Edited By Prachi Sharma,Updated: 17 Sep, 2024 01:19 PM
1 जनवरी के दिन शनि आपकी कुंडली में यहां पर 12वें भाव से गोचर कर रहे हैं। इसका मतलब यह है कि आपके ऊपर शनि की साढ़े साती की पहली ढैया चल रही है, जो 29
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Yearly Horoscope 2025 Pisces: 1 जनवरी के दिन शनि आपकी कुंडली में यहां पर 12वें भाव से गोचर कर रहे हैं। इसका मतलब यह है कि आपके ऊपर शनि की साढ़े साती की पहली ढैया चल रही है, जो 29 मार्च 2025 को खत्म हो जाएगी। आपकी जल तत्व की राशि है इसलिए जो मीन राशि के जातक हैं उनके ऊपर शनि का बहुत ज्यादा असर नहीं होता।
कर्क, वृश्चिक और मकर मीन जो राशियां हैं ये जल तत्व की राशियां होती हैं। शनि यहां पर बहुत ज्यादा वो असर नहीं करते। अपनी साढ़े साती में हालांकि उनकी दृष्टि का असर जरूर होता है लेकिन बहुत ज्यादा नुकसान साढ़े साती में नहीं होता। इन राशियों को तो मीन राशि एक ऐसी राशि है जिसको बहुत ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। 1 जनवरी को गुरु का गोचर आपकी कुंडली में तीसरे भाव में हो रहा है। दो राशि में गुरु गोचर कर रहे हैं। राहु-केतु आपकी कुंडली में चंद्रमा के ऊपर से और सातवें भाव में गोचर कर रहे हैं। 29 मार्च को शनि आपकी कुंडली में आपके चंद्रमा के ऊपर से आ जाएंगे यानी कि शनि की साढ़े साती की दूसरी ढैया शुरू हो जाएगी। गुरु थोड़ा सा आगे निकलेंगे 15 दिन बाद ही। लगभग 15 मई को गुरु का गोचर लगभग डेढ़ महीने बाद होगा। गुरु आपकी कुंडली में चौथे भाव में आ जाएंगे। यहां पर चौथे भाव में बैठकर गुरु 12वें भाव को देखेंगे और अष्टम को देखेंगे और आपके दशम भाव को देखेंगे। शनि भी दशम, तीसरे भाव , शनि सप्तम को भी देखेंगे। केतु आपकी कुंडली में छठे भाव में आ जाएंगे, ये 29 मई को होगा और आपकी कुंडली में राहु 12वें चले जाएंगे। राहु या केतु दोनों में से एक का ही गोचर शुभ होता है यानी कि मोटे तौर पर केतु का गोचर आपके लिए शुभ हो जाएगा। यहां पर काल पुरुष की कुंडली में आकर उच्च के हो जाते हैं। शनि का गोचर चूंकि शनि की साढ़े साती है इसलिए शुभ नहीं मानेंगे। शनि गोचर करेंगे आपकी कुंडली में चंद्रमा के ऊपर से। शनि आपकी कुंडली में 11वें और 12वें दो भावों के स्वामी होते हैं। उस राशि से ये तीसरे चले जाएंगे, आय स्थान से संबंधित फल अच्छा करेंगे क्योंकि अपनी राशि से तीसरे गोचर करना अच्छा है।
शनि सप्तम को देखेंगे यदि आप शादी का विचार कर रहे हैं तो चीजें डिले हो सकती हैं क्योंकि यहां पर शनि सप्तम को देखेंगे। सप्तम शादी वाला स्थान होता है। पार्टनरशिप करके बिजनेस करना चाहते हैं तो वहां पर भी जरूर ध्यान से काम करें। क्योंकि सप्तम शनि के प्रभाव में रहेगा, चीजें डिले करवाएंगे। गुरु ब्लेसिंग्स के कारक है तो कारोबार से संबंधित फल अच्छे मिलने जा रहे हैं। इन दोनों ग्रहों के प्रभाव से आप डेफिनेटली एंजॉय करेंगे। राहु 12वें भाव में है और गुरु की दृष्टि 12वें भाव के ऊपर यानी कि मीन राशि के जितने भी जातक हैं व डेफिनेटली 25 में विदेश यात्रा कर सकते हैं। 