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Yamuna Chhath Katha: यमुना छठ की कथा पढ़ने से जीवन होता है पाप मुक्त

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Apr, 2025 06:32 AM

yamuna chhath katha

Yamuna Chhath story: यमुना छठ का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारी प्रकृति और संस्कृति से भी जुड़ा हुआ है। इस दिन की पूजा विधि, कथा और महत्व को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालु इस पर्व को अपने जीवन में समृद्धि और आशीर्वाद लाने...

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Yamuna Chhath story: यमुना छठ का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारी प्रकृति और संस्कृति से भी जुड़ा हुआ है। इस दिन की पूजा विधि, कथा और महत्व को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालु इस पर्व को अपने जीवन में समृद्धि और आशीर्वाद लाने के लिए मनाते हैं। यमुना छठ का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। यह दिन पारिवारिक एकता और सामूहिक पूजा का प्रतीक है क्योंकि लोग एक साथ पूजा करते हैं विशेषकर नदी के किनारे। यमुना छठ का पर्व पवित्रता और शुद्धता के महत्व को उजागर करता है, जहां नदी के पानी को जीवनदायिनी माना जाता है।  यह पर्व प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा की ओर भी इशारा करता है क्योंकि यमुना जैसे जल स्रोत की पूजा करने से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि जल का संरक्षण करना कितना महत्वपूर्ण है।

Yamuna Chhath Katha

Story of Yamuna Chhath यमुना छठ की कथा: यमुना छठ की एक प्रमुख कथा भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी हुई है, जो इस प्रकार है- एक बार यमराज (मृत्यु के देवता) अपनी बहन यमुना से मिलने के लिए आए। यमुना ने उन्हें अपने घर आमंत्रित किया और उन्हें ताजे फल, मिठाइयां और अन्य पकवानों से स्वागत किया। यमराज बहुत खुश हुए और यमुना से पूछा, "तुम्हारे इस पुण्य जल में स्नान करने से क्या लाभ होता है?"

Yamuna Chhath Katha

यमुना ने कहा, "जो भी इस नदी में स्नान करता है, वह पाप मुक्त हो जाता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।"

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यमराज ने कहा, "मैंने सुना है कि इस नदी के जल में स्नान करने से व्यक्ति के पाप समाप्त हो जाते हैं परंतु इसे और अधिक पुण्य देने के लिए, तुम्हें एक व्रत रखना होगा। तुम्हारी पूजा से ही इस धरती के लोग पापों से मुक्त होंगे और उनका जीवन सुधरेगा।"

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तब यमुना ने यमराज की बात मानी और इस दिन यमुना छठ का व्रत आरंभ हुआ। इस दिन को श्रद्धालु यमुना जी की पूजा करते हैं और उनके आशीर्वाद से अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करने का संकल्प करते हैं।

Yamuna Chhath Katha

Yamuna Chhath Puja Vidhi यमुना छठ पूजा विधि
इस दिन हो सके तो यमुना नदी में डुबकी लगाकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
फिर श्रीकृष्ण की पूरे विधि-विधान से पूजा करें।
शाम की पूजा करते समय यमुना अष्टक का पाठ करें।
फिर यमुना मां की आरती करें और उन्हें फलों का भोग लगाएं।
अंत में अपनी क्षमतानुसार दान करें और ब्राह्मणों को भोजन करवाएं।

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