Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 Aug, 2024 01:55 PM
साल 2024 आधे से ज्यादा बीत चुका है। पुरी दुनिया अब 2025 का इंतजार कर रही है। 2025 कर्क राशि के वालों के लिए कैसा रहने वाला है। इस आर्टिकल
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Yearly Horoscope 2025 Cancer: साल 2024 आधे से ज्यादा बीत चुका है। पुरी दुनिया अब 2025 का इंतजार कर रही है। 2025 कर्क राशि के वालों के लिए कैसा रहने वाला है। इस आर्टिकल में जानते हैं कर्क राशि का राशिफल।
2025 का साल सामान्य नहीं है। यह मंगल का साल है। दो और दो चार और पांच नौ बनते हैं और नौ मंगल का नंबर है। मंगल का नंबर होने के कारण इस साल लोगों में एनर्जी बहुत रहेगी। यह मंगल का प्रभाव नंबर का रहेगा। दूसरा इस साल एक बड़ी घटना भी होने जा रही है। एस्ट्रोलॉजी के लिहाज से देखें तो गुरु, शनि, राहु और केतु बड़े ग्रह जो होते हैं क्योंकि गुरु साल बाद और शनि ढाई साल बाद राशि परिवर्तन करते हैं। राहु, केतु का गोचर डेढ़ साल बाद होता है। लेकिन यह बहुत ही कम देखने को मिलता है किन चारों ग्रह एक ही साल में राशि परिवर्तन करें। अब साल 2025 में ऐसा होने जा रहा है, यह चारों ही ग्रह ही राशि परिवर्तन करेंगे।तो आइए देखते इसका आपके ऊपक क्या असर पड़ेगा।
कर्क राशि के जातकों के लिए कुंड़ली देखना बहुत जरूरी है। पहले चार महीने गुरु आपकी कुंडली में 11वें भाव से ही राशि परिवर्तन करेंगे। गुरु का गोचर इस समय वृषभ राशि में हो रहा है। इसलिए 11वें भाव में गुरु नजर आ रहे हैं, तो इसका आपको डेफिनेटली पहले चार महीने बहुत अच्छा परिणाम मिलेगा। 15 मई को लगभग यह गोचर होगा और गुरु आपके 12वें भाव में आएंगे। कर्क राशि के जातकों के लिए पहले चार महीने में शादी और संतान के योग बने हुए हैं क्योंकि गुरु की दृष्टि जब यहां से जाती है, तो गुरु पंचम दृष्टि से तीसरे भाव को देखते हैं। सप्तम दृष्टि सीधी संतान वाले भाव पर जाती है और 9वीं दृष्टि आपके 7वें भाव के ऊपर चली जाती है। जब गुरु के यह तीनों भाव एक्टिव हैं तो आपको गुरु की ब्लेसिंग जरूर मिलेगी। गुरु ब्लेसिंग्स के कारक और शनि समय के कारक होते हैं।
शनि यह तय करते हैं कि आपकी लाइफ में आगे क्या होगा और गुरु यह तय करते हैं कि आपको ब्लेसिंग मिलेगी या नहीं। गुरु जिन तीन भावों में देख रहे हैं, वहां ब्लेसिंग जरूर आ रही है। 15 मई के दौरान कर्क राशि के जिन जातकों को संतान नहीं हो रही थी, उन्हें हो सकती है। पराक्रर्म का भाव एक्टिव रहेगा। जो भी काम करेंगे वो बुद्धि विवेक के साथ करेंगे। जिन लोगों की शादी नहीं हो रही हैं, उनकी भी शादी हो सकती है क्योंकि सप्तम भाव को गुरु देख रहे हैं। संतान पक्ष से अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है। पहले पांच महीने का समय वो गुरु के प्रभाव से अच्छा रहेगा।
कर्क राशि के जातकों के लिए शनि अष्टम में गोचर करेंगे। शनि आपका अष्टम होते हैं और अष्टम का शनि अच्छा नही होता क्योंकि अष्ट भाव आपके आयु का स्थान होता है। यहां से सडन लोस देखा जाता है। आपके ऊपर शनि की ढैया चल रही है लेकिन यह साल ऐसा आने जा रहा है, जो आपको इस ढैया से मुक्ति दे देगा क्योंकि 29 मार्च को शनि यहां से निकलकर आपके भाग्य स्थान से गोचर करना शुरू करेंगे। हालांकि 9वों भाव में शनि का गोचर अच्छा नहीं माना जाता। शनि तीसरे, छठे और 11वें भाव में अच्छा गोचर करते हैं लेकिन ढैया से आपको जरूर मुक्ति मिल जाएगी। कर्क राशि ही एक ऐसी राशि है जिसके लिए शनि मारक होते हैं। यह चंद्रमा की राशि है। शनि और चंद्रमा आपस में मित्रता का भाव नहीं रखते। शनि की मकर राशि आपकी कुंडली में सप्तम भाव में आ जाती है, जो मारक स्थान है। अष्टम भाव