Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Jan, 2024 10:33 AM
ऐसी मान्यता है की धर्म स्थान से मिला प्रसाद या कोई वस्तु सकारात्मक प्रभाव के साथ-साथ जीवन में गुड लक लेकर आता है
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Can we eat Prasad offered to God: ऐसी मान्यता है की धर्म स्थान से मिला प्रसाद या कोई वस्तु सकारात्मक प्रभाव के साथ-साथ जीवन में गुड लक लेकर आता है। ये धारणा ज्योतिष गणना के हिसाब से कईं बार नुकसानदायक भी सिद्ध होती है। कुंडली के 12 भाव अपना-अपना प्रभाव देते हैं। इनमें बैठे अलग-अलग ग्रह भी अपनी समय अवधि और व्यक्ति के कर्मों के अनुसार उसे अच्छा-बुरा फल देते हैं।
Prasad For Bhagwan: जब भी किसी जगह से किसी वस्तु को लेकर आते हैं तो उसमें किसी ग्रह का असर किसी भाव का फल व किसी योग का निर्माण ग्रहों के अनुसार हो जाता है। ठीक वैसे ही जब हम श्मशान जाते हैं तो अष्टम भाव के फल मिलते हैं। उस समय अष्टम भाव में जो ग्रह होगा, उसी जैसा परिणाम हमे देगा। धर्म स्थान कुंडली का दूसरा भाव होता है। अगर किसी जातक की कुंडली में दूसरे भाव में कुछ ऐसे ग्रह बैठ जाएं, जिनका बल दूसरे भाव में क्षीण होता हो तो ऐसे में जब-जब हम मंदिर जाएंगे तब-तब ग्रह के बल को और कमजोर करेंगे।
Prasadam: यदि हम उसी धर्म स्थान से कोई वस्तु प्रसाद के रुप में लेकर आते हैं तो ऐसे में उस ग्रह का बल और भी कमजोर हो जाता है। ठीक वैसे ही जैसे की हम अपने बैंक में जमा धन राशि निकालते हैं तो पैसा कम होने लग जाता है। कुंडली का दूसरा भाव बैंक बैंलेस से भी संबंधित होता है।
Prasad: यदि अगर आपकी कुंडली में कुछ ग्रह दूसरे भाव में बैठे हैं, जो कि वहां पर क्षीण या निर्बल हैं और अशुभ योग में हैं। तो धर्म स्थान से प्रसाद या कोई भी वस्तु लेना आपको पैसों-पैसों के लिए मोहताज भी कर सकता है।
नीलम
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