Edited By Lata,Updated: 24 May, 2019 12:58 PM
आज के टाइम में बहुत से लोग अपने घरों में छोटे शिवलिंग रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं। पर ऐसा कहा जाता है कि बिलकुल अंगूठे के आकार के शिवलिंग ही घर में लाने चाहिए।
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आज के टाइम में बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्अहोंने अपने घरों में छोटे शिवलिंग रखें हैं और वे उनकी पूजा पूरी विधि से करते हैं। लेकिन शास्त्रों के मुताबिक शिवलिंग बिलकुल अंगूठे के आकार के ही घर में लाने चाहिए। जैसे कि शिवलिंग को लोग घर में लाते हैं, ठीक वैसे ही घर के मंदिर में शालिग्राम भी रखें जाते हैं। शास्त्रों में शालिग्राम को भगवान श्री हरि का ही रूप माना गया है और ये कुल 33 प्रकार के होते हैं। जिनमें से 24 को भगवान विष्णु के हर अवतारों से जोड़ा गया है।
ज्यादातर लोग शालिग्राम को नेपाल के मुक्तिनाथ, काली गण्डकी नदी के तट से लाते हैं। जितने भी शालिग्राम पाए जाते हैं, उन सबका महत्व अलग-अलग ही होता है। माना जाता है कि ये सभी 24 शालिग्राम वर्ष की 24 एकादशी व्रत से संबंधित हैं। अगर कोई गोल शालिग्राम लाता है तो उसे गोपाल जी के साथ जोड़ा जाता है। यदि मछली के आकार का है तो यह श्री विष्णु के मत्स्य अवतार का प्रतीक है और अगर शालिग्राम कछुए के आकार का है तो यह भगवान के कच्छप और कूर्म अवतार का प्रतीक होता है।
शास्त्रों के अनुसार बताया गया है कि जिस शालिग्राम पर उभरने वाले चक्र और रेखाएं देखने को मिलती है, वह भी विष्णु के अन्य अवतारों और श्रीकृष्ण के कुल के लोगों को इंगित करती हैं। आमतौर पर काले और भूरे शालिग्राम के देखें गए हैं। लेकिन इसके अलावा सफेद, नीले और ज्योतियुक्त शालिग्राम भी पाए जाते हैं। परंतु उनके दर्शन करना तो बहुत ही दुर्लभ होते हैं। पूर्ण शालिग्राम में भगवाण विष्णु के चक्र की आकृति अंकित होती है। यह शालिग्राम घर में रखकर इसकी नित्य पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जन्मों-जन्मों के पाप मिट जाते हैं।
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मान्यताओं के अनुसार लक्ष्मी नारायण नाम के शालिग्राम का पूजन जिस घर में होता है उस घर में लक्ष्मी का सदैव वास रहता है। वहां से माता लक्ष्मी कभी नहीं जाती हैं। लेकिन इनकी पूजा करते समय कुछ नियमों का ख्याल भी जरूर करना चाहिए।
घर में सिर्फ एक ही शालिग्राम की पूजा करनी चाहिए और सारे नियमों को ध्यान में रख कर ही पूजा करें।
विष्णु जी की मूर्ति से कहीं ज्यादा उत्तम होता है शालिग्राम की पूजा करना। तो अगर ये आपके गर में है तो इनकी पूजा जरूर करें।
जब भी पूजा करें तो शालिग्राम पर चंदन लगाकर उसके ऊपर तुलसी का एक पत्ता रखें।
प्रतिदिन शालिग्राम को पंचामृत से स्नान कराएं।
जिस घर में शालिग्राम का पूजन होता है उस घर में लक्ष्मी का सदैव वास रहता है।
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इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि शालिग्राम सात्विकता के प्रतीक माने गए हैं। उनके पूजन में आचार-विचार की शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है।