पेंटिंग एंड एप्लाइड आर्ट में बनाएं करियर, हर महीने होगी अच्छी कमाई

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Mar, 2018 01:05 PM

make career in painting and applied arts every month will earn good earnings

जब आपका मनपसंद शौक आपका करियर बन जाता है तो आप अपना सौ फीसदी उसमें देते ...

नई दिल्ली : जब आपका मनपसंद शौक आपका करियर बन जाता है तो आप अपना सौ फीसदी उसमें देते हैं और फिर सफल होने से आपको कोई नहीं रोक सकता। ऐसा ही एक पैशन है आर्ट, जो शौक से शुरू होता है और अगर चाहें तो एक ऐसा करियर बन जाता है, जहां पैसा भी है, अपने शौक से ताउम्र जुड़े रहने का सुकून भी और शोहरत भी। इसमें नौकरी करने के तो बेशुमार मौके हैं ही, फ्रीलांसिंग करके भी अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। यदि आप में हुनर है तो अपनी कला प्रदर्शनियों के सहारे आप नाम और पैसा दोनों कमा कर शोहरत की बुलंदियों को छू सकते हैं।

कोर्स एवं योग्यता
दिल्ली कोलाज ऑफ आर्ट के संस्थापक और प्रिंसिपल  अश्विनी कुमार पृथ्वीवासी ने बताया कि पेंटिंग और एप्लाइड आर्ट के 4-4 साल के डिग्री कोर्स बी.एफ.ए. (बैचलर इन फाइन आर्ट) के लिए अभ्यर्थी का किसी भी संकाय से 12वीं पास होना जरूरी है। इन्हीं में 2-2 साल के एम.एफ.ए. (मास्टर्स इन फाइन आर्ट) के डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए किसी भी संकाय में स्नातक होना चाहिए। इसके अलावा डिप्लोमा कोर्स भी उपलब्ध हैं। पेंटिंग और एप्लाइड आर्ट विद ग्राफिक डिजाइनिंग के 4-4 साल के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों (डी.एफ.ए.) के लिए अभ्यर्थी का 12वीं पास होना जरूरी है।

कोर्स के दौरान छात्रों को बेसिक ड्राइंग एंड पेंटिंग, मीडियम एंड टैक्नीक्स, आर्ट एंड क्राफ्ट, म्युरल्स, ग्राफिक्स, एडीशनल आर्ट तथा थ्यूरी की पढ़ाई करवाई जाती है। थ्यूरी में हिस्ट्री ऑफ आर्ट, एस्थैटिक्स और मैथड एंड मैटीरियल पढ़ाया जाता है। अश्विनी के अनुसार, हर बच्चा, हर छात्र अपने बचपन में कागज पर चित्र उकेरता है, रंगों का संसार बनाता है पर कुछ बच्चों के बनाए चित्र देख उनके माता-पिता, उनके सहपाठी, उनके शिक्षक हैरत में रह जाते हैं। बावजूद इसके उनकी यह जन्मजात प्रतिभा, यह शौक, यह हुनर धीरे-धीरे खत्म हो जाता है, क्योंकि हम सब, चाहे  शिक्षक हों या अभिभावक, अपनी इच्छाएं, अपनी सोच उन पर लाद देते हैं और उन्हें ऐसे विषयों की तरफ धकेल देते हैं, जिनमें न तो उनका मन लगता है और न ही उनमें उनसे जुड़ी प्रतिभा  होती है। हम आज सामने आ रहे करियर के अनूठे एवेन्यूज के बावजूद उन्हें इंजीनियर, डॉक्टर, एम.बी.ए. प्रोफैशनल के दायरे से बाहर नहीं निकलने देते। इस सोच को बदलना होगा। अगर बच्चे में अच्छा आॢटस्ट बनने के लक्षण दिखाई दें तो उसे प्रोत्साहित करेें

अवसर
फाइन आर्ट के प्रोफैशनल्स को अपने हुनर और व्यक्तित्व के मुताबिक आर्ट स्टूडियोज, विज्ञापन एजैंसियों, टैक्सटाइल उद्योग, प्रकाशन संस्थानों, टैलीविजन, फिल्म और थिएटर प्रोडक्शन्स में मौके मिलते हैं। इसके अलावा वे टीचंग को भी करियर विकल्प के रूप में अपना सकते हैं। कुछ लोग आर्ट क्रिटिक के रूप में आर्ट पर लिखने को ही अपने प्रोफैशन के रूप में चुन लेते हैं। वैसे कुछ लोग पेंटिंग, स्कल्प्चर, सिरेमिक डिजाइन, म्युरल डिजाइन और पॉटरी डिजाइन से भी खासा कमा रहे हैं।

वेतन
जो मीडिया या प्रकाशन संस्थानों, विज्ञापन एजैंसियों और टैक्सटाइल उद्योग में काम कर रहे हैं, उनकी शुरूआत 12000 से 25000 रुपए महीने से हो जाती है। प्रोडक्शन हाऊस में काम करने वाले 8000 से 20000 रुपए महीने से अपनी शुरूआत करते हैं। 

महत्वपूर्ण संस्थान
नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद
कॉलेज ऑफ आर्ट, दिल्ली
दिल्ली कालेज ऑफ आर्ट, दिल्ली
सर जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट, मुम्बई
एम.एस. यूनिवर्सिटी  ऑफ बड़ौदा, गुजरात
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