Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Sep, 2024 11:51 AM
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में वृंदावन स्थित है। जहां आज भी भगवान श्रीकृष्ण बाल रुप में वास करते हैं, ऐसा कृष्ण भक्तों का मानना है। भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं से जुड़ी इस भूमी पर एक
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What is the mystery of Nidhivan: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में वृंदावन स्थित है। जहां आज भी भगवान श्रीकृष्ण बाल रुप में वास करते हैं, ऐसा कृष्ण भक्तों का मानना है। भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं से जुड़ी इस भूमी पर एक मंदिर ऐसा भी है, जो अपने आप ही खुलता और बंद हो जाता है। देश-विदेश से इस पावन स्थल के दर्शनों के लिए भारी भीड़ जुटती है।
Does Lord Krishna come to Nidhivan: कहते हैं कि निधिवन परिसर में स्थापित रंग महल में भगवान श्री कृष्ण रात में शयन करते हैं। रंगमहल में आज भी प्रसाद के तौर पर माखन-मिश्री रोजाना रखा जाता है। सोने के लिए पलंग भी लगाया जाता है।
सुबह जब आप इन बिस्तरों को देखें तो साफ पता चलेगा कि रात में यहां जरूर कोई सोया था और प्रसाद भी ग्रहण कर चुका है। इतना ही नहीं अंधेरा होते ही इस मंदिर के दरवाजे अपने आप बंद हो जाते हैं इसलिए मंदिर के पुजारी अंधेरा होने से पहले ही मंदिर में पलंग और प्रसाद की व्यवस्था कर देते हैं।
What is Nidhivan famous for: मान्यता के अनुसार यहां रात के समय कोई नहीं रहता है। इंसान छोड़िए, पशु-पक्षी भी नहीं। ऐसा बरसों से लोग देखते आए हैं लेकिन रहस्य के पीछे का सच धार्मिक मान्यताओं के सामने छुप-सा गया है।
यहां के लोगों का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति इस परिसर में रात में रुक जाता है तो वह तमाम सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर मृत्यु को प्राप्त हो जाता है।
What are the trees in Nidhivan: निधि वन की एक अन्य खासियत है यहां के तुलसी के पौधे जोड़ों में हैं। इसके पीछे यह मान्यता है कि जब राधा संग भगवान कृष्ण वन में रास रचाते हैं, तब यही जोड़ेदार पौधे गोपियां बन जाते हैं।
जैसे ही सुबह होती है, सब फिर तुलसी के पौधों में बदल जाते हैं, जिनकी कोई एक डंडी भी नहीं ले जा सकता। लोग बताते हैं कि जिन लोगों ने ऐसा किया, वे किसी न किसी आपदा का शिकार हो गए। इसलिए कोई भी इन्हें नहीं छूता।