Edited By ,Updated: 20 Jan, 2016 10:32 AM
वृंदावन में एक कथा प्रचलित है कि एक गरीब ब्राह्मण बांके बिहारी का परम भक्त था। एक बार उसने एक महाजन से कुछ रुपए उधार लिए। हर महीने उसे थोड़ा-थोड़ा करके वह चुकता करता था। जब अंतिम किस्त रह गई तब महाजन ने उसे अदालती नोटिस भिजवा दिया कि अभी तक उसने
वृंदावन में एक कथा प्रचलित है कि एक गरीब ब्राह्मण बांके बिहारी का परम भक्त था। एक बार उसने एक महाजन से कुछ रुपए उधार लिए। हर महीने उसे थोड़ा-थोड़ा करके वह चुकता करता था। जब अंतिम किस्त रह गई तब महाजन ने उसे अदालती नोटिस भिजवा दिया कि अभी तक उसने उधार चुकता नहीं किया है इसलिए पूरी रकम ब्याज वापस करे। ब्राह्मण परेशान हो गया। महाजन के पास जाकर उसने बहुत सफाई दी, अनुनय-विनय किया, लेकिन महाजन अपने दावे से टस से मस नहीं हुआ। मामला कोर्ट में पहुंचा। कोर्ट में भी ब्राह्मण ने जज से वही बात कही कि मैंने सारा पैसा चुका दिया है। महाजन झूठ बोल रहा है।
जज ने पूछा, कोई गवाह है जिसके सामने तुम महाजन को पैसा देते थे। कुछ सोच कर उसने कहा हां, मेरी तरफ से गवाही बांके बिहारी देंगे। अदालत ने गवाह का पता पूछा तो ब्राह्मण ने बताया, बांके बिहारी, वल्द वासुदेव, बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन।
उक्त पते पर सम्मन जारी कर दिया गया। पुजारी ने सम्मन को मूर्ति के सामने रखकर कहा, ‘‘भगवन, आपको गवाही देने कचहरी जाना है।’’
गवाही के दिन सचमुच एक बूढ़ा आदमी जज के सामने खड़ा होकर बता गया कि पैसे देते समय मैं साथ होता था और फलां-फलां तारीख को रकम वापस की गई थी। जज ने सेठ का बहीखाता देखा तो गवाही सच निकली। रकम दर्ज थी, नाम फर्जी डाला गया था। जज ने ब्राह्मण को निर्दोष करार दिया, लेकिन उसके मन में यह उथल-पुथल मची रही कि आखिर वह गवाह कौन था। उसने ब्राह्मण से पूछा। ब्राह्मण ने बताया कि वह तो सर्वत्र रहता है, गरीबों की मदद के लिए अपने आप आता है।
इस घटना ने जज को इतना उद्वेलित किया कि वह इस्तीफा देकर घर-परिवार छोड़कर फकीर बन गया। बहुत साल बाद वह वृंदावन लौट कर आया पागल बाबा के नाम से। आज भी वहां पागल बाबा का बनवाया हुआ बिहारी जी का एक मंदिर है। जिसका निर्माण स्वर्गीय पागल बाबा के अनुनायियों ने करवाया है। मथुरा मार्ग पर स्थित यह आश्रम चमत्कारी मंदिर है। यहां दर्शनों के लिए जाने वालों को सकारात्मकता की अनुभूति होती है। यह दस मंजिला बना हुआ है और सबसे निचली मंजिल पर लगने वाली कठपुतलियों की प्रदर्शनी के लिए विख्यात है।