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Kundli Tv- क्यों महादेव को कहा जाता है पशुपतिनाथ

Edited By Jyoti,Updated: 29 Aug, 2018 12:51 PM

why mahadev is called pashupatinath

जैसे कि सबको पता ही होगा कि भगवान शिव के अनेकों नाम हैं। लेकिन बहुत कम लोग होंगे कि इनके हर एक नाम के साथ एक कहानी जुड़ी हुी है।

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जैसे कि सबको पता ही होगा कि भगवान शिव के अनेकों नाम हैं। लेकिन बहुत कम लोग होंगे कि इनके हर एक नाम के साथ एक कहानी जुड़ी हई है। जी हां, महादेव के हर नाम के साथ कोई न कोई कथा जुड़ी हुई है। जैसे उन्हें नीलकंठ कहा जाता है, क्योंकि समुद्र मंथन के दौरान निकला सारा विष उन्होंने अपने कंठ में समा लिया था। जिस वजह से उनको नीलकंठ के नाम से पुकारा जाने लगा। इसके अलावा उनके कईं और नाम हैं जिनके साथ एेसी ही कुछ कथाएं जुड़ी हुई है। लेकिन हम आज आपको उनके पशुपतिनाथ कहने का रहस्य बताने जा रहे हैं। क्यों महादेव को पशुपतिनाथ कहा जाता है। आइए आज आपको इसके पीछे की असल बताएं-
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नेपाल में एक शिव मंदिर है जिसे पशुपतिनाथ का मंदिर कहा जाता है। इस पशुपतिनाथ मंदिर में शिवलिंग स्थापित हैं। कहा जाता है कि यहां विरजमान शिव के इस रूप को ज्ञान-प्राप्ति के स्मारक के रूप में स्थापित किया गया था जो कि पशुपत कहलाते हैं।

मान्यता के अनुसार शिव जी पशुपत थे। इसके बाद उन्होंने इससे आगे बढ़ने की कोशिश की और फिर वह पशुपति बन गए। वह जानवरों की प्रकृति के स्वामी बन गए। वह जानवरों की स्वाभाविक बाध्यताओं से मुक्त हो गए।
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शिव जी को जीवन के सभी क्षेत्रों में बहुत संयमी कहा जाता है। भगवान शिव का वज्र सबसे शक्तिशाली है। वज्र को शिव निरीह पशु-पक्षियों को बचाने के लिए और मानवता विरोधी व्यक्तियों के विरुद्ध व्यवहार में लाते थे। शिव जी बहुत ही शांत प्रवृत्ति के कहे जाते हैं इसलिए वे अपने अस्त्र का उपयोग बहुत कम ही करते थे। उन्होंने अच्छे लोगों के विरुद्ध अस्त्र का व्यवहार कभी नहीं किया। जब भी मनुष्य और जीव-जंतु अपना दुख लेकर शिव के पास आए, शिव ने उन्हें आश्रय दिया और सत् पथ पर चलने का परामर्श दिया। लेकिन जिन्होंने शिव पर क्रोध कर अपने स्वार्थ को पूरा करने का विचार किया शिव जी ने उन्हीं पर अपने अस्त्र चलाए। भगवान शिव का यह अस्त्र मात्र ही कल्याणार्थ है, इसी कारण इसे ‘शुभ वज्र’ कहा गया है। मनुष्य के समान पशुओं के प्रति भी शिव के हृदय में अगाध वात्सल्य था। इस कारण उन्हें ‘पशुपति’ नाम मिला। इसलिए उन्हें पशुपतिनाथ भी कहा जाता है।
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