मेधा 2024: किफायती चिकित्सा उपकरण के निर्माण पर काईट का बढ़ता रुझान

Updated: 25 Sep, 2024 11:13 AM

medha 2024 kite s increasing focus on manufacturing

काईट ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने मंगलवार यानी 24 सितंबर 2024 को हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी में सहयोग और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए मेडिकल डिवाइस हैकथॉन MEDHA 2024 का समापन किया। यह कार्यक्रम काईट कैंपस में 23-24 सितंबर, 2024 को आयोजित किया गया जिसमें...

नई दिल्ली,टीम डिजिटल। काईट ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने मंगलवार यानी 24 सितंबर 2024 को हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी में सहयोग और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए मेडिकल डिवाइस हैकथॉन MEDHA 2024 का समापन किया। यह कार्यक्रम काईट कैंपस में 23-24 सितंबर, 2024 को आयोजित किया गया जिसमें मेडिकल डिवाइस क्षेत्र में दबाव वाली चुनौतियों से निपटने के लिए महत्वाकांक्षी इंजीनियरों, चिकित्सा पेशेवरों और उद्योग विशेषज्ञों को एक साथ लाया गया। हैकाथॉन में कुल 12 संस्थानों के लगभग 150 प्रतिभागियों ने सामूहिक रूप से भाग लिया जिनमें केआईईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, डीआईटी यूनिवर्सिटी देहरादून, एमआईईटी, मेरठ, एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, नोएडा, आईटीएस मुरादनगर जैसे अन्य संस्थान के छात्र शामिल थे।

मेधा 2024 ने प्रतिभागियों को विविध पृष्ठभूमि के साथियों और सलाहकारों के साथ काम करते हुए चिकित्सा उपकरण नवाचार में व्यावहारिक एक्सपीरिंयस लेने के लिए एक अनोखा मंच दिया गया। हैकथॉन की संरचना ने वास्तविक दुनिया की नैदानिक समस्याओं (clinical problems) को हल करने के लिए अंतःविषय टीमवर्क, रचनात्मक समस्या-समाधान और प्रोटोटाइप निर्माण हेतु प्रोत्साहित किया। हैकाथॉन का समापन एक प्रतिष्ठित जूरी पैनल के समक्ष टीम प्रेजेंटेशन के साथ हुआ, जहां प्रतिभागियों ने अपने अभिनव समाधान प्रस्तुत किए। 

विजेताओं को चार श्रेणियों में पुरस्कार दिए गए जैसे कि सर्वश्रेष्ठ वाणिज्यिक परियोजना (‘दंत चिकित्सा प्रक्रियाओं के दौरान चिंता का पता लगाने के लिए स्मार्ट पहनने योग्य उपकरण’ और ‘लंबे समय तक बिस्तर पर रहने वाले रोगियों में बिस्तर के घावों को रोकने के लिए उपकरण’ समस्या कथनों के लिए पुरस्कार दिए गए), सर्वश्रेष्ठ डिज़ाइन (‘संक्रमण में उच्च-श्रेणी के बुखार को कम करने के लिए गैर-औषधीय दृष्टिकोण’ और ‘प्रकरणों को बाधित करने के लिए फीडबैक के साथ वास्तविक समय स्लीप एपनिया निगरानी’ समस्या कथनों के लिए पुरस्कार दिया गया), सर्वश्रेष्ठ नवाचार (‘सत्रों के दौरान देखभाल करने वाले की पीठ दर्द को रोकने के लिए पोर्टेबल फिजियोथेरेपी डिवाइस’ समस्या कथन को पुरस्कार प्रदान किया गया) और सर्वश्रेष्ठ प्रोटोटाइप (‘श्वसन मार्ग को जीवाणु और वायरल संक्रमण से बचाने का समाधान’, ‘चिकित्सा उपकरणों को कीटाणुरहित करने के लिए पोर्टेबल सौर ऊर्जा चालित उपकरण’, तथा ‘दूरस्थ क्षेत्रों में वास्तविक समय निदान के लिए कॉम्पैक्ट, कम लागत वाली इमेजिंग डिवाइस’ समस्या कथनों के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए)। उन्हें आईआईटी बॉम्बे मेडिकल डिवाइस हैकाथॉन (मेधा 2024) स्टेज 2 में भाग लेने का अवसर दिया गया।
संस्थान की महानिदेशक डॉ. प्रीति बजाज ने इस आयोजन की सफलता पर टिप्पणी करते हुए कहा: 'मेधा 2024 इंजीनियरिंग और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का उदाहरण है। हमारे प्रतिभागियों द्वारा प्रदर्शित रचनात्मकता और समर्पण वास्तव में प्रेरणादायक रहा है और हम यह देखने के लिए उत्साहित हैं कि ये विचार चिकित्सा प्रौद्योगिकी के भविष्य को कैसे आकार देंगे।'

