Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Jul, 2024 08:06 AM
हर साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि योगिनी एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा-अर्चना करने से पापों से मुक्ति मिलती है। ये भी कहा जाता है कि
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Yogini Ekadashi 2024: हर साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि योगिनी एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा-अर्चना करने से पापों से मुक्ति मिलती है। ये भी कहा जाता है कि इस व्रत को करने से मृत्यु के बाद भगवान विष्णु के चरणों में स्थान प्राप्त होता है। इस दिन व्रत रखने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर का फल प्राप्त होता है।
इस साल यानि वर्ष 2024 में 02 जुलाई को श्री हरि की प्रिय योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस साल योगिनी एकादशी बेहद शुभ मानी जा रही है क्योंकि ज्योतिष के अनुसार योगिनी एकादशी पर 5 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है और इन योगों में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। आईए जानें, इस साल योगिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त, शुभ योग और पूजन विधि।
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 01 जुलाई को प्रातः काल 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और 02 जुलाई को सुबह 08 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। उदय तिथि के अनुसार 02 जुलाई मंगलवार को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
योगिनी एकादशी पर बनने वाले 5 शुभ महायोग
योगिनी एकादशी पर धृति योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन धृति योग सुबह 11 बजकर 17 मिनट तक है। इसके बाद शूल योग का निर्माण होगा। धृति योग में भगवान विष्णु की पूजा करना परम फलदायी होगा।
ज्योतिष गणना के अनुसार योगिनी एकादशी पर त्रिपुष्कर योग का निर्माण भी हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 08 बजकर 42 मिनट से हो रहा है और समापन 03 जुलाई को सुबह 04 बजकर 40 मिनट पर होगा।
योगिनी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 27 मिनट से हो रहा है और समापन 03 जुलाई को सुबह 04 बजकर 40 मिनट पर होगा। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होगी। इसके अलावा इस दिन शिव योग का निर्माण हो रहा है।
योगिनी एकादशी व्रत विधि
योगिनी एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा के लिए प्रातः काल उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करना अधिक शुभ होता है। फिर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद श्री हरि का पूजन करें और उन्हें पीले रंग का भोग लगाएं। पूजा के बाद योगिनी एकादशी व्रत की कथा पढ़ें। बाद में विष्णु जी की आरती करें। इस दिन आप जरूरतमंद लोगों को भोजन व दान दक्षिणा भी दें, इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। इस विधि से व्रत पूरा करने से आपके सभी कार्य सिद्ध होते हैं।