली के बाद। आज 2 नवंबर को विश्वकर्मा डे मनाया जा रहा है। इसके साथ आज के दिन गोवर्धन पूजा भी की जाती है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा जो कि सभी कारीगरों, वास्तुकारों और उद्योगों के देवता माने जाते हैं की पूजा की जाती है। इस अवसर पर किए गए उपायों से न केवल आपके घर में सुख-शांति आएगी बल्कि आपके कार्य में भी सफलता प्राप्त होगी। तो चलिए जानते हैं आज के दिन विश्वकर्मा जी को खुश करने के लिए क्या करना चाहिए।
विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त- सुबह 06:34 से सुबह 08:46 बजे तक
विश्वकर्मा जी आरती
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
आदि सृष्टि मे विधि को, श्रुति उपदेश दिया ।
जीव मात्र का जग में, ज्ञान विकास किया ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
ऋषि अंगीरा तप से, शांति नहीं पाई ।
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना ।
संकट मोचन बनकर, दूर दुःखा कीना ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
जब रथकार दंपति, तुम्हारी टेर करी ।
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत सगरी हरी ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप साजे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
ध्यान धरे तब पद का, सकल सिद्धि आवे ।
मन द्विविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
श्री विश्वकर्मा की आरती, जो कोई गावे ।
भजत गजानांद स्वामी, सुख संपति पावे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥
आरती का पाठ करने के लाभ
आरती का पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो हमारे चारों ओर की नकारात्मकता को दूर करता है।
आरती के समय मन को एकाग्र करके ध्यान लगाना बहुत फायदेमंद होता है। इससे मानसिक शांति प्राप्त होती है, जो हमें दिनभर सकारात्मकता से भर देती है।
भगवान विश्वकर्मा, जिन्हें सभी कारीगरों और श्रमिकों का देवता माना जाता है उनकी आरती से हमें उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। यह आशीर्वाद हमें हमारे कार्यों में सफलता दिलाने में मदद करता है।
आरती का पाठ करने से परिवार के सभी सदस्य एकत्रित होते हैं, जिससे आपस में प्रेम और एकता बढ़ती है। इससे परिवार में सामंजस्य बना रहता है।
आरती करते समय ध्यान केंद्रित करना सीखना, हमें अन्य कार्यों में भी ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। यह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के लिए आवश्यक है।