Edited By Riya bawa,Updated: 16 Nov, 2019 04:36 PM
हर जीवन की कहानी एक सी नहीं होती, लेकिन किसी मोड़ ...
नई दिल्ली: हर जीवन की कहानी एक सी नहीं होती, लेकिन किसी मोड़ पर कुछ ऐसा होता है जिससे पूरी कहानी बदल जाती है। बहुत से उम्मीदवार अपना ख्वाब पूरा करने के लिए वर्षों तैयारी करते हैं। कुछ के सपने साकार हो जाते हैं, तो कुछ उसे सच करने की कोशिश में लगे रहते हैं। आज एक ऐसी ही संघर्ष भरी कहानी से रूबरू करवाने जा रहे है जो पेशे से वकील थीं लेकिन उनके मन में सिविल सर्विसेज में जाने की ख्वाहिश थी।
उन्होनें वकालत छोड़कर सिविल सर्विस की तैयारी शुरू की हालांकि पहली बार उन्हें असफलता मिली लेकिन अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने हार नहीं मानीं, वो डटी रहीं। आखिरकार इसका नतीजा ये हुआ कि उन्हें सफलता मिल गई।
जाने कैसे की सफलता हासिल
जॉब छोड़कर की UPSC की तैयारी
वैशाली फरीदाबाद के बल्लभगढ़ से ताल्लुक रखती हैं। उन्होनें फरीदाबाद से ही पढ़ाई-लिखाई की है इसके बाद उन्होंने वकालत की डिग्री ली और कुछ वक्त तक कॉरपोरेट लॉ में काम भी किया लेकिन उनका मन कहीं न कहीं यूपीएससी में लगा हुआ था। इसलिए उन्होंने जॉब छोड़कर सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया।
पहली बार में मिली असफलता
साल 2017 में उन्होंने पहली बार परीक्षा दी लेकिन फेल हो गईं, पहले प्रयास में भले ही वो एग्जाम क्रैक न कर पाई हों लेकिन इस दौरान हुई गलतियों से उन्होंने बहुत सीखा। इसके साथ ही उन्होंने कोशिश कि ये गलतियां उनसे दोबारा न हो।
एक सवाल को पढ़ने में लगते थे 2 मिनट
वैशाली के अनुसार उनकी इस आदत की वजह से उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। हालात ये हो गए कि परीक्षा के दौरान उन्हें एक सवाल को समझने में करीब 2 मिनट तक का वक्त लगता था।
टाइम टेबल पर दें ध्यान
वैशाली का कहना है कि उम्मीदवार को परीक्षा के दो महीने पहले कैंडिडेट्स को अपना टाइम टेबल बदल देना चाहिए। टाइम टेबल के अनुसार इसकी तैयारी करनी चाहिए, ताकि उस वक्त आप खुद को रिफ्रेश महसूस करें। इन सब कमियों को पहचानने के बाद मैंने इन पर काम करना शुरू किया धीरे-धीरे मैंने खुद में बदलाव किया और फिर साल 2018 में यूपीएससी परीक्षा क्रैक कर ली थी और 8वीं रैंक हासिल की।