Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Nov, 2023 08:14 AM
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नवग्रहों के राजा सूर्य देव जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। उसे हिंदू धर्म में संक्रांति के नाम से जाना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष में कुल 12 संक्रांति आती हैं और हर राशि में सूर्य 1 महीने तक
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Vrischika Sankranti 2023: नवग्रहों के राजा सूर्य देव जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। उसे हिंदू धर्म में संक्रांति के नाम से जाना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष में कुल 12 संक्रांति आती हैं और हर राशि में सूर्य 1 महीने तक निवास करते हैं। हिंदू संस्कृति में संक्रांति को बहुत ही शुभ व पवित्र दिन माना जाता है। इस दिन लोग मंदिरों में जाकर हवन भी करते हैं और भगवान के नामों का स्मरण भी करते हैं। इसे पवित्र हिंदू पर्व के तौर पर भी मनाया जाता है।
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इस बार वृश्चिक संक्रांति आज 17 नवंबर शुक्रवार को पड़ रही है। शास्त्रों के अनुसार संक्रांति के दिन दान-पुण्य करने का खास महत्व होता है। इस रोज किया गया दान दोगुना अधिक पुण्य प्रदान करता है।
देवी पुराण में कहा गया है, जो मनुष्य संक्रांति काल में तीर्थ स्नान नहीं करता वह सात जन्मों तक रोगी और निर्धन रहता है। ब्राह्मणों व गरीबों को भोजन, कपड़े व गाय आदि का दान करना श्रेष्ठ रहता है।
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पानी में लाल चंदन मिलाकर तांबे के लोटे से सूर्य को जल चढ़ाएं। इसके साथ ही रोली, हल्दी व सिंदूर से सूर्यदेव को अर्घ्य दें। सूर्य देव को लाल फूल चढ़ाएं। इसके बाद घी में लाल चंदन मिलाकर दीपक लगाएं और गुग्गल की धूप करें। लाल चंदन की माला से ॐ दिनकराय नमः मंत्र का जाप करें। पूजा के बाद सूर्य देव को नैवेद्य का भोग लगाएं और उसे प्रसाद के रूप में बांट दें।
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