Edited By Prachi Sharma,Updated: 02 Sep, 2024 10:41 AM
घर में सकारात्मकता को बढ़ावा देने के लिए घर के वास्तु शास्त्र का सही होना बेहद ही जरुरी है। हर एक दिशा में अपनी ही एक एनर्जी होती है। यदि इन्हें पहचान
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West Direction Vastu Tips: घर में सकारात्मकता को बढ़ावा देने के लिए घर के वास्तु शास्त्र का सही होना बेहद ही जरुरी है। हर एक दिशा में अपनी ही एक एनर्जी होती है। यदि इन्हें पहचान लिया जाए तो जीवन में खुशियों का प्रभाव दिन ब दिन बढ़ने लग जाता है। बात करें पश्चिम दिशा की तो ये इस दिशा के स्वामी शनि देव माने जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को बहुत ही खास और प्रभावशाली ग्रह माना जाता है। शनि देव की महिमा अपरंपार है, वह अत्यंत न्याय प्रिय हैं और लोगों को उनको कर्मों के हिसाब से अच्छे और बुरे फल प्रदान करते हैं, इसलिए उनको न्याय का देवता और कर्मफल दाता कहा जाता है। लेकिन जब वह किसी पर अपनी नकारात्मक दृष्टि डालते हैं तो उनका जीवन कष्टों से भर जाता है। हालांकि, शुभ दृष्टि पड़ने पर इंसान को धन, दौलत, ऐश्वर्य सब कुछ प्रदान करते हैं। वास्तु शास्त्र में पश्चिम दिशा से जुड़े बहुत से नियम बताए गए हैं। जिनका पालन न करने पर शनिदेव के अशुभ प्रभाव के साथ साथ घर में दरिद्रता आने लगती है। तो आइए जानते हैं कि पश्चिम दिशा में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
वास्तु शास्त्र के अनुसार पश्चिम दिशा में भूलकर भी घर का मुख्य दरवाजा नहीं होना चाहिए। अगर किसी घर का मुख्य दरवाजा पश्चिम दिशा में खुलता है तो इससे घर में नकारात्मकता बढ़ती है। अगर जगह की समस्या के कारण घर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा में रखना पड़े तो घर के मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ घने पेड़ लगा दें।
इसी के साथ जैसा कि पश्चिम दिशा को शनि देव का स्थान माना जाता है। ऐसे में घर में इस जगह को साफ-सुथरा रखना चाहिए। इस दिशा में किसी भी तरह का कूड़ा या गंदगी होने पर शनि देव नाराज हो जाते हैं और व्यक्ति को जीवन में कष्टों का सामना करना पड़ता है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के पश्चिम दिशा की तरफ कोई खिड़की हो तो वह खिड़की पूर्व दिशा की दीवार में मौजूद खिड़की से छोटी होनी चाहिए क्योंकि ऐसा न होने पर घर में नेगेटिव एनर्जी का संचार होने लगता है और घर से खुशहाली चली जाती है।
आगे आपको बताते चलें कि घर के पश्चिम दिशा का हिस्सा हमेशा खुला हुआ होना चाहिए। इस दिशा को बंद करके रखने से घर के सदस्यों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।
वास्तु शास्त्र की मानें तो घर की पश्चिम दिशा में रसोई घर नहीं बनाना चाहिए। घर के इस दिशा में किचन होने से धन हानि होने लगती है और आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है। इतना ही नहीं इससे में भी अक्सर कलह की स्थिति बनी रहती है।
वहीं, पति-पत्नी का बेडरूम भी पश्चिम दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए। इससे पति-पत्नी के बीच तनाव बढ़ता है।