आखिर क्यों खंडित मूर्तियों की पूजा नहीं की जाती ?

Edited By Lata,Updated: 31 May, 2019 12:20 PM

why we not worship of fragmented statues

अक्सर ये बात सुनने में आती हैं कि घर के मंदिर में अगर कोई मूर्ति टूट चुकी हो तो उसे मंदिर से निकाल कर जल प्रवाह कर देना चाहिए।

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
अक्सर ये बात सुनने में आती हैं कि घर के मंदिर में अगर कोई मूर्ति टूट चुकी हो तो उसे मंदिर से निकाल कर जल प्रवाह कर देना चाहिए। क्योंकि इन्हें घर में रखने से नकरात्मक ऊर्जा फैलती है। वैसे तो भगवान के दर्शन करने से ही मन को शांति मिल जाती है। तो ऐसे में जब हम खंडित मूर्ति का दर्शन करेंगे तो हम पाप के भागीदार तो बनते ही है इसके साथ ही नकरात्मकता भी फैलती है। इसलिए टूटी-फूटी प्रतिमाओं को घर में नहीं रखना चाहिए। तो चलिए विस्तार से जानते इसके बारे में।     
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खंडित मूर्तियों के संबंध में धार्मिक मान्यता है कि अगर ऐसी मूर्तियों की पूजा की जाती है तो पूरा फल नहीं मिल पाता है और न ही मन को शांति मिलती है। टूटी मूर्ति की पूजा करते समय जैसे ही हमारी नजर मूर्ति के टूटे हिस्से पर जाती हैं, हमारा मन भटक जाता है और पूजा में एकाग्रता नहीं बन पाती है। एकाग्रता की कमी की वजह से विचारों की शुद्धि नहीं हो पाती है और मन अशांत रहता है। जिसकी वजह से पूजा का भी कोई फल नहीं मिलता है। तो ऐसे में जैसे ही पता चले तो उस प्रतिमा को तुरंत जल में प्रवाह कर दें।

अगर भगवान की ऐसी प्रतिमा को घर पर रखेंगे तो... (VIDEO)

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वास्तु के अनुसार घर में टूटी-फूटी चीजें रखी रहती है तो वास्तु दोष बढ़ते हैं। ऐसे दोषों की वजह से घर में नकारात्मकता बढ़ती है। पूजा करते समय भगवान की मूर्तियों की ओर ध्यान लगाने से तनाव दूर होता है, लेकिन मूर्ति अगर खंडित होगी तो ध्यान नहीं लग पाता है। इसीलिए घर में अगर कोई मूर्ति टूटी हुई हो तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए।

मूर्तियों के संबंध में शिवपुराण के अनुसार शिवलिंग को निराकार माना गया है। केवल शिवलिंग खंडित होने पर भी पूजनीय है और ऐसे शिवलिंग की पूजा की जा सकती है। 

इस गिनती में रखें पूजाघर में भगवान की मूर्ति (VIDEO)

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