Edited By Prachi Sharma,Updated: 27 Feb, 2025 01:49 PM
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हमारे भारतीय सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में बड़े-बुजुर्गों का सम्मान अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है और इसके लिए कई रीति-रिवाज और परंपराएं हैं, जिनका उद्देश्य न केवल आंतरिक सम्मान व्यक्त करना है
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Why Do Indians Touch The Feet Of Their Elders: हमारे भारतीय सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में बड़े-बुजुर्गों का सम्मान अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है और इसके लिए कई रीति-रिवाज और परंपराएं हैं, जिनका उद्देश्य न केवल आंतरिक सम्मान व्यक्त करना है, बल्कि एक गहरी आध्यात्मिक और मानसिक कनेक्टिविटी भी स्थापित करना है। उन परंपराओं में से एक प्रमुख परंपरा है- चरण स्पर्श के बाद बड़े-बुजुर्गों का सिर पर हाथ रखना। यह एक सांस्कृतिक संकेत है जो शांति, आशीर्वाद, और मानसिक ऊर्जा के आदान-प्रदान को व्यक्त करता है।
भारत में पारंपरिक रूप से यह माना जाता है कि किसी बड़े या अनुभवी व्यक्ति के चरण स्पर्श करने से उनके अनुभव और आशीर्वाद का लाभ मिलता है। जब हम किसी बड़े-बुजुर्ग के पैर छूते हैं, तो हम उन्हें सम्मान और श्रद्धा व्यक्त करते हैं। इसके बाद जब वे अपना हाथ हमारे सिर पर रखते हैं, तो यह उनके आशीर्वाद का प्रतीक होता है। यह एक तरह से उस सम्मान और श्रद्धा की वापसी होती है, जिससे हम उनके प्रति कृतज्ञता और स्नेह का भाव व्यक्त करते हैं।
आशीर्वाद का आदान-प्रदान
चरण स्पर्श के बाद बड़े-बुजुर्ग जब सिर पर हाथ रखते हैं तो यह एक आशीर्वाद के रूप में लिया जाता है। आशीर्वाद देने का उद्देश्य व्यक्ति को जीवन में सफलता, खुशहाली और मानसिक शांति की प्राप्ति करना होता है। यह आशीर्वाद न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आत्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण होता है। इसे एक प्रकार की मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का रूप माना जा सकता है, जो व्यक्ति के जीवन में अच्छाई और सुख लाने के लिए कार्य करता है।
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आध्यात्मिक और मानसिक उन्नति
भारतीय संस्कृति में विश्वास किया जाता है कि मनुष्य की शारीरिक ऊर्जा और मानसिक ऊर्जा का गहरा संबंध होता है। जब बड़े-बुजुर्ग किसी के सिर पर हाथ रखते हैं, तो यह ऊर्जा का आदान-प्रदान होता है। सिर को शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है क्योंकि यहां मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र का नियंत्रण होता है। इस क्रिया के माध्यम से व्यक्ति के मस्तिष्क को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, जो मानसिक शांति, संतुलन और समझ को बढ़ाती है।
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सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को मजबूत करना
चरण स्पर्श और उसके बाद सिर पर हाथ रखने की परंपरा पारिवारिक और सामाजिक संबंधों को मजबूत करती है। यह एक तरह से पारिवारिक एकता और सामूहिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाती है। बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त करने से बच्चों और युवा पीढ़ी में यह भावना पैदा होती है कि वे परिवार और समाज में जुड़ाव और समर्थन का अनुभव कर रहे हैं। इस तरह की सांस्कृतिक परंपराएँ रिश्तों में न केवल आत्मीयता बल्कि स्नेह और विश्वास को भी बढ़ाती हैं।
सकारात्मक मानसिकता का निर्माण
सिर पर हाथ रखने की परंपरा एक सकारात्मक मानसिकता का निर्माण करती है। जब बड़े-बुजुर्ग किसी को आशीर्वाद देते हैं, तो यह उनके प्रति एक अनुकूल दृष्टिकोण और जीवन में सफलता की ओर मार्गदर्शन प्रदान करता है। इससे व्यक्ति को आत्मविश्वास मिलता है और वह अपने जीवन में सकारात्मक बदलावों की ओर अग्रसर होता है।
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