डॉ. के. नागराजन, प्रिंसिपल, काईट स्कूल ऑफ फार्मेसी, ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे प्रतिभागियों ने नैदानिक समस्याओं को प्रदर्शित करने वाले वीडियो देखकर शुरुआत की, फिर इन चुनौतियों से निपटने के लिए अंतःविषय टीमों का गठन किया। टीमों ने समस्या को समझने और परिभाषित करने, नए समाधानों पर विचार-विमर्श करने, अवधारणाओं को रेखांकित करने और प्रोटोटाइप बनाने और परीक्षण करने की एक व्यापक प्रक्रिया से गुज़रा। इस व्यावहारिक दृष्टिकोण ने प्रतिभागियों को एक संक्षिप्त समय सीमा में चिकित्सा उपकरण विकास के पूरे चक्र का अनुभव करने की अनुमति दी। 

समापन समारोह के मुख्य अतिथि, डॉ. राकेश गुप्ता, निदेशक, जीआईएमएस, ग्रेटर नोएडा ने इस आयोजन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, 'मेधा ने हमें व्यक्तिगत रूप से जितना हासिल कर सकते थे, उससे कहीं ज़्यादा हासिल करने में मदद की है। इसने हमें अंतःविषयी टीमें बनाने का अवसर दिया है जो चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी वास्तविक समस्याओं का समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करती हैं। सरकार सभी संसाधन दे रही है और हम सभी को विकसित भारत के विज़न में योगदान देना चाहिए।' उन्होंने छात्रों को अस्पतालों का दौरा करके, रोगियों और डॉक्टरों से बातचीत करके जमीनी स्तर पर वास्तविक समस्याओं का विश्लेषण करने और प्रारंभिक अवस्था में बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रासंगिक समाधान तैयार करने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

श्री सरिश अग्रवाल जी (संस्थान के अध्यक्ष), श्री अतुल गर्ग जी (सांसद और संस्थान के उपाध्यक्ष), श्री सुनील पी गुप्ता जी (संस्थान के महासचिव) ने मुख्य अतिथि के साथ विजेताओं को सम्मानित किया। अपने संबोधन के दौरान, श्री अतुल गर्ग जी ने आज के तकनीक-संचालित समाज में चिकित्सा नवाचार के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को अपने जुनून का पालन करते रहने और समाज में यथासंभव योगदान देने के लिए प्रेरित किया।

अंत में, टीबीआई-काइट के महाप्रबंधक डॉ. सौरव कुमार ने मेधा 2024 का हिस्सा बनने के लिए सभी गणमान्य व्यक्तियों, मुख्य अतिथि, डीन और प्रतिभाशाली प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने विजेताओं के साथ-साथ आयोजन टीम को बधाई दी और साझा किया, 'मेधा 2024 की सफलता चिकित्सा नवाचार को आगे बढ़ाने में सहयोगी प्रयासों के महत्व को रेखांकित करती है। विविध प्रतिभाओं और दृष्टिकोणों को एक साथ लाकर, हैकथॉन ने न केवल आशाजनक समाधान उत्पन्न किए हैं, बल्कि मेड-टेक इनोवेटर्स की अगली पीढ़ी को विकसित करने में भी मदद की है।'

Source: Navodaya Times

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