12वां भाव आपका विदेश यात्रा , मोक्ष, हॉस्पिटलाइजेशन का भाव होता है। यहां पर राहु की उपस्थिति अच्छी नहीं है लेकिन चूंकि गुरु की दृष्टि है वो न्यूट्रलाइज हो जाएगा तो उसके अच्छे फल डेफिनेटली आपको जरूर देखने को मिलेंगे। अष्टम आपकी सीक्रेसी का भाव होता है, आपके ससुराल पक्ष से जो आपको फायदा मिलता है। थोड़ा सा गाड़ी जरूर धीमी चलाइए। अपने पासवर्ट थोड़े से सिक्योर रखिएगा। गुरु सुख स्थान में है तो सुख जरूर देंगे लाइफ में। 2025 आपके लिए गुरु के लिहाज से काफी अच्छा रहने वाला है। केतु चूंकि बहुत अच्छी प्लेसमेंट में आ गए हैं। यदि आपको कोई छोटी-मोटी फिजिकल प्रॉब्लम है तो जैसे ही केतु का गोचर होगा वो आपको बहुत उसका अच्छा रिजल्ट देंगे। राहु-केतु का एक गोचर का एक फायदा जरूर होता है ये नुकसान भी होता होता है। केतु भी यहां पर दशम को देखेंगे। केतु और शनि दोनों दशम को देखेंगे, राहु भी देख रहे हैं। केतु की दृष्टि धन स्थान के ऊपर भी रहेगी और धन स्थान के ऊपर केतु की दृष्टि का मतलब यह है कि वहां पर आपको अच्छा फायदा हो सकता है। गुरु की दृष्टि कर्म स्थान के ऊपर है। शादी के मामले में जरूर आपको डिले होगा। गुरु चूंकि केंद्र में है जिनके यहां पर संतान नहीं है उनको संतान का सुख मिल सकता है। संतान जो है वो फिफ्थ हाउस से आती है। आपकी कुंडली में चंद्रमा बनते हैं। पंचम के कारक गुरु होते हैं तो केंद्र में आना गुरु का अच्छा है। संतान का सुख गुरु यहां पर देकर जा सकते हैं। यह आपको डेफिनेटली उसका जरूर फायदा होगा। ये ग्रह पॉजिटिव ग्रह होते हैं यह केंद्र त्रिकोण में अच्छा फल करते हैं तो गुरु केंद्र में होना अच्छा है तीसरे भाव के मुकाबले। गुरु दूसरे, पांचवें, सातवें नौवें और 11वें भाव में होते हैं। उनका गोचर वहां से अच्छा होता है चूंकि आपकी राशि के स्वामी हैं। राशि के स्वामी होकर सुख स्थान में बैठ जाना हर तरह का सुख देने का काम यहां पर गुरु करेंगे। 29 मार्च से लेकर 29 मई तक सावधान रहना होगा। यहां पर शनि और राहु एक साथ हो जाएंगे। शनि और राहु दोनों एक साथ 29 मार्च को शनि आगे आ जाएंगे। शनि और राहु आपकी चंद्रमा के ऊपर से गोचर करेंगे, यह थोड़ी सी नेगेटिविटी आपको दे सकते हैं। पार्टनर के साथ दो पाप ग्रहों का सप्तम को प्रभावित करना अच्छा नहीं है। 29 मार्च से लेकर 29 मई तक जो मीन राशि के हैं उनके ऊपर शुक्र की महादशा चल रही है। बहुत सारे ऐसे जातक होंगे जिनके ऊपर शुक्र की महादशा लास्ट फेस में होगी। शुक्र मीन राशि में आकर उच्च के हो जाते हैं। शुक्र इस राशि के लिए बहुत इंपॉर्टेंट प्लेनेट है क्योंकि यहां पर शुक्र केंद्र के स्वामी भी बनते हैं। आपकी कुंडली में शुक्र तीसरे भाव के स्वामी बनते हैं और इसके अलावा शुक्र आपके लिए अष्टम भाव के स्वामी बनते हैं।
शुक्र को मजबूत करने के उपाय
शुक्र की रेमेडी के तौर पर यदि आप मैरिड हैं तो अपने पार्टनर को कोई सरप्राइज गिफ्ट दीजिए।
गौशाला में जाकर आप गौ माता की सेवा करें।
नरेश कुमार
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