में आ जाती है कुंभ राशि जो आपकी आयु का स्थान है और यह एक्सीडेंट का भी भाव होता है इसलिए शनि कर्क राशि के जातकों के लिए अच्छा फल नहीं करते हैं। ढैया से मुक्ति मिलेगी। पहले चार महीने गुरु आपको प्रोटेक्शन में रखेंगे हालांकि 15 मई को गुरु आपकी कुंडली में 12 वें भाव में चलें जाएंगे। यह स्थिति आपके लिए पैसों के लिहाज से अच्छी नहीं रहेगी। अगले सात महीने आपको आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन कोर्ट-कचहरी के मामाले में आपको राहत मिलेगी क्योंकि गुरु यहां पर 12वें भाव में बैठेंगे।
गुरु के 12वें भाव में आने से छठा भाव एक्टिव हो जाएगा। छठे भाव को रोग, ऋण और शत्रु का भाव कहते हैं। यहां पर पहले चार महीने गुरु पांचवें, तीसरे और सातवें को एक्टिव रखेंगे। इसके बाद चौथे, आठवें और छठें को भी एक्टिव कर देंगे। शरीर से जुड़ी समस्या है, तो वहां गुरु जरूर आपकी मदद करेंगे। गुरु भले ही आपके लिए गोचर में अच्छे न हो और 12वें भाव में गुरु का गोचर अच्छा नहीं होता लेकिन गुरु की दृष्टि हमेशा अच्छी होती है। चौथा भाव आपका सुख का भाव होता है। खुद की बनाई गई प्रॉपर्टी इसी भाव से आती है। चौथा भाव गुरु के प्रभाव में रहेगा। 15 मई के बाद एक ऐसेट का योग बनेगा। इस दौरान कोई न कोई प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं।
29 मार्च से शनि आपके 9वें भाव में आ जाएंगे और 11वें, छठे और तीसरे भाव को देखेंगे। यानी कि छठा भाव डबल एक्टिवेशन में आ जाएगा। एक अशुभ ग्रह गुरु की दृष्टि और एक शनि की दृष्टि में रहेगी। छठे भाव से संबंधित फल आपको अच्छे मिलेंगे लेकिन इस दौरान एक चीज का ध्यान रखने की आवश्यकता है । किसी की भी गारंटी न लें, नहीं तो खुद फस सकते हैं क्योंकि गुरु के प्रभाव के साथ-साथ शनि का भी प्रभाव आएगा। मार्च या मई के बाद भाई के साथ तालमेल के मामले में थोड़ी दिक्कत आ सकती है। यहां पर भी शनि की दृष्टि है। भाई की हेल्थ में भी समस्या हो सकती है। यह ध्यान आपको जरूर रखना पड़ेगा।
राहु का गोचर आपकी कुंडली में अष्टम भाव में हो रहा है और केतु दूसरे भाव में आ जाएंगे। शनि निकलेंगे तो अष्टम भाव में राहु आ जाएंगे। यहीं आपके लिए अच्छी स्थिति नहीं रहेगी। केतु दूसरे भाव में आएंगे। यह धन की हानि करवा सकते हैं। जब राहु यहां पर आएंगे, तो आपका चौथा भाव राहु के द्वारा भी एक्टिव होगा। छठा और चौथा भाव आपकी कुंडली में साल भर एक्टिव रहेंगे। चौथे भाव के ऊपर राहु और गुरु दोनों की दृष्टि आ जाएगी और छठे भाव के ऊपर शनि और गुरु की दृष्टि आ जाएगी। यह दो भाव आपके लिए एक्टिव रहेंगे। एसेट डेफिनेटली बनने जा रहे हैं। धन की हानि हो सकती है। आपके कुटुंब में समस्या हो सकती है। इस अवधि के दौरान अपनी डाइट का खास ध्यान रखने की आवश्यकता है। 29 मई के बाद जैसे ही केतु आपके दूसरे भाव में आएंगे, वो आपकी डाइट को सबसे पहले डिस्टर्ब करेंगे। यह डाइट हैबिट्स का भाव होता है। छठा भाव शनि के प्रभाव में हैं। बाद में ऐसा हो सकता है कि आपको अपनी खाने-पीने की आदत की वजह से पेट से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़े। इन चीजों का खासतौर पर ध्यान रखने की जरूरत है।
यह चारों ग्रहों में से गुरु का प्रभाव बहुत अच्छा रहेगा। शनि पहले से थोड़ा बेटर हो जाएंगे। यहां पर शनि का गोचर आपके लिए ठीक-ठाक हो जाएगा। गुरु का गोचर पहले चार महीने अच्छा रहेगा। उसके बाद थोड़ा सा डिस्टर्ब कर सकते हैं। राहु और केतु का गोचर आपके लिए बहुत ज्यादा अच्छा नहीं रहेगा। जिन लोगों की उम्र 30 से 50 साल के ऊपर है उनके ऊपर वीनस की महादशा चल रही है। वीनस आपकी कुंडली में अच्छे भाव के स्वामी हैं।
नरेश कुमार
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