Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 May, 2024 01:29 PM
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य जब एक राशि से निकल कर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता है। मेष संक्रांति की तरह ही वृषभ संक्रांति
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Vrishabh Sankranti 2024: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य जब एक राशि से निकल कर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता है। मेष संक्रांति की तरह ही वृषभ संक्रांति को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। देश के कुछ हिस्सों में इसे पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस समय सूर्य मेष राशि में विराजमान हैं लेकिन जल्द ही सूर्य अपनी राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव की पूरे विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। तो आइए जानते हैं कि वृषभ संक्रांति कब मनाई जाएगी।
Vrishabha Sankranti date and auspicious time वृषभ संक्रांति तिथि और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल वृषभ संक्रांति 14 मई 2024, मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन पुण्य काल सुबह 10 बजकर 50 मिनट से शाम 06 बजकर 30 मिनट तक रहेगा और महापुण्य काल दोपहर 03 बजकर 49 मिनट से शाम 06 बजकर 04 मिनट के बीच रहेगा। वृषभ संक्रांति शाम 6 बजकर 04 मिनट पर है।
Importance of Vrishabha Sankranti वृषभ संक्रांति का महत्व
मेष संक्रांति की तरह ही वृषभ संक्रांति को बहुत खास माना जाता है। वृषभ संक्रांति के दिन दान-पुण्य करने का बहुत महत्व है। इस दिन दान-पुण्य करने से मन ही हर मनोकामना पूरी होती है और जीवन में आने वाली हर परेशानी से छुटकारा मिलता है। वृषभ संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूरे विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही व्यक्ति को अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है और मोक्ष प्राप्ति के मार्ग खुल जाते है।