Edited By rajesh kumar,Updated: 29 Nov, 2020 12:23 PM
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आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर वी. के. तिवारी ने शनिवार को कहा कि न केवल स्कूलों में क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा की नीति तय की जाए बल्कि तकनीकी संस्थानों में भी यह नीति विकसित की जाए] ताकि सीखने में भाषा बाधा नहीं बने।
एजुकेशन डेस्क: आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर वी. के. तिवारी ने शनिवार को कहा कि न केवल स्कूलों में क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा की नीति तय की जाए बल्कि तकनीकी संस्थानों में भी यह नीति विकसित की जाए ताकि सीखने में भाषा बाधा नहीं बने। तिवारी ने तकनीकी शिक्षा में क्षेत्रीय भाषा को अपनाने को ‘आवश्यक दीर्घावधि लक्ष्य' बताया।
उन्होंने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर इस बारे में शिक्षा मंत्रालय के निर्णय की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि मानव मस्तिष्क उस भाषा में संचार को ज्यादा ग्रहण करता है जिसे वह बचपन से जानता है। उन्होंने कहा कि आईआईटी खड़गपुर में गुजारे गए उनके चार दशक के समय में पहले छात्र के रूप में और फिर शिक्षक के रूप में पूरा पठन-पाठन अंग्रेजी में हुआ। उन्होंने कहा कि छात्रों को जब क्षेत्रीय भाषा और विशेष रूप मातृभाषा में पढ़ाया जाता है तो उनके लिए सीखना काफी आसान हो जाता है।