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Yashoda Jayanti 2025: सूने घर में किलकारियों की आवाज सुनने के लिए यशोदा जयंती के दिन करें ये काम

Edited By Prachi Sharma,Updated: 18 Feb, 2025 07:08 AM

yashoda jayanti 2025

हिंदू धर्म में विभिन्न देवताओं और देवियों के जन्मोत्सव को विशेष रूप से मनाया जाता है। उनमें से एक महत्वपूर्ण पर्व है यशोदा जयंती, जो भगवान श्री कृष्ण की मां यशोदा की जयंती के रूप में मनाई जाती है

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Yashoda Jayanti 2025: हिंदू धर्म में विभिन्न देवताओं और देवियों के जन्मोत्सव को विशेष रूप से मनाया जाता है। उनमें से एक महत्वपूर्ण पर्व है यशोदा जयंती, जो भगवान श्री कृष्ण की मां यशोदा की जयंती के रूप में मनाई जाती है। मैया यशोदा का जीवन त्याग, प्यार और मातृत्व का प्रतीक है। उनका आदर्श हमें प्रेमपूर्ण मां के रूप में कार्य करने की प्रेरणा देता है। यशोदा जयंती के दिन विशेष रूप से कुछ उपाय किए जाते हैं, जिनसे न केवल जीवन में खुशियां आ सकती हैं बल्कि यदि किसी के घर में संतान सुख की कमी हो, तो वह भी प्राप्त हो सकता है। यह दिन विशेष रूप से महिलाओं के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है और इस दिन कुछ खास उपाय करने से माता यशोदा की कृपा प्राप्त होती है, जिससे सूनी गोद भर सकती है और संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है।

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 संतान प्राप्ति के उपाय

यशोदा जयंती के दिन सबसे पहला और महत्वपूर्ण उपाय मां यशोदा की पूजा करना है। यशोदा जी ने भगवान श्री कृष्ण का पालन-पोषण किया । उनके जीवन में मातृत्व और प्रेम की जो भावना थी, वह अद्वितीय थी। इसलिए यशोदा जयंती पर मां यशोदा की पूजा करना और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना एक बेहद प्रभावी उपाय हो सकता है, खासकर उन महिलाओं के लिए जिनके घर में संतान सुख की कमी है।

इस दिन व्रत रखें और यशोदा मां की विशेष पूजा करें। मां यशोदा के सामने दीपक जलाकर उनका ध्यान करें और उनसे संतान सुख की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। यशोदा मां के सामने एक नारियल अर्पित करें और संतान सुख की कामना करें।

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यशोदा मां ने भगवान श्री कृष्ण को अपनी गोद में खेलते हुए पाला और उनकी सुरक्षा के लिए उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। भगवान कृष्ण ने भी अपनी मां यशोदा के प्रति अपार श्रद्धा और प्रेम दिखाया। इस दिन गोवर्धन पूजा का आयोजन भी विशेष रूप से किया जाता है जो मां यशोदा की पूजा के साथ जुड़ा हुआ है। गोवर्धन पूजा के दौरान, गोवर्धन पर्वत की पूजा करके भगवान कृष्ण के आशीर्वाद से संतान सुख की प्राप्ति की कामना कर सकते हैं।

यशोदा जयंती के दिन विशेष रूप से उपवासी रहकर व्रत रखना संतान सुख की प्राप्ति के लिए लाभकारी माना जाता है। इस दिन उपवासी रहकर और व्रत करके मां यशोदा से आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। व्रत और उपवास से आत्मशुद्धि होती है और साथ ही संतान सुख की प्राप्ति की राह भी प्रशस्त होती है।

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यशोदा माता ने भगवान श्री कृष्ण का पालन-पोषण अपने दूध से किया और उनका दूध पीकर ही भगवान कृष्ण ने अपनी शक्तियों का आभास दुनिया को कराया। यशोदा माता का दूध न केवल भगवान कृष्ण के पालन का माध्यम था बल्कि वह प्रेम और वात्सल्य का प्रतीक भी था। यही कारण है कि यशोदा जयंती के दिन दूध और मीठे पदार्थों का दान करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है। ऐसा करने से जल्द ही सूनी गोद भर सकती है। 

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