Edited By ,Updated: 19 Oct, 2016 09:59 AM
मुम्बई में माता का एक ऐसा मंदिर है जहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्म के लोग माता के दरबार में आकर माथा टेकते हैं। यह माता
मुम्बई में माता का एक ऐसा मंदिर है जहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्म के लोग माता के दरबार में आकर माथा टेकते हैं। यह माता कोई और नहीं माहीम की शीतला देवी हैं।
शीतला देवी मंदिर की मैनेजिंग ट्रस्टी कल्पना प्रभु के अनुसार यह 300 साल पुराना मंदिर है। शीतला देवी की मूर्त स्वयंभू है। यह यहां के मछुआरों को दरिया में मिली थी। कोली समाज पाठारे प्रभु, सूर्यवंशी, आगरी समाज, राजस्थानी समाज इस देवी को अपनी कुलदेवी मानता है। मंदिर पुजारी दिनेश सप्रे कहते हैं जब छोटे बच्चों को चेचक (माता) निकलती है तो सभी धर्मों के लोग शीतला मां के यहां आकर शीतल यानी ठंडा हो जाने की प्रार्थना करते हैं।
यहां के मुस्लिम परिवार के लोग भी मंदिर प्रांगण में स्थित कुएं के जल से अपने बच्चों को निकली (देवी) चेचक को शांत करते हैं। शीतला देवी मंदिर के कुएं के जल को ईसाई समुदाय के लोग भी पवित्र मानते हैं। शादी के समय इसी जल से पवित्र होकर वे चर्च में शादी के लिए जाते हैं।
मंदिर अध्यक्ष अवधूत दाभोलकर के अनुसार मंदिर प्रांगण में स्थित खोकला देवी के दर्शन से बच्चों को होने वाली खांसी दूर हो जाती है।
यहां गेहूं का आटा तथा नमक चढ़ाने की प्रथा है। शीतला देवी मंदिर प्रांगण में हनुमान जी, गणेश जी, शांता दुर्गा, त्रिमूर्ति काली, विट्ठल-रुक्मिणी के मंदिर हैं। यहां प्रत्येक नवरात्रोत्सव में भक्तों की भारी भीड़ रहती है।
इस मंदिर का संचालन गौड़-सारस्वत ब्राह्मण ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।