Edited By Niyati Bhandari,Updated: 14 Dec, 2022 09:38 AM
![yajna hawana mantra](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2021_12image_10_01_195837695yagyahavanandmantramai-ll.jpg)
यज्ञ तथा मन्त्रोच्चारण का आश्रय लेकर आप इच्छा-पूर्ति कर सकते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार वायुमंडल की शुद्धि के लिए यज्ञ किए जाते हैं। यज्ञ-कुंड में डाला गया शुद्ध देसी घी तथा हवन-सामग्री वायुमंडल को
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Yagya havan and mantra importance: यज्ञ तथा मन्त्रोच्चारण का आश्रय लेकर आप इच्छा-पूर्ति कर सकते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार वायुमंडल की शुद्धि के लिए यज्ञ किए जाते हैं। यज्ञ-कुंड में डाला गया शुद्ध देसी घी तथा हवन-सामग्री वायुमंडल को हर प्रकार से शुद्ध कर देती है। जरूरी है कि यज्ञ करते समय संबंधित मंत्रों का उच्चारण विधिवत किया जाए। किसी प्रकार की गलती न होगी तो मंत्र तथा यज्ञ अवश्य फलीभूत होंगे। यज्ञ करते समय मंत्रों का उच्चारण ऊंचे स्वर में करना जरूरी है।
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![PunjabKesari Yajna Hawana Mantra](https://static.punjabkesari.in/multimedia/10_03_576871006yagya-havan-and-mantra-1.jpg)
मान्यता है कि यज्ञ की अग्नि में हवन सामग्री द्वारा आहुतियां देने में आकाश में जो विद्युत तरंगें उभरती तथा विचरती हैं, वे पूरी तरह आध्यात्मिक होती हैं और उन्हीं के माध्यम से यज्ञ की सफलता तथा कार्य सिद्धि होती है।
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ऊंची ध्वनि द्वारा मंत्रों का उच्चारण जहां तक भी सुनाई देता है, दुर्भावना पालने वाले व्यक्तियों की सोच को बदल कर रख देता है। त्रेता युग में अपने यज्ञ की सफलता के लिए महर्षि विश्वामित्र को राम-लक्ष्मण का संरक्षण व सहयोग पाना पड़ा। पूर्व में पुत्रेष्ठि यज्ञ द्वारा महाराजा दशरथ भी 4 पुत्रों के पिता बन सके। इससे यज्ञ, हवन, मन्त्रोच्चारण के महत्व का पता चलता है।
विद्वान बताते हैं कि जब हम यज्ञ करते समय मन्त्रोच्चारण ऊंची ध्वनि में करते हैं तो ये यज्ञ के देवता तक पहुंच कर उन्हें यज्ञ मंडप में आने के लिए प्रेरित, उत्साहित तथा विवश कर देते हैं। विधिवत किया गया हवन, यज्ञ आदि जरूर सफलता प्रदान करता है, अभीष्ट परिणाम ला देता है। विधि-विधान से दैत्यों द्वारा किया गया यज्ञ भी उतना ही स्वीकार कर लिया जाता है, जितना देवताओं द्वारा। बहुत बार तो दैत्यों के यज्ञों ने देवराज इन्द्र की भी नींद उड़ा कर हड़कम्प मचा दिया था।
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