फैशन डिजाइनर बनने के अलावा फैशन इंडस्ट्री में करियर के और भी है कई विकल्प

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 11:21 AM

fashion designer  career  fashion industry  students  salary

एक फैशन डिजाइनर को कपड़े की बुनावट, कपड़े के ज्ञान, रंगों, डिजाइनों की पूरी जानकारी होनी...

नई दिल्ली : एक फैशन डिजाइनर को कपड़े की बुनावट, कपड़े के ज्ञान, रंगों, डिजाइनों की पूरी जानकारी होनी चाहिए। डिजाइनर का ज्यादातर समय खोज और अनुसंधान में बीतता है, क्योंकि कब, क्या और कौन-सा फैशन प्रचलन में आ जाए, उसकी जानकारी उसे होनी चाहिए। अगर तफसील से जाएंगें तो एक फैशन डिजाइनर कपड़े का फैब्रिक, टैक्सचर, कलर कोड सहित परिधान के बारे में सोचता है, योजना बनाता है और इसे आकार देता है।

फैशन डिजाइनर 
एक फैशन डिजाइनर को कपड़े की बनावट, कपड़े के ज्ञान, रंगों, डिजाइनों, सामग्रियों की पूरी जानकारी होनी चाहिए। जब डिजाइनर अपनी डिजाइन के प्रति पूरी तरह से संतुष्ट हो जाता है, तो वह किसी पेशेवर पैटर्न मेकर से सलाह लेता है। फैशन कलैक्शन में डिजाइनर हर एक सीजन में अपने उच्च और मार्कीट के लिए नए विचारों और नए प्रचलनों को सामने रखते हैं।

अपैरल मर्चैंडाइजर 
अपैरल मर्चैंडाइजर पर मार्केटिंग की जिम्मेदारी  होती है। उन्हें पिछले और वर्तमान तथ्यों, आंकड़ों का अध्ययन कर फैशन ट्रैंड का विश्लेषण करना होता है। ये फैशन बाजार की नई मांग को पूरा करने के लिए खरीदार, फैशन डिजाइनर और प्रोडक्शन टीम के साथ समन्वय करते हैं। अपैरल मर्चैडाइजर को फैशन ट्रैंड, टैक्सचर, सामग्री, कलर, बाजार की मांग और उत्पादन प्रकिया का ज्ञान होना चाहिए।

विजुअल मर्चैंडाइजर
यह तुलनात्मक रूप से एक नया क्षेत्र है, जिसमें नई संभावनाएं आकार ले रही हैं। विजुअल मर्चैंडाइजर का खास काम इंप्रैसिव विंडो डिस्प्ले तैयार करना होता है। विजुअल मर्चैंडाइजर के लिए फैशन बुटीक, शॉपिंग मॉल और व्यापार केंद्रों में रोजगार की अधिक संभावनाएं हैं। इसके अलावा शॉप लोर, फैशन रिटेलर, कंट्रोल सुपरवाइजर व एक्सपोर्ट मैनेजर के रूप में करियर संवार सकते हैं।

फैशन स्टाइलिस्ट 
फैशन प्रोडक्ट्स की बिक्री बढ़ाने ओर फैशन शो के कार्यों के समन्वय की जिम्मेदारी फैशन स्टाइलिस्ट की होता है। रंगों से जुड़ी हर चीज पर ध्यान देना होता है, ताकि सभी काम शो की थीम के मुताबिक पूरे किए जा सकें। उसे बदलते ट्रैंड, मौजूदा फैशन परिवेश व उद्योग के हर पहलू की जानकारी होनी चाहिए।

फैशन को-ऑडिनेटर 
मैन्युफैक्चरिंग हाऊस, टैक्सटाइल फर्म और रिटेल स्टोर के लिए फैशन परिधानों की मार्कीटिंग, निरीक्षण का काम फैशन को-ऑडिनेटर का होता है। ये फैशन ट्रैंड, फैशन शो, विज्ञापन, बिक्री बढ़ाने और फैब्रिक डीलर को रंग, बटन व दूसरी फैशन जरूरतों की जानकारी देने का काम करते हैं। अच्छी संवाद कुशलता सहित कला कौशल इस क्षेत्र में तरक्की की संभावनाओं को बड़ा देते हैं।

फैशन कंसल्टैंट 
एक फैशन कंसल्टैंट से उम्मीद की जाती है कि उसे फैशन ट्रैंड और उसमें आने वाले बदलाव के साथ फैशन डिजाइङ्क्षनग की पूरी जानकारी हो। 

कौन-कौन से हैं कोर्स 
यह एक प्रोफैशनल कोर्स है। इसके तहत अपैरल डिजाइनिंग , फैशन डिजाइनिंग , प्रोडक्शन मैनेजमैंट, क्लोदिंग टैक्नोलॉजी, टैक्सटाइल, अपैरल कंस्ट्रक्शन मैथ्ड, कलर मिकिंसिग एवं डिजाइन आदि क्षेत्रों में से किसी एक का चुनाव करना होगा। 

योग्यता 
अंडरग्रैजुएट कोर्स के लिए किसी भी  विषयों से 50 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास होना अनिवार्य है। साथ ही एडमिशन के लिए लिखित परीक्षा और इंटरव्यू से गुजरना पड़ता है। वहीं पी.जी. में एडमिशन के लिए स्नातक होना जरूरी है।

सैलरी 
ट्रेनी के तौर पर वेतन 10 से 12 हजार तक मिलता है। अनुभव के साथ-साथ सैलरी बढ़ती जाती है।

प्रमुख संस्थान 
अपैरल मेड-अप व होम फिनशिंग सैक्टर स्किल काऊंसिल प्रथम तल, सैक्टर-6, आर.के. पुरम, काम कोटी मार्ग, नई दिल्ली-110022
नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ  फैशन टैक्नोलॉजी, नई दिल्ली
पर्ल एकैडमी ऑफ   फैशन, दिल्ली
 

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!