Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 Mar, 2022 08:55 AM
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तेलांगना राज्य सरकार की देखरेख में लगभग 1200 करोड़ रुपये की लागत से बना श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी के भव्य मंदिर का सोमवार को मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव नेसोमवार को किया। मुख्यमंत्री की ओर से मंदिर के लोकार्पण के बाद इसे
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Yadadri Yadagirigutta Lakshmi Narasimha Mandir: तेलांगना राज्य सरकार की देखरेख में लगभग 1200 करोड़ रुपये की लागत से बना श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी के भव्य मंदिर का सोमवार को मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव नेसोमवार को किया। मुख्यमंत्री की ओर से मंदिर के लोकार्पण के बाद इसे आम जनता के दर्शन केलिए खोल दिया गया है।
मंदिर निर्माण से जुड़े सूत्रों का दावा है कि यह बीते 100 साल में ब्लैक ग्रेनाइट स्टोन से बनने वाला दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के निर्माण पर लगभग 1100 करोड़ खर्च का अनुमान है। वहीं तेलांगना में बने इस यदाद्री मंदिर के निर्माण पर सरकार ने 12 सौ करोड़ खर्च कर दिया है। इस मंदिर का निर्माण पूरी तरह सरकारी खर्च पर किया गया है।
![PunjabKesari Yadadri Temple](https://static.punjabkesari.in/multimedia/08_52_236470709yadadri-temple-8.jpg)
यदाद्री मंदिर के गर्भगृह के गुंबद पर ही अकेले 125 किलो सोना लगाया गया है। मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे शास्त्रों के अनरूप तैयार कराया या है। जानकारी के अनुसार वैष्णव पंथ के इस मंदिर का निर्माण आगम, वास्तु और पंचरथ शास्त्रों के मुताबिक कराया गया है।
![PunjabKesari Yadadri Temple](https://static.punjabkesari.in/multimedia/08_52_393980894yadadri-temple-6.jpg)
उल्लेखनीय है कि तेलांगना के भुवनगिरि जिले में यदाद्री गुट्टा पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर एक हजार साल से भी पुराना है, मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने 1200 करोड़ रुपये खर्च करके इसे भव्य स्वरूप प्रदान किया है। मंदिर की गुफा में ज्वाला नृसिंह, गंधभिरंदा नृसिंह औ योगानंदा नृसिंह की मूर्तियां हैं।
![PunjabKesari Yadadri Temple](https://static.punjabkesari.in/multimedia/2022_3image_08_21_355144612yadadritemple1.jpg)
चंद्रशेखर राव ने इस मंदिर के विकास के लिए यदाद्री टेम्पल डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन किया था। मंदिर के विकास के लिए गठित समिति में खुद राव इसके अध्यक्ष हैं तथा स्थानीय विधायक व सांसद इसकी कमेटी में शामिल हैं।
![PunjabKesari Yadadri Temple](https://static.punjabkesari.in/multimedia/08_52_522883265yadadri-temple-5.jpg)
बता दें कि मंदिर के वर्तमाव स्वरूप तो बनाने का काम शुरु होने के बाद पहला पिलर 2016 में डाला गया। इससे पहले मंदिर के लिए पत्थरों की विभिन्न खदानों में उपलब्ध चट्टानों की जांच कराई गई। आंध्र प्रदेश के एक खदान की चट्टान को सबसे मजबूत पाए जाने के बाद वहीं से मंदिर के लिए पत्थरों की खरीद की गई। ब्लैकग्रेनाइट के पत्थरों को जोडऩे में सीमेंट की जगह चूने का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर में पत्थरों में नक्काशी काम बेहद खूबसूरत है। मंदिर के हर द्वार पर लगे कलश को सोने से मढ़ा गया।