Edited By Riya bawa,Updated: 23 Sep, 2019 12:05 PM
हर एक इंसान जिंदगी में मुश्किलों से जूझते...
नई दिल्ली: हर एक इंसान जिंदगी में मुश्किलों से जूझते हुए किसी न किसी दिन सफलता हासिल करता है। एक ऐसी ही कहानी की बात करने जा रहे है जिन्होंने ने माउंट एवरेस्ट के पहाड़ पर चढ़कर रिकॉर्ड कायम किया है। जुन्को ताबेईके जन्मदिवस के मौके पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया है।
बता दें कि गूगल ने अपने डूडल के माध्यम से माउंट एवरेस्ट के पहाड़ पर चढ़ने वाली पहली महिला जन्को ताबेई को सम्मानित किया गया है। आज उनका 80वां जन्मदिन है। गूगल डूडल में आप देख सकते हैं कि जुन्को का एनीमेशन बनाया गया है।
ये है खास बातें
--गूगल ने डूडल में सात पर्वतों पर कूदते हुए एक एनिमेटेड आकृति बनाई है। जन्को ताबेई जापान से थीं, उनका जन्म 22 सितंबर 1939 और निधन 20 अक्टूबर 2016 में हुआ था।
-वह 76 अलग-अलग देशों में पर्वतों पर पहुंचने वाली एकमात्र महिला बनी थीं। माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने के 12 दिन पहले वो बर्फीले तूफान की चपेट में आ गई थीं, उनके एक गाइड ने उन्हें बर्फ से बाहर निकाला, इसके बाद भी उन्होंने चढ़ाई जारी रखी।
--जन्को ताबेई ने एक बार कहा था कि 'तकनीक और क्षमता अकेले आपको शीर्ष पर नहीं पहुंचाते हैं - यह इच्छा शक्ति है जो सबसे महत्वपूर्ण है। ये ऐसी ताकत है जिसे पैसों से नहीं खरीदा जा सकता है, ये आपके दिल में पैदा होता है।
-वह 16 मई, 1975 को ऑल फीमेल कलाइंबिंग पार्टी की नेता के तौर पर एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचीं। 1992 में, वह “सेवन समिट्स” को पूरा करने वाली पहली महिला बनीं, जो सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर पहुंची। जुन्को का निधन 20 अक्टूबर 2016 को पेट के कैंसर की वजह से हुआ था, वह 77 साल की थीं। कैंसर के इलाज के दौरान भी उन्होंने चढ़ाई जारी रखी थीं।
जुन्को ताबेईके----
एवरेस्ट फतह करने के 16 वर्ष बाद 1991 में उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा था, ''मैं और भी पर्वत फतह करना चाहती हूं.'' उन्होंने यह साहस भरा काम एक ऐसे देश में रहते हुए किया था जहां महिलाओं की जगह घर में मानी जाती थी।